जरा भी नहीं लगेगी भनक, आसानी से हो सकता है आपका फोन क्लोन
आजकल हैकर्स फोन क्लोन करने के नये तरीके अपना रहे हैं. कितना भी सिक्योरिटी फीचर वाला फोन हो, उसको क्लोन कर खुद इस्तेमाल कर रहे हैं.
Mobile Phone Cloning: जिस तरह से लोगों की सहुलियत के लिए दिनों-दिन टेक्नोलॉजी बढ़ते जा रही है. उसी तरह फ्रॉड करने के तरीकों में भी लगातार नये बदलाव आ रहे हैं. अपराधी फ्रॉड करने के लिए इस तरह के तरीके अपनाते हैं कि पुलिस या साइबर एक्सपर्ट के हाथों में भी नहीं आते हैं. आजकल हैकर्स फोन क्लोन करने का तरीका अपना रहे हैं. इसके लिए वह जेलब्रेक या रूट का इस्तेमाल करते हैं. कितना भी सिक्योरिटी फीचर वाला फोन हो, उसको क्लोन कर हैकर्स खुद इस्तेमाल करने लगते हैं.
हैकर्स बड़ी आसानी से फोन क्लोन कर सकते हैं. दुनिया में कई लोग इस तरह की समस्या से परेशान हैं. पिछले दिनों एक आईफोन यूजर ने एप्पल डिस्कशन में जानकारी देते हुए बताया कि उसका फोन क्लोन करके इस्तेमाल किया जा रहा है. उसने बताया कि एक रात उसके फोन पर एक्टिवेट होने का नोटिफिकेशन आया. उसके फोन पर न कॉल आ रही थी और न ही जा रही थी. लेकिन फोन से इंटरनेट चलाया जा सकता था. वहीं, एक दूसरे आईफोन यूजर ने कहा कि उसके फोन पर पिछले दो साल में कुछ संदिग्ध घटनाएं हुईं थी. उसे डर है कि जिसने उसके फोन को क्लोन कर इस्तेमाल किया जा रहा होगा.
बता दें कि फोन क्लोन करने वाले के पास यूजर के लॉगइन क्रेडेंशियल्स, स्मॉल बिजनेस इंफो और आईएमईआई डिटेल्स होते हैं. किसी भी फोन को क्लोन करने में सबसे अहम योगदान जेलब्रेक (आईफोन) या रूट (एंड्रॉयड फोन्स) का होता है.
इस तरह लोग होते हैं शिकार
जेलब्रेक का इस्तेमाल करने से यूजर्स को कई तरह के फीचर्स मिलते हैं. ऐसे में जब कोई आईफोन यूजर जेलब्रेक का इस्तेमाल करता है तो उसका फोन क्लोन हो जाता है. जैसे कि एंड्रॉयड फोन को लोग कई बार रूट करते हैं. ऐसे में जैसे ही फोन को रूट या जेलब्रेक करते हैं तो डिवाइस क्लोन हो जाता है.
बचाव
वैसे तो फोन को रूट करने की कोई जरूरत नहीं पड़ती है. सुविधा के लिए ही लोग इसका इस्तेमाल करते हैं. अधिक फीचर्स के लालच में फोन को रूट या जेलब्रेक करने से बचना चाहिए. वहीं, फोन को क्लोन होने से बचाने के लिए स्टैंडर्ड तरीके से ही इस्तेमाल करना चाहिए.