पहलगाम हमला: लश्कर-ए-तैयबा और TRF का पाकिस्तान कनेक्शन
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The Al-Aziz Hospital started as a dispensary in 1994. Today, it has progressed to a 32-bed hospital with OPD services in the morning and evening |

पहलगाम हमला: लश्कर-ए-तैयबा और TRF का पाकिस्तान कनेक्शन

इसका एक उदाहरण अल-अजीज अस्पताल है, जो लश्कर-ए-तैयबा से संबद्ध जमात-उद-दावा के परिसर में स्थित है, जिसकी गतिविधियों से पता चलता है कि आतंकवादी नेटवर्क पाकिस्तान सरकार के समर्थन से फल-फूल रहा है।


22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन में पर्यटकों की हत्या की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के फ्रंट संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है। इसके बाद एक बार फिर पाकिस्तान की आतंकी संगठनों को संरक्षण देने की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं। पाकिस्तान के मुरिदके में स्थित अल-अज़ीज़ अस्पताल दिखने में तो एक आम अस्पताल है। लेकिन असल में यह लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक संगठन जमात-उद-दावा (JuD) के कंट्रोल में है।

यह अस्पताल 1994 में एक छोटा सा डिस्पेंसरी था, जो अब 32 बिस्तरों वाला अस्पताल बन गया है। 2019 में पाकिस्तानी सरकार ने इसे "सरकारी अस्पताल" घोषित कर दिया और इसका नाम बदलकर "गवर्नमेंट अल-अज़ीज़ हॉस्पिटल एंड कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज" रख दिया। लेकिन इसका ऑनलाइन डेटा साफ बताता है कि अभी भी इस पर जमात-उद-दावा का कब्जा है।

FATF ग्रे लिस्ट से बचने की कोशिश

पाकिस्तान ने इस अस्पताल का नाम इसलिए बदला, ताकि FATF (Financial Action Task Force) की ग्रे लिस्ट से बाहर निकल सके। इस लिस्ट में उसे आतंकवाद को फंडिंग देने और मनी लॉन्डरिंग के कारण डाला गया था। हाफिज सईद को जेल भेजकर और अस्पताल जैसे संगठनों का नाम बदलकर पाकिस्तान ने दुनिया को दिखाया कि वह आतंक के खिलाफ है। जबकि सच्चाई कुछ और है।

ऑनलाइन वीडियो से खुल रही असलियत

अल-अज़ीज़ अस्पताल के यूट्यूब चैनल पर अक्टूबर 2023 से वीडियो डाले गए हैं। एक वीडियो में "कश्मीर हमारी शह रग है" (कश्मीर हमारी जान की नस है) जैसे नारे और गाने बजते हुए दिखते हैं। पाक सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने भी हाल ही में यही बयान दोहराया था।

हाफिज सईद का राजनीतिक फ्रंट – PMML

इस अस्पताल से जुड़ा एक और वीडियो दिखाता है कि "खिदमत-ए-खल्क" नामक संस्था के चेयरमैन मुहम्मद सरवर चौधरी वहां आए थे। यह संस्था, जो सेवा का ढोंग करती है, असल में लश्कर-ए-तैयबा की फंडिंग शाखा है। अमेरिकी विदेश विभाग ने 2006 में इस संगठन को Global Terrorist Front घोषित कर दिया था।

LeT ने पहले Milli Muslim League (MML) नाम से पार्टी बनाई थी, जिसे अमेरिका ने आतंकी संगठन घोषित कर दिया। इसके बाद नाम बदलकर Pakistan Markazi Muslim League (PMML) कर दिया गया। इस पार्टी ने 2024 के पाकिस्तानी चुनावों में उम्मीदवार उतारे, जिनमें हाफिज सईद का बेटा तल्हा भी शामिल था। उसने लाहौर की सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गया।

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