राजनीतिक हस्तक्षेप से परेशान BLOs, तमिलनाडु में कामकाज प्रभावित
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राजनीतिक हस्तक्षेप से परेशान BLOs, तमिलनाडु में कामकाज प्रभावित

उत्तर और दक्षिण चेन्नई में तैनात BLOs का कहना है कि वे तीव्र कार्यभार और राजनीतिक आरोपों से परेशान हैं।


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तमिलनाडु में जारी मतदाता सत्यापन और नामांकन प्रक्रिया के दौरान बूथ लेवल अधिकारियों (BLOs) पर काम का बोझ, राजनीतिक हस्तक्षेप और तनाव लगातार बढ़ रहा है। राज्यभर के BLOs बता रहे हैं कि मतदाता विवरण की जांच और सूची अपडेट करने का उनका नियमित कार्य अब राजनीतिक दबाव और खतरों के कारण भावनात्मक तनाव का स्रोत बन गया है।

तनावग्रस्त BLOs

कई BLOs ने द फेडरल को बताया कि उन्हें प्रतिदिन भारी मात्रा में सत्यापन कार्य पूरा करना होता है, लेकिन इससे भी अधिक चुनौती राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं का हस्तक्षेप है। सत्ताधारी DMK से लेकर AIADMK, Naam Tamilar Katchi (NTK) और Tamizhaga Vettri Kazhagam (TVK) सभी दलों के कार्यकर्ता BLOs पर तुरंत अपडेट देने और अपनी सूची के पते प्राथमिकता देने का दबाव बना रहे हैं। पिछले सप्ताह AIADMK नेताओं ने चेन्नई में चुनाव सूची में हेरफेर का आरोप लगाकर विरोध प्रदर्शन भी किया।

बढ़ते आरोपों के बीच तमिलनाडु की मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) अर्चना पटनायक ने कहा कि BLOs निष्पक्ष रूप से अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं और उन्हें पर्याप्त प्रशिक्षण दिया गया है। DMK के BLA2 कार्यकर्ताओं द्वारा BLOs को धमकाने के आरोपों पर उन्होंने कहा कि वे अपने दायित्वों से अवगत हैं और राजनीतिक दबाव से प्रभावित होने की संभावना नहीं है। यदि किसी राजनीतिक दल को कोई शिकायत है तो उन्हें साक्ष्य प्रस्तुत करना होगा।

चेन्नई में सबसे अधिक दबाव

उत्तर और दक्षिण चेन्नई में तैनात BLOs का कहना है कि वे तीव्र कार्यभार और राजनीतिक आरोपों से परेशान हैं। दक्षिण चेन्नई की एक महिला BLO ने बताया कि पार्टी कार्यकर्ताओं के लगातार फोन और खास मकानों में जाने के दबाव से वह रविवार (23 नवंबर) को रो पड़ीं। उनका कहना था कि हम समझाते हैं कि प्रक्रिया में समय लगता है, लेकिन वे कहते हैं कि हम सत्ताधारी पार्टी का पक्ष ले रहे हैं। यह बेहद निराशाजनक है।

शहरी क्षेत्रों में काम और कठिन

घनी आबादी वाले अपार्टमेंट, बंद घर और गेटेड कम्युनिटीज की सख्त सुरक्षा व्यवस्था के कारण BLOs को एक ही पते पर कई बार जाना पड़ता है। उत्तर चेन्नई के एक अधिकारी ने कहा कि कई गेटेड सोसाइटियों में सुरक्षा कर्मी हमें अंदर नहीं आने देते। फॉर्म देने के लिए भी सड़क पर घंटों इंतजार करना पड़ता है। तीन बार विज़िट किए बिना किसी मतदाता को अनुपलब्ध नहीं माना जा सकता।

कल्लाकुरिची में BLO की आत्महत्या

कल्लाकुरिची जिले में एक BLO की आत्महत्या ने स्थिति की गंभीरता को उजागर कर दिया है। परिवार का आरोप है कि अत्यधिक दबाव और अपेक्षाओं ने उन्हें यह कदम उठाने पर मजबूर किया। कई BLOs का कहना है कि तेज़ी से बदलते मतदाता डेटा, बार-बार के फील्ड विज़िट और त्वरित एंट्री के दबाव की वजह से आराम का समय लगभग नहीं बचता।

अर्चना पटनायक ने बताया कि SIR प्रक्रिया के तहत 96.2% फॉर्म वितरित किए जा चुके हैं और 50% फॉर्म भरकर BLOs को लौटाए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में 68,467 BLOs, 33,000 वॉलंटियर्स और 83,256 अधिकारी इस प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं। साथ ही तमिलनाडु में 2.43 लाख BLA2 कार्यकर्ता देश में सबसे अधिक काम कर रहे हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि कोई भी योग्य मतदाता बिना वैध कारण हटाया नहीं जाएगा। हम सुनिश्चित कर रहे हैं कि सभी पात्र मतदाताओं का सत्यापन हो।

बिहार से आए प्रवासी श्रमिकों के नाम जोड़ने पर विवाद

बिहार के प्रवासी श्रमिकों को मतदाता सूची में शामिल करने को लेकर उठे विवाद पर CEO ने बताया कि अब तक 869 प्रवासी श्रमिकों के आवेदन प्राप्त हुए हैं। वे विभिन्न राज्यों से हैं, केवल बिहार से नहीं। सभी ने आवेदन और दस्तावेज जमा किए हैं। उनका सत्यापन किया जाएगा।

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