एक भी पैसे का नुकसान तो जाएंगे कोर्ट, जेरोधा का खामियों से पुराना रिश्ता
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'एक भी पैसे का नुकसान तो जाएंगे कोर्ट', जेरोधा का खामियों से पुराना रिश्ता

ब्रोकरेज फर्म शेयरों की खरीद बिक्री में एक सेतु का काम करती हैं, जेरोधा उनमें से एक हैं. लेकिन सोमवार को तकनीकी खामी की वजह से यूजर बुरी तरह से भड़के हुए हैं.


Brokerage Firm Zerodha News: जेरोधा पर उसके यूजर्स भड़के हुए हैं. तकनीकी खामी की वजह से यूजर्स को नुकसान हुआ.कुछ ने तो कानूनी कार्रवाई की धमकी तक दे डाली. एक यूजर ने कहा कि आपको अदालत तक ले जाएंगे. आपके दिल और दिमाग में तरह तरह के सवाल उठ रहे होंगे कि पूरा मामला क्या है. यह जेरोधा क्या है और गड़बड़ी क्यों और कैसे हुई जिसकी वजह से यूजर्स को निराशा हुई. मामला सोमवार आठ जुलाई का है. ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म जेरोधा में कुछ तकनीकी खामी आई और उसकी वजह से शेयर बाजार में इस प्लेटफॉर्म के जरिए ट्रेडिंग करने वाले अपने शेयर को ना तो खरीद और ना ही बेच पाए और उसकी वजह से बहुत ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा.

एक भी पैसे का नुकसान तो जाएंगे कोर्ट

जेरोधा पर निशाना साधते हुए एक यूजर का कहना है कि उसने 20 फीसद चार्ज (3 लाख रुपए से अधिक) दिया है. लेकिन उसके सामने मुश्किल ही मुश्किल, वो हमेशा कुछ ना कुछ दिक्कतों का सामना करता है.सोशल मीडिया पर एक यूजर ने लिखा कि अगर उसे एक भी पैसा गंवाना पड़ा तो अदालत ही सीधा रास्ता होगा. उसे 10 लाख का नुकसान उठाना पड़ा. 9.15 बजे का ऑर्डर डेढ़ घंटे बाद अप्रूव हुआ. आखिर यह क्या बकवास है, उसने बड़ी मेहनत से पैसे कमाए हैं और वो अपने पैसों की वापसी चाहता है.


जेरोधा की सफाई

जब सोशल मीडिया पर यूजर्स ने भड़ास निकाली तो जेरोधा ने कहा कि जो तकनीकी खामी आई थी उसे ठीक कर दिया गया है.हम असुविधा के लिए क्षमा भी मांग रहे हैं. कुछ यूजर्स को ऑर्डर प्लेस करने में दिक्कत आ रही थी. लेकिन अब सब ठीक है. ये बात अलग है कि जेरोधा की सफाई से यूजर्स खुश नजर नहीं आ रहे.यूजर्स ने साफ साफ कहा कि दिक्कत अभी ठीक नहीं हुई है. ब्रोकरेज फर्म जेरोधा को जिम्मेदारी लेनी चाहिए. सेबी को टैग करते हुए यूजर ने लिखा कि वर्तमान में जो भी दिक्कतें आईं हैं उसके लिए जेरोधा पूरी तरह जिम्मेदार है.

2010 में जेरोधा की स्थापना

जेरोधा, ब्रोकरेज फर्म की स्थापना 2010 में नितिन कामत और निखिल कामत ने की थी. इसकी सहायक कंपनियों का नाम जेरोधा ब्रोकिंग लिमिटेड और असेट मैनेजमेंट ऑर्म है।

एक नहीं कई दफा तकनीकी लोचा

ब्रोकरेज फर्म जेरोधा के साथ तकनीकी खामी का लोचा पहली बार नहीं है. करीब 6 महीने पहले जनवरी के महीने में लॉग इन करने में यूजर्स को परेशानी आई. न फंड और न होल्डिंग्स दिख रहे थे. खास बात यह है कि 8 जुलाई की घटना से पहले उस केस में भी यूजर्स को सोशल मीडिया की मदद लेनी पड़ी थी. 29 जनवरी वाली भी ठीक उसी तरह की परेशानी थी. मसलन यूजर शेयर को ना खरीद और बेच पा रहे थे. बाजार खुलते ही उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. इससे पहले जेरोधा प्लेटफॉर्म पर पिछले साल अप्रैल, जुलाई, अक्तूबर, नवंबर, दिसंबर में भी दिक्कत आई थी. उस समय भी ना तो कंपनी का ऐप सही से काम कर रहा था और ना ही वेबसाइट. यूजर्स के ऑर्डर अटके तो कभी उन्हें अपने होल्डिंग्स और फंड नहीं दिखाई दिए. जुलाई 2023 में ऐसी ही तकनीकी दिक्कत के चलते बीएसई के ग्रीवांस रेड्रेसल कमिटी ने प्लेटफॉर्म पर करीब आठ हजार रुपए का जुर्माना लगाया था.

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