
खैबर पख्तूनख्वा में पाकिस्तानी एयर स्ट्राइक, महिलाओं व बच्चों समेत 30 की मौत
जेएफ-17 विमानों ने मत्रे दारा पर आठ बम गिराए, जिससे घर ध्वस्त हो गए; सेना का कहना है कि उनका निशाना टीटीपी के ठिकाने थे क्योंकि अफगान सीमा पर आतंकी हिंसा बढ़ गई है
Pakistani Airstirke : पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सोमवार तड़के हुए हवाई हमलों में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में महिलाएँ और बच्चे भी शामिल हैं। घटना सुबह करीब 2 बजे हुई जब पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों ने तिराह घाटी के मातरे दारा गांव पर आठ एलएस-6 बम गिराए। इससे भीषण नरसंहार हुआ। सभी मृतक आम नागरिक थे।
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कई लोग घायल भी हुए हैं, लेकिन उनकी स्थिति स्पष्ट नहीं है। घटनास्थल से सामने आए विचलित करने वाले वीडियो और तस्वीरों में बच्चों समेत कई शव बिखरे पड़े दिखाई दिए। राहत दल मलबे से शव निकालने में जुटे हैं, जिससे मृतकों की संख्या और बढ़ने की आशंका है।
अंतरराष्ट्रीय चिंता और पिछली घटनाएँ
खैबर पख्तूनख्वा में पहले भी आतंकवाद-रोधी अभियानों के नाम पर कई बार नागरिक हताहत हुए हैं। इसी साल जून में एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा था कि यहां लगातार हो रहे ड्रोन हमले आम नागरिकों की ज़िंदगी के प्रति पाकिस्तान सरकार की गंभीर लापरवाही को दर्शाते हैं। संगठन की दक्षिण एशिया की उप-क्षेत्रीय निदेशक इसाबेल लासी ने हाल ही में कहा था कि मार्च से हमलों में तेज़ी आई है और इसमें बच्चों समेत आम लोगों की मौत हो रही है।
आतंकी घटनाओं का आँकड़ा
खैबर पख्तूनख्वा पुलिस के मुताबिक जनवरी से अगस्त 2025 तक प्रांत में 605 आतंकी घटनाएँ दर्ज हुईं, जिनमें 138 नागरिक और 79 पुलिसकर्मी मारे गए। सिर्फ अगस्त महीने में ही 129 घटनाएँ सामने आईं, जिनमें पाकिस्तानी सेना और अर्धसैनिक बल संघीय कॉन्स्टेबुलरी के 6 जवान भी शामिल थे।
आतंकी संगठनों का ठिकाना बदलना
इस बीच, ऑपरेशन सिंदूर के बाद आतंकवादी संगठन जैसे जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और हिज्बुल मुजाहिदीन (HM) खैबर पख्तूनख्वा में नई पनाहगाहें बना रहे हैं। यह इलाका अफगान सीमा से सटा और पहाड़ी होने के कारण आतंकियों को प्राकृतिक छुपाव मुहैया कराता है। यहां अब भी सोवियत-अफगान युद्ध (1980 के दशक) और 9/11 के बाद अमेरिकी हमलों के समय बने कई पुराने ठिकाने मौजूद हैं।