
उफनती यमुना से दिल्ली संकट में, निचले इलाके जलमग्न, हजारों लोग प्रभावित
दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे से ऊपर है। दिल्ली सरकार अलर्ट मोड पर है और राहत शिविरों में लोगों को शिफ्ट किया गया।
Delhi Flood Latest News: हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने से दिल्ली में यमुना नदी के जलस्तर काफी बढ़ोतरी हुई है। ताजाआंकड़ों के मुताबिक पुराने पुल पर नदी 207.04 पर बह रही है। हथनी कुंड बैराज पर डिस्चार्ज 161567 क्यूसेक, वज़ीराबाद बैराज डिस्चार्ज163330 क्यूसेक ओखला बैराज डिस्चार्ज 196774 क्यूसेक है। इससे पहले मंगलवार सुबह हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे 1.5 से 2 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। ओल्ड रेलवे ब्रिज (ORB) पर जलस्तर 206.89 मीटर दर्ज किया गया था जो खतरे के निशान 205.33 मीटर से काफी ऊपर है।
हजारों लोग प्रभावित, खेत-खलिहान जलमग्न
यमुना बाजार, बुराड़ी, एमनेस्टी मार्केट, तिब्बती बाजार, बासुदेव घाट और आईटीओ का छठ घाट पूरी तरह डूब चुके हैं। यमुना खादर, यमुना वाटिका और आसिता जैसे रिवर फ्रंट पार्क भी पानी में समा गए।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में करीब 1,000 अवैध फार्महाउस जलमग्न हो गए हैं, जबकि जेवर के हजारों बीघा खेत बर्बाद हो चुके हैं। नदी किनारे की झुग्गियों को खाली कराया गया और लगभग 4,500 लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। मयूर विहार, गीता कॉलोनी और पल्ला क्षेत्रों में टेंट लगाकर भोजन और दवाइयाँ उपलब्ध कराई जा रही हैं।
यातायात पर असर, पुराना लोहा पुल बंद
उफनती यमुना के कारण मंगलवार शाम 4 बजे से पुराना लोहा पुल बंद कर दिया गया। ट्रैफिक को हनुमान सेतु, राजा राम कोहली मार्ग और गीता कॉलोनी रोड की ओर डायवर्ट किया गया है।कश्मीरी गेट आईएसबीटी, पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन और लाल किले से आने वाले वाहनों को बाहरी रिंग रोड की ओर भेजा जा रहा है। वहीं, शाहदरा, सीलमपुर और शास्त्री पार्क से आने वाले वाहनों को पुश्ता रोड से डायवर्ट किया गया है।
सरकार की तैयारी और अपील
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) ने लोगों से अपील की है कि वे नदी किनारे न जाएँ। आपदा नियंत्रण के लिए सरकार ने बड़ी मात्रा में संसाधन जुटाए हैं—
5,67,200 ईसी बैग,
3,455 घनमीटर पत्थर,
14,370 बल्लियां,
58 नौकाएं, 675 लाइफ जैकेट्स,
82 मोबाइल पंप और 10 स्थायी पंपिंग स्टेशन।
नजफगढ़ बेसिन जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष निगरानी रखी जा रही है।मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। प्रशासन चौबीसों घंटे नजर बनाए हुए है और हर घंटे जलस्तर की मॉनिटरिंग हो रही है।
पिछले साल का रिकॉर्ड और मौजूदा खतरा
साल 2023 में यमुना का जलस्तर 208.66 मीटर तक पहुंचा था जो अब तक का सबसे ऊँचा स्तर था। उस समय हथिनीकुंड बैराज से 3.59 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिससे आईटीओ समेत कई इलाके डूब गए थे। इस बार भी भारी बारिश और बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने से हालात गंभीर बने हुए हैं। केंद्रीय जल आयोग ने चेतावनी दी है कि यदि पानी का डिस्चार्ज इसी तरह जारी रहा, तो यमुना का जलस्तर और बढ़ सकता है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में हल्की बारिश की संभावना जताई है, जिससे खतरा और गहरा सकता है।