मोबाइल फोन यूज करने वालों के लिए बड़ा अपडेट, 1 जुलाई से सिम कार्ड पर लागू हो जाएगा ये नियम
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मोबाइल फोन यूज करने वालों के लिए बड़ा अपडेट, 1 जुलाई से सिम कार्ड पर लागू हो जाएगा ये नियम

ट्राई ने सिम पोर्टिंग यानी कि यानी कि मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी से संबंधित नियमों में बदलाव किया है. जिससे कि धोखाधड़ी को रोका जा सके.


Mobile Number Portability: भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने सिम पोर्टिंग यानी कि यानी कि मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी)से संबंधित नियमों में बदलाव किया है. इसका मकसद धोखाधड़ी वाली सिम स्वैप गतिविधियों को कम करना और रोकना है. नये नियम 1 जुलाई से लागू हो जाएंगे.

ट्राई के नए दिशानिर्देश के अनुसार, लोगों को सिम कार्ड चोरी होने या डैमेज होने की स्थिति में थोड़ा इंतजार करना होगा. इसके साथ ही सिम स्वैप करने के बाद एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क पर पोर्ट करने के लिए सात दिनों की प्रतीक्षा करनी पड़ेगी. ट्राई द्वारा नौवां संशोधन दूरसंचार विभाग (डीओटी) के एक पत्र के जवाब में धोखाधड़ी वाली सिम पोर्टिंग गतिविधियों को रोकने के लिए पेश किया गया है.

ट्राई ने कहा कि यह पता चला है कि अपराधियों/ठगों द्वारा धोखाधड़ी वाले सिम स्वैप/प्रतिस्थापन के माध्यम से मोबाइल कनेक्शन को धोखाधड़ी से पोर्ट किया जा रहा है. ऐसे में यूजर्स को नेटवर्किंग पोर्टिंग के लिए पात्र होने से पहले सात दिनों तक इंतजार करना पड़ेगा. हालांकि, अगर कोई यूजर सिम कार्ड को अपग्रेड कर रहा है यानी कि (3 जी से 4 जी / 5 जी में), तो पोर्टिंग पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा. यूजर्स ओटीपी का उपयोग करके इसे अधिकृत कर सकते हैं.

बता दें कि सिम पोर्टिंग या एमएनपी यूजर्स को फोन नंबर बदले बिना विभिन्न नेटवर्क के बीच स्विच करने की अनुमति देता है. ट्राई ने साल 2023 में सिम पोर्ट करते समय अतिरिक्त सुरक्षा सुविधाओं को लागू किया था.

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