
पहले जियो हॉटस्टार डोमेन खरीदा अब रिलायंस से यह मांग, कमाल का निकला शख्स
दिल्ली के रहने वाले एक ऐप डेवलपर ने जियो हॉटस्टॉर के नाम से डोमेन खरीदा है। खरीद के पीछे की सोच भी दिलचस्प है। वो चाहता है कि रिलायंस उसकी उच्च शिक्षा के लिए मदद करे।
Jio Hotstar Domain: अगर आप किसी वेबसाइट बनाने की सोच रहे हों तो पहले डोमेन की खरीद करनी पड़ती है। डोमेन की खरीद में आप तरह तरह के नाम देते हैं, कुछ नाम जो पहले होते हैं तो आपको उस नाम से डोमेन हासिल नहीं होता। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो इस उम्मीद के साथ डोमेन की खरीद करते हैं भविष्य में फायदा हो सकता है। यहां हम बात करेंगे जियो हॉटस्टॉर डोमेन की। इस डोमेन को दिल्ली के रहने वाले एक ऐप डेवलपर ने खरीदा। अब आप सोच रहे होंगे कि इसमें खास बात क्या है। दरअसल डेवलपर को हायर एजुकेशन को लेकर कैंब्रिज जाना चाहता है। उसे ऐसा लगा कि आने वाले समय में जियो और हॉटस्टॉर के बीच मर्जर हो सकता है लिहाजा उसने इस नाम से डोमेन खरीद लिया। अब वो चाहता है कि रिलायंस उसके डोमेन को खरीद ले ताकि बदले में उसे अच्छी रकम मिले और वो आगे की उच्च शिक्षा हासिल करे ।
"इस डोमेन को खरीदने का मेरा इरादा सरल था। यदि यह विलय होता है, तो वो कैम्ब्रिज में अध्ययन करने के अपने सपने को पूरा कर सकता है। ऐप डेवलपर ने एक खत लिखा है जिसमें ड्रीमर यानी सपना देखने वाले के रूप में हस्ताक्षर किया है। टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक ऐप डेवलपर्स का पत्र रिलायंस इंडस्ट्रीज प्रबंधन को संबोधित है। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के वायाकॉम 18 और वॉल्ट डिज्नी के स्टार इंडिया के बीच विलय कथित तौर पर भारत में विनियामक अनुमोदन प्राप्त करने के बाद नवंबर की शुरुआत में आधिकारिक रूप से संपन्न होने वाला है। इससे भारत का सबसे बड़ा और सबसे शक्तिशाली मीडिया और मनोरंजन समूह बनने की उम्मीद है, जिसका मूल्य $8.5 बिलियन है।
विलय सौदे के हिस्से के रूप में, वायाकॉम 18 अपनी संपत्ति स्टार इंडिया को हस्तांतरित करेगा, जो विलय के बाद परिचालन कंपनी होगी। 28 फरवरी को घोषित विलय, रिकॉर्ड आठ महीनों में पूरा हुआ है, जिसमें भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI), राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) और सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) से अनुमोदन प्राप्त हुआ है। CCI ने सशर्त स्वीकृति दी है।