पहलगाम आतंकी हमला, संदिग्ध Code Name का कर रहे थे इस्तेमाल
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सुरक्षाबलों ने संदिग्ध आतंकियों के स्केच जारी किए हैं। पहलगाम आतंकी हमले में इनके हाथ होने की आशंका है

पहलगाम आतंकी हमला, संदिग्ध Code Name का कर रहे थे इस्तेमाल

पहलगाम आतंकी हमले के बारे में एक और जानकारी सामने आई है। बताया जा रहा है कि दहशतगर्द कोड नाम मूसा, यूनुस और आसिफ इस्तेमाल कर रहे थे


Pahalgam Attack: पहलगाम आतंकी हमले पर मशहूर लेखिका तस्लीमा नसरीन ने कहा कि इस्लाम जब तक है आतंकवाद रहेगा। उनके इस बयान पर अलग अलग अंदाज में सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया आ रही है। इन सबके बीच सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों की स्केच जारी की है। बताया जा रहा है दो आतंकी स्थानीय और दो आतंकी पाकिस्तान से है। डिजिटल फुटप्रिंट के जरिए यह भी बात सामने आ रही है कि हमले के समय वो पाकिस्तान में बैठे किसी शख्स से बातचीत भी कर रहे थे। आतंकियों ने ऑपरेशन को मूसा, यूनुस और आसिफ कोड नाम से अंजाम दे रहे थे।

बुधवार को सुरक्षा एजेंसियों ने खुलासा किया कि पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले को अंजाम देने वाले तीन संदिग्ध आतंकियों ने अपनी पहचान छुपाने के लिए ‘मूसा’, ‘यूनुस’ और ‘आसिफ’ जैसे कोड नामों का इस्तेमाल किया। इस हमले में 28 लोगों की जान गई थी, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे।

TRF से जुड़े आतंकी – पहचाने गए असली नाम

इन संदिग्ध आतंकियों की असली पहचान आसिफ शेख, सुलेमान शाह और अबू तल्हा के रूप में की गई है। माना जा रहा है कि ये सभी द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) के सक्रिय सदस्य हैं, जो पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का प्रॉक्सी संगठन है। अधिकारियों के मुताबिक, यह आतंकियों का वही समूह है जो पहले पुंछ क्षेत्र में सक्रिय रहा है और वहां कई आतंकी हमलों को अंजाम दे चुका है।

कोड नेम का इस्तेमाल

हालांकि आतंकियों द्वारा उपनाम (कोडनेम) का इस्तेमाल कोई नई बात नहीं है, लेकिन सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ये नाम आतंकियों के नेटवर्क में भ्रम फैलाने, पहचान छुपाने और आपस में अदल-बदल कर इस्तेमाल किए जाने वाले पहचान मॉडल का हिस्सा हो सकते हैं।

प्रत्यक्षदर्शियों के आधार पर बने स्केच

हमले में बचे लोगों की मदद से तीनों संदिग्धों के स्केच तैयार किए गए हैं और इन्हें सार्वजनिक किया गया है। काले-सफेद पेंसिल स्केच से पता चलता है कि सभी युवक दाढ़ी वाले हैं और उनकी उम्र कम लग रही है। एक धुंधली तस्वीर भी सामने आई है जिसमें एक युवक AK-47 लेकर भागता हुआ दिखाई दे रहा है। बताया जा रहा है कि यह तस्वीर पीड़ितों के बयान से मेल खाती है, हालांकि इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि अभी बाकी है।

भारतीय सेना की वर्दी में आए थे आतंकी

यह हमला मंगलवार दोपहर करीब 1:30 बजे हुआ, जब पर्यटक बैसारन की हरी-भरी घाटियों का लुत्फ़ उठा रहे थे। बचे हुए पर्यटकों के अनुसार, हमलावर भारतीय सेना की वर्दी में आए थे और उन्होंने पीड़ितों से धर्म बताने और इस्लामी आयतें पढ़ने को कहा, जिसके बाद अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी गई।

दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा

भारतीय सेना की चिनार कोर ने पुष्टि की है कि "फिलहाल तलाशी अभियान जारी है और सभी प्रयास हमलावरों को न्याय के कठघरे में लाने पर केंद्रित हैं।"

'कश्मीर की शांति पर हमला'

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घटनास्थल का दौरा करते हुए कहा,"यह हमला सिर्फ पर्यटकों पर नहीं था, बल्कि कश्मीर की शांति और प्रगति पर था। इसका जवाब निर्णायक होगा।"

यह आतंकी हमला न केवल मानवीय त्रासदी है, बल्कि सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी एक बड़ा सबक और चेतावनी है कि आतंक की रणनीति अब और भी पेचीदा और सुनियोजित होती जा रही है।

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