
यूपी विधानसभा का सत्र 19 दिसंबर से, 22 को अनुपूरक बजट पेश करेगी सरकार
सत्र में योगी सरकार का ज़ोर विकास कार्यों और अनुपूरक बजट के ज़रिए योजनाओं को गति देने पर रहेगा।वहीं विपक्षी दलों में समाजवादी पार्टी SIR समेत कई मुद्दों पर सरकार को घेर सकती है।
उत्तर प्रदेश विधानमंडल का शीतकालीन सत्र शुक्रवार से शुरू हो रहा है। 24 दिसंबर तक चलने वाले संक्षिप्त सत्र में सिर्फ़ चार कार्य दिवस होंगे।22 दिसंबर को सरकार अनुपूरक बजट पेश करेगी।वहीं एसआईआर और दूसरे मुद्दों पर विपक्ष का हंगामा देखने को मिल सकता है।
सत्र से पहले हुई कार्यमंत्रणा समिति और सर्वदलीय बैठक-
यूपी विधानमंडल( विधानसभा और विधान परिषद) का शीतकालीन सत्र शुक्रवार से शुरू हो रहा है।एक दिन पहले सत्र का एजेंडा तय करने के लिए कार्यमंत्रणा समिति की बैठक हुई।उसके बाद साथ सर्वदलीय बैठक हुई।इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल हुए।विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सभी दलों से सत्र चलाने के लिए सहयोग मांगा।संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि सत्र के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।हालाँकि विपक्ष इस बार SIR के मुद्दे पर हमलावर दिख रहा है।सत्र में सरकार के एजेंडे में वित्तीय वर्ष 2025-26 का पहला अनुपूरक बजट पेश करना शामिल है।
22 दिसंबर को योगी सरकार सदन में पेश करेगी अनुपूरक बजट-
विधानसभा सचिवालय द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार 22 दिसंबर को 12 बजकर 20 मिनट पर वित्त मंत्री सुरेश खन्ना अनुपूरक बजट सदन के पटल पर रखेंगे जबकि 24 दिसंबर को इस पर चर्चा होगी और बजट को मंजूरी दी जाएगी।सत्र में योगी सरकार का ज़ोर विकास कार्यों और अनुपूरक बजट के ज़रिए नई योजनाओं को गति देने पर रहेगा।इस बार के अनुपूरक बजट का फोकस ग्रामीण विकास, सड़क निर्माण, स्वच्छ पेयजल, आवास और अन्य मूलभूत सुविधाओं पर रहेगा।इसके अलावा, आठ से दस अध्यादेशों को विधेयक के रूप में मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा।इस बार सत्र के पहले दिन 19 दिसंबर को घोसी सीट से सपा के विधायक रहे सुधाकर सिंह के निधन पर शोक प्रस्ताव के साथ उनको श्रद्धांजलि दी जाएगी।जिसके बाद सदन स्थगित हो जाएगा जबकि 20 और 21 दिसंबर को शनिवार-रविवार होने से अवकाश रहेगा।
SIR और दूसरे मुद्दों पर विपक्ष कर सकता है हंगामा-
सत्र हालांकि संक्षिप्त है लेकिन विपक्षी दलों ख़ास तौर पर समाजवादी पार्टी के अलग-अलग मुद्दों पर सरकार को घेरने की वजह से सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं। समाजवादी पार्टी विशेष गहन पुनरीक्षण(SIR) को मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने की तैयारी में हैं। विपक्ष का आरोप है कि SIR प्रक्रिया के जरिए मतदाताओं के नाम काटे जा रहे हैं जो लोकतंत्र पर हमला है।इसके अलावा, कानून-व्यवस्था, बेरोजगारी, महंगाई, किसानों की समस्याएं, महिला सुरक्षा और बिजली क्षेत्र के निजीकरण जैसे मुद्दों पर भी तीखी बहस की उम्मीद है। विपक्षी दलों के नेताओं का कहना है कि छोटे सत्र से महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन चर्चा का मौका नहीं मिलता क्योंकि सरकार चर्चा से बचना चाहती है।

