ख़राब सड़कों के लिए क्यों दिया जाए टोल : नितनी गडकरी
केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि अगर सड़कों की हालत ही अच्छी न हो तो ऐसे में टोल किस बात का. ये बात नितिन गडकरी ने सॅटॅलाइट टेक्नोलॉजी विषय पर आयोजित हुई एक ग्लोबल वर्कशॉप में कही.
GNSS Technology: केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि अगर सड़कों की हालत ही अच्छी न हो तो ऐसे में टोल किस बात का. ये बात नितिन गडकरी ने सॅटॅलाइट टेक्नोलॉजी विषय पर आयोजित हुई एक ग्लोबल वर्कशॉप में कही. बता दें कि इस वित्तीय वर्ष में केन्द्रीय सड़क एवं परिवाहन मंत्रालय का लक्ष्य है कि देश के 5 हजार किलोमीटर तक लागु किया जाए. गडकरी ने बड़ी ही बेबाकी से कहा कि 'अगर आप अच्छी सेवाएं नहीं देते हैं, तो आपको टोल नहीं वसूलना चाहिए.' ऐसा कई बार हुआ है कि सड़क की हालत अच्छी नहीं होती है, तो सोशल मीडिया पर मुझे ढेरों शिकायतें मिलती हैं. अगर आप गड्ढों और कीचड़ वाली सड़कों पर टोल वसूलते हैं, तो लोगों की नाराजगी होगी ही, जिसकी वजह से हमें ( नेताओं को ) आम जनता के गुस्से का सामना करना ही पड़ता है.'
राष्ट्रिय राजमार्ग से टोल हटाने की तैयारी
नितिन गडकरी ने कहा कि देश में 98 प्रतिशत टोल ऐसे हैं, जहाँ पर लेन देन फ़ास्टटैग से हो रहा है, लेकिन इसके बाद भी कई जगहों से लम्बी कतारों की शिकायतें मिल रही हैं. जबकि फ़ास्टटैग को लागु ही इसलिए किया गया था कि लम्बी कतार की समस्या दूर हो सके. इस समस्या के बारे में सम्बंधित अधिकारीयों को त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए. यही वजह है कि इस समस्या को पूरी तरह से खत्म करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ( NHAI ) अब ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम ( GNSS ) तकनीक वाला टोल संग्रह के रोल आउट और विस्तार पर काम कर रहा है. इसका प्रमुख उद्देश्य आने वाले समय में राष्ट्रीय राजमार्गों से टोल गेट को हटाना है.
सबसे पहले कमर्शियल वाहनों पर होगा प्रयोग
गडकरी ने ये भी कहा कि राजमार्ग प्राधिकरण ने इस प्रोजेक्ट को चरणबद्ध तरीके से लागू करने की योजना तैयार की है, जिसका प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया गया है. शुरुआत में इस तकनीक से टोल वसूलने का प्रयोग कमर्शियल वाहनों से की जाएगी. इसके लिए टोल प्लाजा की एक लेन इसके लिए समर्पित की जाएगी. इसके साथ ही कमर्शियल वाहनों के लिए वाहन ट्रैकर सिस्टम ( VTS ) स्थापित करना अनिवार्य होगा, जो जीएनएसएस-आधारित टोलिंग के लिए जरूरी है. कमर्शियल वाहनों के बाद सरकार अगले चरण में निजी वाहनों पर भी यही टोल प्रणाली अपनाई जायेगी, जिसके लिए योजना बनाई जा रही है. गडकरी ने कहा है कि सिस्टम (जीएनएसएस) आधारित टोल संग्रह से सरकार के टोल राजस्व में लगभग 10,000 करोड़ रुपये का इजाफा होने की उम्मीद है.