कौन बनेगा दिल्ली का मुख्यमंत्री? सुनीता केजरीवाल या कोई और
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कौन बनेगा दिल्ली का मुख्यमंत्री? सुनीता केजरीवाल या कोई और

दो दिन बाद दिल्ली के नए मुख्यमत्री के नाम का एलान किया जाएगा, इस बीच अलग अलग नामों के कयास लगाया जा रहा है. ऐसे में सबसे ज्यादा चर्चा सुनीता केजरीवाल की हो रही है. आतिशी भी लिस्ट में हैं लेकिन फिर भी सुनीता केजरीवाल को लेकर काफी ज्यादा सम्भावना व्यक्त की जा रही है.


Kaun Banega ka Delhi ka Mukhymantri: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने इस बात का एलान कर दिया कि दो दिन बाद वो इस्तीफा दे देंगे लेकिन इस बात पर सस्पेंस बरकरार रखा है कि भावी मुख्यमंत्री कौन होगा, इसी सस्पेंस की वजह से अलग अलग नामों पर कयास लगाए जा रहे हैं. इनमें भी सबसे ज्यादा शोर सुनीता केजरीवाल के नाम का ही है. देखने वाली बात ये है कि ये कयास सच होता है या नहीं, इसका पता दो दिन बाद ही चलेगा.

पार्टी सूत्रों का कहना है कि आम आदमी पार्टी में जो नाम मुख्यमंत्री की रेस में सबसे ज्यादा आगे है वो है सुनीता केजरीवाल का. सुनीता केजरीवाल अपनी नौकरी से इस्तीफा देने के बाद से पार्टी की गतिविधियों में जुड़ चुकी हैं. जब से अरविन्द केजरीवाल जेल गए तब से सुनीता केजरीवाल की सक्रियता और भी ज्यादा बढ़ गयी. हरियाणा चुनाव के लिए पार्टी की तरफ से सुनीता केजरीवाल अभी तक स्टार प्रचारक के तौर पर भी सक्रिय हैं. वहीँ लोकसभा चुनाव की बात करें तो केजरीवाल जिस समय जेल में थे तो सुनीता केजरीवाल ही थीं, जो पार्टी के प्रतिनिधि के तौर पर इंडिया गठबंधन की बैठकों में शामिल हुए थे.

मुख्यमंत्री आवास नहीं करना होगा खाली
वहीँ कुछ लोगों का ये भी कहना है कि मुख्यमंत्री के पद के लिए सुनीता केजरीवाल का नाम इसलिए भी ज्यादा सटीक प्रतीत होता है क्यूंकि उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद सब कुछ पहले जैसा ही रहेगा. मुख्यमंत्री आवास भी केजरीवाल परिवार के पास ही रहेगा.

आम आदमी पार्टी वन मैन शो
आम आदमी पार्टी की बात करें तो बेशक दुनिया को दिखाने के लिए इस पार्टी में लोकतंत्र की बात की जाती है लेकिन जो दूसरी बात और कही जाती है, वो ये है कि ये पार्टी और अन्य क्षेत्रीय पार्टियों की तरह ही वन मैन शो के सिद्धांत पर ही काम करती है. कुमार विश्वास हो, योगेन्द्र यादव हो या फिर प्रशांत भूषण, जिस तरह से इन सभी प्रमुख लोगों को आप से बाहर किया गया या फिर बाहर जाने के लिए मजबूर किया गया, उससे यही सन्देश भी दिया गया कि आप में अरविन्द केजरीवाल ही सब कुछ है. जो कोई केजरीवाल के समकक्ष होने लगता है या होने की सोचता है तो उसे पार्टी से बाहर भेजने का रास्ता तैयार कर दिया जाता है.
इसलिए इस बात की प्रबलता सबसे अधिक है कि सुनीता केजरीवाल को ही मुख्यमंत्री बनाया जाए.

मनीष सिसोदिया को केजरीवाल ने पहले ही कर दिया रेस से बाहर
मनीष सिसोदिया की बात की जाए तो अरविन्द केजरीवाल के बाद वो पार्टी के दूसरे प्रमुख नेता हैं. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री के तौर पर मनीष सिसोदिया को जनता ने काफी पसंद भी किया. लेकिन आज 15 सितम्बर को जब अरविन्द केजरीवाल ने अपने इस्तीफे की बात का एलान किया तो साथ में ये भी कहा कि '' मैं और मनीष जनता के बीच जाकर अपने इमानदार होने की बात कहेंगे''. यानी ये स्पष्ट सन्देश दिया गया कि सिसोदिया मुख्यमंत्री की रेस से बाहर हैं, वो भी शराब घोटाले में आरोपी हैं.

आतिशी
पार्टी में एक और नाम पर बीच बीच में चर्चा हो जाती है, वो है आतिशी की. लेकिन पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि जहाँ तक झंडा फहराने और मंत्रालयों को संभालने की बात है वहां तक तो आतिशी का नाम सही है. मुख्यमंत्री पद के लिए उनका नाम सुनीता केजरीवाल से ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है.

क्या बगैर चुना व्यक्ति बन सकता है मुख्यमंत्री
सम्ब्विधान विशेषज्ञ एसके शर्मा का कहना है कि इस बात को लेकर स्पष्ट लिखा गया है कि एक सदस्य जो विधायक नहीं है, वो मंत्री/मुख्यमंत्री बन सकता है. लेकिन उसे 6 महीने के अन्दर चुनाव लड़ कर विधानसभा की सदस्यता हासिल करनी होगी. इसलिए संवैधानिक तौर पर सुनीता केजरीवाल के लिए मुख्यमंत्री बनने में किसी तरह की कोई अड़चन नहीं है.


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