ऑपरेशन सिंदूर के त्रिमूर्ति, कौन हैं राजीव घई, ए के भारती और ए एन प्रमोद
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(बाएं से दाएं) एयर मार्शल ए के भारती, लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई और वाइस एडमिरल ए एन प्रमोद। (फोटो सौजन्य-पीटीआई)

ऑपरेशन सिंदूर के त्रिमूर्ति, कौन हैं राजीव घई, ए के भारती और ए एन प्रमोद

11 मई को भारतीय रक्षा बलों के तीन बड़े अधिकारियों ने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी दी। ऑर्मी की तरफ से राजीव घई, एयरफोर्स से ए के भारती और नेवी से ए एन प्रमोद शामिल थे।


‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता को लेकर रविवार को भारतीय थलसेना, वायुसेना और नौसेना ने एक संयुक्त प्रेस वार्ता की। इस प्रेस वार्ता में तीनों सेनाओं के संचालन महानिदेशकों एयर मार्शल एके भारती (वायुसेना), लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई (थलसेना) और वाइस एडमिरल एएन प्रमोद (नौसेना) ने मीडिया को संबोधित किया और इस ऑपरेशन के रणनीतिक पहलुओं की जानकारी दी। तीनों सैन्य अधिकारियों ने न केवल ऑपरेशन की सफलता को रेखांकित किया, बल्कि पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश भी दिया कि भविष्य में किसी भी दुस्साहस की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

कौन हैं वाइस एडमिरल एएन प्रमोद

वाइस एडमिरल एएन प्रमोद, जो 15 जनवरी 2024 से नौसेना संचालन महानिदेशक का पद संभाल रहे हैं, ने बताया कि 22 अप्रैल को पहल्गाम में हुए आतंकी हमले के तुरंत बाद नौसेना की कैरियर बैटल ग्रुप, पनडुब्बियां, सतही युद्धपोत और एविएशन यूनिट्स को उत्तरी अरब सागर में तैनात कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि नौसेना की तैनाती पूरी तरह "निरोधक और प्रतिरोधक" मुद्रा में थी और कराची जैसे लक्ष्यों पर हमला करने के लिए पूरी तरह तैयार थी।

वाइस एडमिरल प्रमोद ने बताया कि हमले के 96 घंटों के भीतर अरब सागर में नौसैनिक बलों ने युद्धाभ्यास और हथियार परीक्षण किए ताकि विभिन्न आयुधों की सटीकता और समुद्री प्लेटफॉर्म की तत्परता सुनिश्चित की जा सके। इस अग्रिम तैनाती ने पाकिस्तानी नौसेना और वायु इकाइयों को रक्षात्मक मुद्रा में ला दिया, जिससे वे अपने ही तट के निकट सिमट कर रह गईं।

उन्होंने कहा कि भारत ने समुद्र में और समुद्र के नीचे कार्रवाई के हर विकल्प पर विचार किया और यह सब कुछ थलसेना और वायुसेना के साथ समन्वय में किया गया। उन्होंने कहा, "भारतीय नौसेना की जबरदस्त अभियान क्षमता और थलसेना-वायुसेना की गतिशील कार्रवाइयों के कारण पाकिस्तान को कल संघर्षविराम का अनुरोध करना पड़ा। अगर उन्होंने फिर से कोई हिमाकत की, तो उन्हें हमारे सामर्थ्य का आभास पहले से है।"

एयर मार्शल ए के भारती

एयर मार्शल एके भारती, जिन्होंने अक्टूबर 2024 में वायुसेना में संचालन महानिदेशक का पद संभाला, ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य केवल आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करना था, न कि शवों की गिनती करना। उन्होंने कहा, "हमने जो साधन और तरीके चुने, उन्होंने दुश्मन को भारी नुकसान पहुंचाया।"

उन्होंने पुष्टि की कि सभी निर्धारित लक्ष्य हासिल कर लिए गए हैं और भारत के सभी पायलट सुरक्षित रूप से लौट आए हैं। विदेशी मीडिया में भारतीय विमानों के नुकसान की खबरों को लेकर पूछे गए सवाल पर एयर मार्शल भारती ने कहा कि कुछ पाकिस्तानी विमानों को मार गिराया गया है, लेकिन संख्या सार्वजनिक करना उपयुक्त नहीं होगा। उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी विमान भारतीय सीमा में प्रवेश करने से रोके गए, इसलिए कोई मलबा भारत के पास नहीं है, फिर भी कार्रवाई पूरी तरह प्रभावी रही।

लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई

लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, जो 25 अक्टूबर 2024 से सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO) हैं, ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकवादियों के 9 ठिकानों को अत्यंत सटीक हथियारों से निशाना बनाया गया। उन्होंने बताया कि युसूफ अजहर, अब्दुल मालिक रऊफ और मुदस्सिर अहमद जैसे कई बड़े आतंकी मारे गए और 100 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के DGMO से 10 मई को हॉटलाइन पर बातचीत हुई, जिसके बाद 5:00 बजे संघर्षविराम पर सहमति बनी। हालांकि, पाकिस्तान ने कुछ ही घंटों में समझौते का उल्लंघन किया। लेफ्टिनेंट जनरल घई ने दो टूक कहा, “अगर पाकिस्तान ने दोबारा उल्लंघन किया, तो सेना पूरी ताकत से जवाब देगी। हमारे कमांडरों को पूरी कार्रवाई की छूट दी गई है।”

उन्होंने ऑपरेशन के दौरान शहीद हुए पांच भारतीय सैनिकों और नागरिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि भारतीय सेना संयम और परिपक्वता के साथ काम कर रही है, लेकिन किसी भी खतरे का जवाब निर्णायक ढंग से दिया जाएगा।

संचालन महानिदेशकों की भूमिका

भारतीय सशस्त्र बलों में संचालन महानिदेशक की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। वे न केवल सीमाओं पर होने वाले अभियानों की निगरानी करते हैं, बल्कि विदेशी समकक्षों से संवाद, युद्ध रणनीति, आतंकवाद-रोधी अभियान और जरूरत पड़ने पर युद्ध संचालन भी उनकी जिम्मेदारी होती है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तीनों संचालन महानिदेशकों ने अपनी सामूहिक शक्ति, सूझबूझ और युद्ध कौशल से भारत की सैन्य शक्ति का परिचय दुनिया को दिया।

ऑपरेशन सिंदूर न केवल आतंकवादियों के खिलाफ एक निर्णायक सैन्य कार्रवाई थी, बल्कि यह भारत की संयुक्त सैन्य रणनीति और तीनों सेनाओं के समन्वित युद्ध कौशल का उदाहरण भी है। यह ऑपरेशन पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश देता है — भारत अब चुप नहीं बैठेगा, और हर दुस्साहस का जवाब सटीक और निर्णायक होगा।

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