बेंगलुरु में विंटेज फोटो बूथ की वापसी, युवा की पहल
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बेंगलुरु के बोहो पब में स्थापित हुआ भारत का पहला Apple QuickTake कैमरे वाला विंटेज फोटो बूथ।

बेंगलुरु में विंटेज फोटो बूथ की वापसी, युवा की पहल

23 साल के कार्तिक ने Apple QuickTake 100 कैमरे से बेंगलुरु में शुरू किया भारत का पहला विंटेज स्टाइल डिजिटल फोटो बूथ।


जब भी हम पुरानी हॉलीवुड फिल्मों की बात करते हैं, तो अक्सर उन दृश्यों की यादें ताज़ा हो जाती हैं जिनमें लोग फोटो बूथ में बैठकर अपनी तस्वीरें खिंचवाते थे। एक ऐसा ही दृश्य 1983 की फिल्म सुपरमैन III में भी था, जहां क्लार्क केंट (सुपरमैन) एक फोटो बूथ में जाकर अपनी पहचान बदलते हैं। ऐसे बूथ आज भले ही दुर्लभ हो गए हों, लेकिन बेंगलुरु के एक युवा ने इसे फिर से जीवित कर दिया है वो भी एक ऐतिहासिक डिजिटल कैमरे के ज़रिए।

बेंगलुरु के कोरमंगला में रहने वाले 23 वर्षीय कार्तिक ने भारत का पहला विंटेज स्टाइल फोटो बूथ तैयार किया है, जिसमें Apple का QuickTake100 कैमरा इस्तेमाल किया गया है। यह कैमरा 1994 में लॉन्च हुआ था और उस समय के शुरुआती डिजिटल कैमरों में से एक था। कार्तिक का यह अनोखा फोटो बूथ हाल ही में बेंगलुरु के बोहो पब में लगाया गया है, जहां लोग 1970 और 1980 के दशक के अंदाज़ में तस्वीरें खिंचवा सकते हैं।

कार्तिक बताते हैं कि उन्होंने पहली बार फोटो बूथ को एक फिल्म में देखा था, लेकिन असली अनुभव उन्हें पिछले साल वेगा सिटी मॉल में मिला—हालांकि वह पूरी तरह मॉडर्न था और उसमें iPad कैमरे के रूप में इस्तेमाल हो रहा था। तब से ही उन्होंने एक असली, पुरानी यादों को संजोने वाला फोटो बूथ बेंगलुरु में लाने का सपना देखा।

भारत में पारंपरिक फोटो बूथ मिलना मुश्किल था। कार्तिक ने चेन्नई, दिल्ली, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में लगभग 30 मैन्युफैक्चरर्स से संपर्क किया, लेकिन केवल एक निर्माता चेन्नई के पास मिला, जिसने पुराने दौर की झलक लिए हुए बूथ को तैयार किया।

फिर आई कैमरे की बारी, Apple QuickTake 100 को ढूंढना आसान नहीं था। कार्तिक ने अमेरिका में पढ़ रहे अपने एक दोस्त की मदद ली और वहां eBay से $400 में यह कैमरा मंगवाया। लेकिन इस कैमरे को आधुनिक सिस्टम के साथ काम कराने के लिए उन्हें एक रिटायर्ड सॉफ्टवेयर इंजीनियर की मदद लेनी पड़ी। लगभग छह महीने के विकास के बाद उन्होंने कैमरे को Raspberry Pi या किसी भी Windows कंप्यूटर से जोड़ने लायक बना लिया।

फोटो बूथ में एक छोटा स्क्रीन होता है, जिसमें यूज़र ‘Start’ पर क्लिक करता है, फिर प्रिंट की संख्या चुनता है और ऑनलाइन भुगतान करता है। इसके बाद कैमरा चार तस्वीरें खींचता है और उन्हें 1912 स्टाइल टेम्पलेट में प्रिंट किया जाता है। दो फोटो स्ट्रिप्स के लिए शुल्क है ₹199। प्रिंट के लिए DNP प्रिंटर का उपयोग किया जाता है, जो पुराने फोटो बूथ जैसी गुणवत्ता देता है।

कार्तिक कहते हैं कि यह सिर्फ एक "फन प्रोजेक्ट" नहीं है, बल्कि एक कोशिश है एक पुरानी, खोती हुई परंपरा को आधुनिकता के साथ जोड़ने की। भविष्य में वे एमजी रोड या चर्च स्ट्रीट पर दूसरा बूथ लगाने की योजना बना रहे हैं और एक और QuickTake कैमरे की खोज में हैं।

इस तरह, एक युवा की कल्पना और तकनीकी समझ ने एक भूले-बिसरे अनुभव को फिर से जीवंत कर दिया है। जहां आज हर हाथ में स्मार्टफोन है, वहीं यह फोटो बूथ लोगों को उस दौर की याद दिलाता है जब फोटो खिंचवाना एक खास अनुभव हुआ करता था—और अब बेंगलुरु में यह फिर से संभव हो सका है।

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