“मैं आपका योद्धा हूँ, मैं आपका न्याय हूँ, और जिनके साथ गलत हुआ है, मैं उनका प्रतिशोध हूँ,” ट्रम्प ने 2023 में अपने समर्थकों से कहा था। यह बयान उनकी बदले की राजनीति और कथित "डीप स्टेट" के खिलाफ़ अभियान को रेखांकित करता है।
अभियोजन और न्यायपालिका पर निशाना
ट्रम्प ने उन कानूनी मामलों की देखरेख करने वाले कई अधिकारियों और न्यायाधीशों पर तीखा हमला किया है, जिनमें वह स्वयं आरोपी हैं।
जैक स्मिथ (विशेष वकील): ट्रम्प ने उन्हें "मानसिक रूप से विक्षिप्त" करार दिया और उन्हें देश से बाहर निकालने की बात कही।
लेटिटिया जेम्स (न्यूयॉर्क अटॉर्नी जनरल): उन्होंने ट्रम्प की संपत्तियों के मूल्यांकन से जुड़े मामले में मुकदमा दायर किया। ट्रम्प ने कहा कि " जेम्स पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए।"
न्यायाधीश आर्थर एंगोरोन: उन्होंने न्यूयॉर्क के मुकदमे की देखरेख की। ट्रम्प ने उन्हें "गिरफ्तार करने और दंडित करने" की बात कही।
एल्विन ब्रैग (मैनहट्टन डीए): ट्रम्प ने उन्हें "राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप" का दोषी ठहराया।
पूर्व सहयोगियों के खिलाफ बयान
जनरल मार्क ए. मिले: ट्रम्प ने उन्हें "देशद्रोही" कहते हुए मौत की सजा की बात कही।
माइकल कोहेन: ट्रम्प के पूर्व वकील, जिन्होंने उनके खिलाफ गवाही दी, पर उन्होंने "झूठ बोलने" और "कानूनी लागत बढ़ाने" का आरोप लगाया।
जॉन बोल्टन: उनके पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, जिन्होंने आलोचनात्मक किताब लिखी, पर ट्रम्प ने "वर्गीकृत जानकारी लीक करने" का आरोप लगाया।
राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी और डेमोक्रेट्स पर हमला
ट्रम्प के बयान उनके राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ कड़े शब्दों में रहे हैं:
जो बिडेन और उनका परिवार: उन्होंने "बिडेन परिवार" के खिलाफ एक विशेष अभियोजक नियुक्त करने की बात कही।
हिलेरी क्लिंटन: "मैं उन्हें जेल में डाल सकता था," ट्रम्प ने 2024 में एक रैली में कहा।
नैन्सी पेलोसी: ट्रम्प ने कहा कि उन्हें "कैपिटल में सुरक्षा चूक और वीज़ा स्टॉक बेचने के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।"
मीडिया और तकनीकी कंपनियों पर हमला
ट्रम्प ने मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ़ भी आक्रामक रुख अपनाया है:
सीबीएस और अन्य मीडिया हाउस: उन्होंने इनके लाइसेंस रद्द करने की बात कही।
मार्क ज़ुकरबर्ग (मेटा के सीईओ): उन्होंने चेतावनी दी कि "अगर मेटा ने कुछ भी अवैध किया, तो ज़ुकरबर्ग को जेल में डाल दिया जाएगा।"
क्या है समर्थकों और विरोधियों की राय
ट्रम्प के बयानों को उनके समर्थकों ने "न्याय की लड़ाई" के रूप में देखा, लेकिन आलोचक इसे लोकतांत्रिक संस्थाओं और कानून के शासन पर हमला मानते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि उनकी बयानबाजी उनके चुनाव अभियान को मजबूत कर सकती है, लेकिन यह संस्थागत स्थिरता के लिए जोखिम पैदा कर सकती है।
डोनाल्ड ट्रम्प के बयानों ने एक नई राजनीतिक बहस को जन्म दिया है। उनके समर्थक इसे एक नई दिशा में नेतृत्व मानते हैं, जबकि विपक्ष इसे "अधिकारों के दुरुपयोग" की तैयारी कहता है। 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में इस विवाद की भूमिका निर्णायक हो सकती है।