अनंतनाग- शोपियां में आतंकी हमले, टूरिस्ट- बीजेपी नेता बने निशाना
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अनंतनाग- शोपियां में आतंकी हमले, टूरिस्ट- बीजेपी नेता बने निशाना

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग और शोपियां में आतंकियों ने दो अलग अलग घटनाओं को अंजाम दिया. अनंतनाग में टूरिस्ट तो शोपियां में बीजेपी नेता को मार डाला


Anantnag Shopian Terror Attack: जम्मू कश्मीर के अनंतनाग और शोपियां में फायरिंग के दो केस सामने आए. शनिवार देर रात आतंकियों ने जयपुर के एक जोड़े को गोली मार दी. जबकि एक दूसरे हमले में बीजेपी नेता की मौत हो गई. पुलिस के मुताबिक अनंतनाग के पहलगाम में जयपुर एक कपल को गोली मारी गई और उसके कुछ देर बाद ही शोपियां में बीजेपी के नेता और पूर्व सरपंच एजाज अहमद को निशाना बनाया गया. एजाज अहमद को अस्पताल ले जाया गया. उनकी हालत गंभीर थी और उन्हें बचाया नहीं जा सका.

अनंतनाग-शोपियां में आतंकी वारदात

जम्मू-कश्मीर पुलिस का कहना है कि पहले आतंकियों ने पहलगाम में एक टूरिस्ट कैंप पर गोलीबारी की. उस घटना में जयपुर की रहने वाली फरहा और उसके पति घायल हो गए. दोनों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया. इलाके की घेरेबंदी कर आतंकियों के खिलाफ पुलिस ऑपरेशन चलाया जा रहा है. इसी तरह कुछ देर बाद शोपियां से भी एक खबर आई. आतंकियों ने बीजेपी को निशाना बनाया था. वहां भी घेरेबंदी कर ऑपरेशन जारी है.

महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना

अनंतनाग और शोपियां में आतंकी हमले पर पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने कहा कि वो पर्यटकों के ऊपर गोलीबारी की आलोचना करती हैं. शोपियां में जिस तरह से नेता को निशाना बनाया गया वो भी अत्यंत दुखद है. हालांकि उन्होंने सियासत के भी दो पुट डाले.उन्होंने एक्स पर लिखा कि बिना वजह दक्षिण कश्मीर में चुनाव कराने में देरी की गई. बड़ी बात यह है कि भारत सरकार दावे करती है कि घाटी में हालात सामान्य है. लेकिन जमीनी हकीकत तो कुछ और ही है.

एनसी ने भी हमले की निंदा की

नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इस तरह की हरकतों की वजह से ही राज्य में विकास और स्थिरता प्रभावित हुई है, हालांकि वो किसी तरह का राजनीतिक बयान देने से बचते नजर आए.उन्होंने कहा कि अब हम जब विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं तो उसे बेपटरी करने की कोशिश हो रही है जिसे नाकाम करना है.

क्या कहते हैं जानकार

बता दें कि जम्मू-कश्मीर के अलग अलग हिस्सों से आतंकी वारदातें करीब करीब कम ही सुनने को मिलती हैं. सुरक्षा मामलों के जानकार बताते हैं कि ग्राउंड इंटेलिजेंस और लगातार निगरानी की वजह से आतंकी वारदातों में कमी भी आई है. हालांकि छिटपुट इस तरह के मामले सामने आते हैं. बड़ी बात यह है कि किसी खास मौके पर इस तरह के वारदात के जरिए आतंकी भय का माहौल पैदा करना चाहते हैं. दरअसल पाकिस्तान की लगातार कोशिश रहती है कि घाटी में हालात को किसी तरह से सामान्य नहीं होने देना है.

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