दिल्ली में चुनाव से पहले सिख विरोधी दंगे का जिक्र, कांग्रेस के बैनर तले सभी दल दोषी
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दिल्ली में चुनाव से पहले सिख विरोधी दंगे का जिक्र, 'कांग्रेस के बैनर तले सभी दल दोषी'

दिल्ली की रैली में पीएम नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि कांग्रेस से जुड़ी हर पार्टी सिख विरोधी दंगों के लिए दोषी हैं.


Narendra Modi Dwarka Rally: दिल्ली की सभी सात सीटों पर 25 मई को मतदान होना है, दोनों दल यानी बीजेपी और आप-कांग्रेस गठबंधन एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं. पीएम मोदी ने 22 मई को दिल्ली के द्वारका में रैली की. उस रैली में उन्होंने वंशवाद का मुद्दा उठाकर कांग्रेस पर प्रहार किया. उन्होंने कहा कि जहां बीजेपी का मंत्र राष्ट्र प्रथम है, वहीं दूसरा पक्ष परिवार पहले के सिद्धांत पर काम करता है. फिर, अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी - जो दिल्ली और पंजाब पर शासन करती है .और बाकी विपक्षी गुट पर स्पष्ट रूप से कटाक्ष करते हुए यह भी कहा कि कांग्रेस से जुड़ी हर पार्टी सिख विरोधी दंगों के लिए जिम्मेदार है. जो दल कांग्रेस के साथ मिलकर चुनावी फसल काटने की कोशिश में जुटे हुए हैं वो सीधे ना सही मानवता को कलंकित करने वालों की श्रेणी में गिने जाएंगे.

दिल्ली में पीएम मोदी ने साधा निशाना

दिल्ली के द्वारका में एक रैली में बोलते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि दोस्तों, यह सब इसलिए हुआ क्योंकि भाजपा राष्ट्र प्रथम मॉडल को लेकर आगे चलती है. दूसरी ओर कांग्रेस और विपक्षी गुट उनका एकमात्र एजेंडा परिवार पहले वाला है. तत्कालीन प्रधान मंत्री की हत्या के बाद 1984 के सिख विरोधी दंगों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इसी दिल्ली में, मेरे सिख भाइयों और बहनों के गले में जलते हुए टायर डालकर उन्हें मार दिया गया था. कांग्रेस की छत्रछाया में हर पार्टी दोषी है.

दिल्ली में साथ साथ पंजाब में राह जुदा

AAP और कांग्रेस एक सीट-बंटवारे समझौते के तहत दिल्ली में चुनाव लड़ रहे हैं, जिसमें केजरीवाल की पार्टी को चार सीटें और कांग्रेस को तीन सीटें मिली हैं. लेकिन दोनों दल पंजाब में एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं, लेकिन संबंधित राज्य इकाइयां आपसी मतभेदों को दूर करने में असमर्थ हैं. बीजेपी दिल्ली में अकेले चुनाव लड़ रही है और सभी सात सीटों पर चुनाव लड़ रही है. 2019 में, पार्टी ने राजधानी में जीत हासिल की थी और अब दोबारा प्रदर्शन की उम्मीद कर रही है.

दिल्ली के कई नेता जेल में
दिल्ली शराब नीति मामले में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद मजबूत लड़ाई लड़ने के लिए प्रतिबद्ध AAP को खुद को मुश्किल में पड़ा. लेकिन इस महीने की शुरुआत में अंतरिम जमानत पर उनकी रिहाई के बाद से पार्टी को नई ताकत मिली है. इसके दो अन्य प्रमुख नेता मनीष सिसौदिया और सत्येन्द्र जैन अभी भी जेल में हैं. 2019 में, AAP और कांग्रेस ने भाजपा के हाथों में खेलते हुए अलग-अलग चुनाव लड़ा था. इस बार दोनों पार्टियों को उम्मीद है कि उनके गठबंधन से बीजेपी विरोधी वोटों को एकजुट रखने में मदद मिलेगी. सियासी पंडित कहते हैं कि आप और कांग्रे दोनों दिल्ली में बीजेपी की टक्कर देने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन सवाल यह है कि ड्राइंग रूम में बैठकर किया गया गठबंधन कामयाब होगा. बता दें कि दिल्ली में एक ही चरण में 25 मई को मतदान होगा. वोटों की गिनती 4 जून को होगी.

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