
कर्नाटक में CM कुर्सी पर संग्राम के बीच हाईकमान ने सुझाई 'ब्रेकफास्ट डिप्लोमेसी'
सिद्धारमैया–शिवकुमार विवाद पर कांग्रेस हाईकमान सक्रिय; सोशल मीडिया जंग पर फटकार, कल नाश्ते पर होगी दोनों नेताओं की मुलाक़ात।
Breakfast Diplomacy: कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच जारी सत्ता संघर्ष अब खुले तौर पर सामने आ गया है। दोनों नेताओं को कांग्रेस हाईकमान की ओर से “रिश्तों में दरार” दूर करने के लिए तलब किया गया है। हाईकमान की फटकार के बाद सिद्धारमैया ने शिवकुमार को नाश्ते पर मिलने का निमंत्रण दिया है।
सूत्रों के अनुसार, हाईकमान वरिष्ठ नेताओं की सोशल मीडिया पर जारी "शब्दों की जंग" से बेहद नाखुश है।
#WATCH | Karnataka CM Siddaramaiah says the Congress high command has asked him to meet Deputy CM DK Shivakumar over breakfast on Saturday and resolve leadership issues internally. Siddaramaiah reiterated that he would go by High Command's final decision. #DKShivakumar… pic.twitter.com/YWsenRaVQc
— The Federal (@TheFederal_News) November 28, 2025
सोशल मीडिया पर तीखे संकेत
गुरुवार को डीके शिवकुमार ने X पर लिखा "किसी का वचन निभाना ही दुनिया की सबसे बड़ी ताकत है। वचन शक्ति ही विश्व शक्ति है."
यह पोस्ट 2023 में हुए कथित "पावर-शेयरिंग" फॉर्मूला की याद दिलाने जैसा माना गया, जिसके मुताबिक 2.5 साल बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद मिलने की चर्चा थी।
इसके जवाब में सिद्धारमैया ने लिखा "शब्द तब तक शक्ति नहीं हैं, जब तक वे लोगों के जीवन को बेहतर न बनाएं."
उन्होंने आगे लिखा कि जनता ने उन्हें "पाँच साल की जिम्मेदारी" के लिए मांडेट दिया है - इसे शिवकुमार पर सीधा वार माना गया।
हाईकमान सख्त, एकजुटता दिखाने का आदेश
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस नेतृत्व ने दोनों नेताओं को सख्त संदेश दिया है कि वे सार्वजनिक बयानबाज़ी बंद करें और दिल्ली में होने वाली संभावित बैठक से पहले एकता दिखाएं।
सिद्धारमैया का नाश्ते पर बुलावा
शाम को मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हाईकमान ने कहा है कि शिवकुमार से बात करूं। इसलिए मैंने उन्हें नाश्ते के लिए बुलाया है।
सिद्धारमैया ने साफ कहा कि वे हाईकमान के हर फैसले का पालन करेंगे।
दूसरी ओर, शिवकुमार ने कहा कि मुझे किसी चीज़ की जल्दी नहीं है… पार्टी जो तय करेगी वही मानूंगा। कार्यकर्ता उत्साहित हो सकते हैं, मैं नहीं।
क्या है वह ‘2.5 साल फॉर्मूला’?
2023 चुनावों के बाद यह चर्चा तेज हुई थी कि कांग्रेस ने ‘रोटेशनल CM फॉर्मूला’ पर सहमति बनाई - पहले 2.5 साल सिद्धारमैया, और फिर 2.5 साल शिवकुमार।
हालांकि पार्टी ने कभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की।
अब जब सरकार का आधा कार्यकाल पूरा हो गया है, फॉर्मूले की चर्चा फिर से तेज हो गई है। कई नेता, समुदाय और धार्मिक संस्थान सार्वजनिक तौर पर नई उठक-पटक को हवा दे रहे हैं।
शिवकुमार का ‘सीक्रेट डील’ बयान
फॉर्मूले पर पूछे जाने पर शिवकुमार ने कहा:
“मैंने कभी CM पद नहीं मांगा। यह 5-6 लोगों के बीच की सीक्रेट डील है। मैं सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कहूंगा।”
उन्होंने कहा कि वे पार्टी को किसी भी तरह शर्मिंदा नहीं करना चाहते।
दिल्ली दौड़ और बैक-चैनल राजनीति
सूत्रों के अनुसार, कुछ कांग्रेस विधायक जो शिवकुमार के समर्थक माने जाते हैं, इस महीने दिल्ली गए थे।
शिवकुमार ने कहा कि उन्हें इस यात्रा की जानकारी नहीं है और वे मानते हैं कि शायद “वे खुद मंत्री बनने की कोशिश कर रहे हों”।

