G20 शिखर सम्मेलन: पीएम मोदी ने ड्रग-टेरर नेक्सस के खिलाफ वैश्विक लड़ाई की अपील की
x
मोदी ने कहा कि विकास के मौजूदा मानकों ने बड़ी आबादी को संसाधनों से वंचित कर दिया है

G20 शिखर सम्मेलन: पीएम मोदी ने ड्रग-टेरर नेक्सस के खिलाफ वैश्विक लड़ाई की अपील की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ड्रग तस्करी सार्वजनिक स्वास्थ्य, स्थिरता और सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती है और यह आतंकवाद की फंडिंग का प्रमुख स्रोत भी है


जोहनसबर्ग में शनिवार को आयोजित G20 शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सतत और समावेशी विकास पर जोर दिया और चार बड़े प्रस्ताव रखे। इनमें सबसे महत्वपूर्ण था ड्रग-टेरर नेक्सस से निपटने के लिए समन्वित वैश्विक प्रयास। उन्होंने कहा कि ड्रग तस्करी सार्वजनिक स्वास्थ्य, स्थिरता और सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती है और यह आतंकवाद की फंडिंग का प्रमुख स्रोत भी है।

मोदी ने विकास के मौजूदा मानकों पर पुनर्विचार की जरूरत बताई, यह कहते हुए कि वर्तमान ढांचा बड़ी आबादी को संसाधनों से वंचित छोड़ गया है और प्रकृति के अति-दोहन का कारण बना है। उन्होंने याद दिलाया कि दो साल पहले नई दिल्ली में आयोजित G20 बैठक में अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्य बनाने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी। उन्होंने कहा, “आज जब अफ्रीका पहली बार G20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है, तो विकास के मानकों पर पुनर्विचार करना जरूरी हो जाता है।”

प्रधानमंत्री ने भाजपा के वैचारिक प्रेरणा स्रोत दीन दयाल उपाध्याय के विचार ‘एकात्म मानववाद’ का उल्लेख करते हुए कहा कि हमें व्यक्ति, समाज और प्रकृति को एक समेकित इकाई के रूप में देखना होगा। “तभी प्रगति और प्रकृति के बीच वास्तविक संतुलन स्थापित हो सकेगा,” उन्होंने कहा।

उन्होंने भारतीय ज्ञान प्रणालियों की पहल पर आधारित एक वैश्विक पारंपरिक ज्ञान भंडार (रीपॉज़िटरी) बनाने का प्रस्ताव दिया, जिससे भविष्य की पीढ़ियों के लिए मानवता की सामूहिक बुद्धि को संरक्षित किया जा सके।

उन्होंने स्वास्थ्य आपात स्थितियों और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए G20 देशों के विशेषज्ञों को साथ लाने वाली एक वैश्विक हेल्थकेयर रिस्पॉन्स टीम का सुझाव भी दिया।

प्रधानमंत्री के भाषण में भारत की सभ्यतागत विरासत और मूल्यों की खुलकर वकालत दिखी। उन्होंने कहा कि भारत के सभ्यतागत मूल्य विकास के मानकों के पुनर्मूल्यांकन में मदद कर सकते हैं।

अफ्रीका पर फोकस करते हुए मोदी ने कहा कि कौशल हस्तांतरण की प्रक्रिया से महाद्वीप को बड़ी सहायता मिल सकती है। उन्होंने ‘G20-अफ्रीका स्किल्स मल्टीप्लायर इनिशिएटिव’ का प्रस्ताव दिया, जो विभिन्न क्षेत्रों में ‘ट्रेन-द-ट्रेेनर्स’ मॉडल पर काम करेगा। सभी G20 सदस्य इस दिशा में निवेश और समर्थन कर सकते हैं।

उन्होंने कहा, “अगले दशक में हमारा सामूहिक लक्ष्य अफ्रीका में दस लाख प्रमाणित प्रशिक्षकों को तैयार करना होगा। ये प्रशिक्षक आगे लाखों युवाओं को कौशल देंगे। इससे स्थानीय क्षमता मजबूत होगी और अफ्रीका के दीर्घकालिक विकास में अहम योगदान मिलेगा।”

दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता की सराहना

ड्रग तस्करी पर ध्यान केंद्रित करते हुए पीएम मोदी ने विशेष रूप से “फेंटानिल जैसे अत्यधिक घातक पदार्थों के तीव्र प्रसार” की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा, “यह सार्वजनिक स्वास्थ्य, सामाजिक स्थिरता और वैश्विक सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बन चुका है। यह आतंकवाद के लिए फंडिंग का एक प्रमुख माध्यम भी है।”

उन्होंने कहा कि इस वैश्विक खतरे का मुकाबला करने के लिए वित्त, शासन और सुरक्षा से जुड़े विभिन्न उपकरणों को जोड़ने वाला G20 का एक साझा प्रयास आवश्यक है। तभी ड्रग-टेरर अर्थव्यवस्था को प्रभावी रूप से कमजोर किया जा सकता है।

मोदी ने दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता की सराहना की, जिसने स्किल्ड माइग्रेशन, पर्यटन, खाद्य सुरक्षा, AI, डिजिटल अर्थव्यवस्था, नवाचार और महिला सशक्तिकरण जैसे प्रमुख क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली G20 शिखर सम्मेलन में लिए गए ऐतिहासिक कदमों को आगे बढ़ाया गया है।

क्रिटिकल मिनरल्स पर बड़ा प्रस्ताव

पीएम मोदी ने G20 क्रिटिकल मिनरल्स सर्कुलैरिटी इनिशिएटिव का प्रस्ताव रखा। उनका कहना था कि वैश्विक विकास के लिए स्थिरता और स्वच्छ ऊर्जा दोनों अहम हैं और क्रिटिकल मिनरल्स इसमें बड़ी भूमिका निभाते हैं।

उन्होंने कहा, “इसके तहत रीसाइक्लिंग, अर्बन माइनिंग और सेकंड-लाइफ बैटरियों जैसी नवाचारों को बढ़ावा दिया जा सकता है।” यह प्रस्ताव ऐसे समय आया है जब चीन दुर्लभ और क्रिटिकल मिनरल्स की सप्लाई चेन पर अपनी पकड़ का रणनीतिक उपयोग कर रहा है।

मोदी ने कहा, “यदि सर्कुलैरिटी में निवेश बढ़ा, तो प्राथमिक खनन पर निर्भरता कम होगी। सप्लाई चेन पर दबाव भी घटेगा और प्रकृति के लिए भी अच्छा होगा। यह पहल ग्लोबल साउथ में संयुक्त रिसर्च, तकनीकी मानक और पायलट रीसाइक्लिंग सुविधाओं को समर्थन दे सकती है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि मजबूती (resilience) को अलग-अलग हिस्सों में बांटकर नहीं बनाया जा सकता। “G20 को पोषण, पब्लिक हेल्थ, सतत कृषि और आपदा प्रबंधन को जोड़ते हुए व्यापक रणनीति अपनानी चाहिए।”

मोदी ने G20 ओपन सैटेलाइट डेटा पार्टनरशिप का भी सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि भारत मानता है कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का लाभ पूरी मानवता को मिलना चाहिए। “इस साझेदारी से G20 देशों की अंतरिक्ष एजेंसियों के सैटेलाइट डेटा और विश्लेषण ग्लोबल साउथ के देशों के लिए अधिक सुलभ, इंटरऑपरेबल और उपयोगी हो जाएंगे,” उन्होंने कहा।

Read More
Next Story