
अकबर और औरंगजेब कभी नहीं हो सकते राष्ट्रनायक : योगी आदित्यनाथ
गौतमबुध नगर में महाराणा प्रताप की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद एक जनसभा में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महाराणा प्रताप, वीर शिवाजी और गुरु गोबिंद सिंह हमारे राष्ट्र के नायक हैं.
Yogi Adityanath on Aurangzeb : मुगल शासक औरंगजेब को लेकर छिड़ी देशव्यापी बहस के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार अपने बयान में कहा कि अकबर हो या औरंगजेब, हिन्दुओं के प्रति सबकी मानसिकता एक जैसी थी। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि राष्ट्र के नायक केवल महाराणा प्रताप, वीर शिवाजी और गुरु गोविंद सिंह हैं।
महाराणा प्रताप की प्रतिमा का अनावरण
योगी आदित्यनाथ ने दादरी में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की भव्य प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर आयोजित जनसभा में मुख्यमंत्री ने महाराणा प्रताप के बलिदान और साहस की सराहना की। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप ने स्वाभिमान, स्वधर्म और स्वदेश के प्रति अद्वितीय समर्पण दिखाया।
मुख्यमंत्री ने कहा, "महाराणा प्रताप ने अपने जीवनकाल में मेवाड़ के खोए हुए क्षेत्रों को वापस लेकर अकबर को घुटने टेकने पर मजबूर किया। हल्दीघाटी की लड़ाई में उन्होंने अपनी वीरता का परिचय दिया।"
विपक्ष पर साधा निशाना
मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, "जो लोग अकबर और औरंगजेब को नायक मानते हैं, वे विकृत मानसिकता के शिकार हैं और उन्हें उपचार की जरूरत है। हमारे आदर्श वीर शिवाजी, महाराणा प्रताप और गुरु गोविंद सिंह हैं, न कि अकबर या औरंगजेब।"
विकास परियोजनाओं का लोकार्पण
मुख्यमंत्री ने जनसभा स्थल से ही गौतमबुद्ध नगर के लिए 1,467 करोड़ रुपये की 97 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की संस्कृति और समृद्धि का नया युग शुरू हुआ है।
सनातन परंपरा का सम्मान
योगी आदित्यनाथ ने ब्रजभूमि के रंगोत्सव का जिक्र करते हुए कहा कि भारत में बिना किसी भेदभाव के सभी लोग एक साथ रंगों में सराबोर होते हैं। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की परंपरा भारत की महान विरासत है, जिसे हर हाल में संरक्षित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, "गंगाजल को दूषित बताने वालों को यह समझना चाहिए कि बहता पानी और रमता जोगी कभी अशुद्ध नहीं होते। हर सनातनी त्रिवेणी के पवित्र जल को आस्था के रूप में देखता है।"
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि भारत की सनातन परंपरा और संस्कृति के सच्चे नायक महाराणा प्रताप, वीर शिवाजी और गुरु गोविंद सिंह हैं। उन्होंने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि जो लोग मुगल शासकों की प्रशंसा करते हैं, वे देश की संस्कृति और विरासत का अपमान करते