विवेक विहार में बच्चों के अस्पताल अग्निकांड में आरोपी दोनों डॉक्टरों को 3 दिन की पुलिस रिमांड
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विवेक विहार में बच्चों के अस्पताल अग्निकांड में आरोपी दोनों डॉक्टरों को 3 दिन की पुलिस रिमांड

विवेक विहार में बच्चो के अस्पताल में आग लगने की घटना में मारे गए 7 नवजात बच्चों के मामले के आरोपी दोनों डॉक्टरों को पुलिस ने आज कड़कदडूमा अदालत में पेश किया, जहाँ से दोनों को 30 मई तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया


Vivek Vihar baby care hospital fire update:


विवेक विहार इलाके में चाइल्ड केयर अस्पताल अग्निकांड के मामले में गिरफ्तार आरोपी डॉ नवीन किची और उनके सहायक डॉ आकाश को अदालत ने 3 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. डॉ नवीन इस अस्पताल के मालिक हैं. पुलिस का कहना है कि डॉ नवीन का अस्पताल का लाइसेंस ख़त्म हो चुका था. इसके बावजूद वो अस्पताल चला रहे थे. इतना ही नहीं वो अवैध तौर से ऑक्सीजन सिलिंडर भी रिफिल करवा रहे थे. पुलिस ने ये भी कहा कि कई पहलुओं पर जाँच होनी बाकी है, इसलिए आरोपी डॉ नवीन और उनके सहायक डॉ अजय से कई पहलुओं पर पूछताछ की जानी है.

विवेक विहार के बाबी केयर अस्पताल में शनिवार देर रात आग लगने की वजह से 7 नवजात बच्चों की मौत हो गयी थी जबकि 5 गंभीर रूप से घायल हो गए थे. दिल्ली पुलिस ने रविवार दोपहर बाद इस अस्पताल के मालिक डॉ नवीन खिची और विवेक विहार सेंटर पर काम करने वाले उनके सहायक डॉ अजय को गिरफ्तार किया था. सोमवार को पुलिस ने दोनों को कद्कड़दूमा अदालत में पेश किया, जहाँ पुलिस ने दोनों की 5 दिन की रिमांड मांगी. हालाँकि अदालत ने दोनों को 30 मई तक यानी 3 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है.

5 बेड की इजाजत लेकर लगाये हुए थे 10 बेड

पुलिस ने अदालत को बताया कि जाँच के दौरान ये पता चला है कि डॉ नवीन विवेक विहार में हो अस्पताल चला रहे थे, उसमें सिर्फ 5 बेड की ही इजाजत थी लेकिन डॉ खिची ने 10 से भी ज्यादा बेड लगाये हुए थे. इतना ही नहीं पुलिस ने ये भी बताया कि डॉ आकाश एक बीएएमएस डॉक्टर हैं, जो बच्चों के अस्पताल में कार्य कर रहे थे.


लाइसेंस हो चुका था एक्सपायर

दिल्ली पुलिस ने अदालत के सामने ये भी बताया कि डॉ खिची फ़िलहाल बगैर लाइसेंस के ही बच्चों का ये अस्पताल चला रहे थे. कुछ समय पहले 31 मार्च को ही उनके अस्पताल का लाइसेंस ख़त्म हो चुका था.

दिल्ली सरकार ने दिए सभी अस्पतालों के ऑडिट का निर्देश

दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भरद्वाज ने कहा कि ये घटना बहुत ही दर्दनाक है. ऐसी घटना न हो इसके लिए दिल्ली सरकार ने सभी निजी और सरकारी अस्पतालों को आठ जून तक अग्नि सुरक्षा ऑडिट पूरा कराने का निर्देश दिया है. सभी छोतरे बड़े अस्पतालों को इसकी अनुपालन रिपोर्ट दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग को सौपना होगा. दरअसल स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सोमवार को आग लगने की घटना पर चर्चा के लिए एक अहम बैठक बुलाई थी. उन्होंने जानकारी दी कि दिल्ली सरकार की तरफ से 24 अप्रैल को ही सभी अस्पतालों को अग्नि सुरक्षा तैयारियों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे. उन्हें अग्नि सुरक्षा ऑडिट कराने के लिए भी कहा गया था.

दिल्ली पुलिस ने जोड़ी गंभीर धाराएं

दिल्ली पुलिस ने इस मामले में अब आईपीसी की धारा 304( गैर इरादतन हत्या) और 308( गैर इरादतन हत्या का प्रयास) जोड़ दी हैं. ये धाराएँ इसलिए जोड़ी गयी हैं क्योंकि डॉ खिची को ये मालूम था कि वो जो कर रहे हैं उससे कोई बड़ी अनहोनी हो सकती है और किसी की जान भी जा सकती है.

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