
ट्रंप की वीज़ा सख्ती: प्रभावित भारतीय छात्रों को लेना चाहिए कानूनी सहारा
अमेरिका में हजारों भारतीय छात्रों को अचानक वीजा रद्द होने और निर्वासन की धमकियों का सामना करना पड़ रहा है। क्या डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका बहुत अप्रत्याशित होता जा रहा है?
डोनाल्ड ट्रंप सरकार द्वारा अचानक विदेशी छात्रों के वीज़ा रद्द करने से सैकड़ों अंतरराष्ट्रीय छात्रों खासकर भारतीयों को बड़ा झटका लगा है। बिना किसी चेतावनी या कानूनी प्रक्रिया के इन छात्रों को वीज़ा नियमों का उल्लंघन करने वाला बताया गया और अमेरिका छोड़ने का आदेश दे दिया गया।
छात्रों की हैरानी और डर
शैक्षिक सलाहकार राजकमल राव ने The Federal से बातचीत में कहा कि छात्रों को यह तक नहीं पता कि उन्होंने गलती क्या की। एक दिन उनका वीज़ा वैध होता है, अगले दिन उन्हें अवैध घोषित कर दिया जाता है। ट्रंप की इमिग्रेशन नीति भ्रमित करने वाली है। एक तरफ वे कहते हैं कि पढ़ाई पूरी करने वालों को ग्रीन कार्ड देंगे। वहीं, दूसरी तरफ कानूनों का कठोर पालन कर रहे हैं, जिससे वैध छात्र भी फंस रहे हैं। लोग कानूनी और गैरकानूनी इमिग्रेंट में फर्क नहीं समझ पा रहे।
राव मानते हैं कि कुछ छात्रों ने नियमों का उल्लंघन किया। जैसे पहले साल में ऑफ-कैंपस काम करना या SOP कॉपी करना। लेकिन ये आपराधिक नहीं हैं। पहले साल में रेस्टोरेंट में काम करना साफ-साफ नियम का उल्लंघन है। राव को सबसे ज्यादा चिंता इस बात की है कि छात्रों को ना तो बताया गया कि गलती क्या थी और ना ही अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया। भारतीय छात्र F-1 वीज़ा पर कानूनी रूप से हैं। उन्हें भी कानूनी प्रक्रिया का हक़ है। अमेरिका का संविधान यही सिखाता है।
अमेरिकी वीज़ा सिस्टम पर दबाव
राव कहते हैं कि अमेरिका का वीज़ा सिस्टम पहले से ही तनाव में है। अगर अमेरिका ने पोस्ट-स्टडी वर्क वीज़ा (OPT) हटा दिया तो 90% छात्र अमेरिका आना बंद कर देंगे। अब जापान, चीन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश भारतीय छात्रों को आकर्षित कर रहे हैं। क्योंकि वहां नियम साफ और स्थिर हैं। छात्र वहीं जाएंगे, जहां उन्हें सम्मान और स्थिरता मिलेगी।
कोविड के दौरान भी सख्ती
2020 में ट्रंप प्रशासन ने ऑनलाइन पढ़ रहे छात्रों को भी देश से निकालने की कोशिश की थी। राव ने कहा कि जब कैंपस ही बंद थे, तब भी सरकार ने कहा कि तुम नियम तोड़ रहे हो। ये अर्थहीन और अमानवीय था। राव ने स्टीवन मिलर को ट्रंप सरकार की कड़ी इमिग्रेशन नीतियों के पीछे की ताक़त बताया। राव ने तंज कसते हुए कहा कि वे अमेरिका के अमित शाह जैसे हैं।