
अमेरिका ने लगाया रुसी तेल कंपनियों पर प्रतिबन्ध, परेशानी में आ सकता है भारत
अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़े, तो इसका सीधा असर भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर पड़ेगा और उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ बढ़ेगा।
America Bans Russian Oil Company's : अमेरिका ने रूस की दो प्रमुख तेल कंपनियों रॉसनेफ्ट (Rosneft) और लुकोइल (Lukoil) पर सख्त आर्थिक प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। ये प्रतिबंध 21 नवंबर से लागू होंगे। माना जा रहा है कि इस कदम से वैश्विक बाजार में रूसी कच्चे तेल की सप्लाई घटेगी, जिससे तेल की कीमतों में उछाल आ सकता है।
भारत के लिए यह फैसला बड़ी चुनौती बन सकता है, क्योंकि देश अब तक रूस से सस्ते दामों पर भारी मात्रा में कच्चा तेल खरीदता रहा है। प्रतिबंध लागू होने के बाद भारतीय तेल कंपनियों के लिए रूसी तेल का सस्ता सौदा करना बेहद मुश्किल हो जाएगा।
भारत 85% कच्चा तेल आयात करता है
भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों का करीब 85 फीसदी हिस्सा आयात से पूरा करता है। रूस की दो बड़ी कंपनियों पर बैन के बाद अब भारत को इराक, अमेरिका और सऊदी अरब जैसे दूसरे देशों से तेल खरीद बढ़ानी पड़ सकती है। हालांकि, ये डील्स महंगी साबित हो सकती हैं, जिससे देश के आयात खर्च में बड़ा इजाफा होगा।
वैकल्पिक विकल्पों की तलाश में भारत
मैरीटाइम इंटेलिजेंस फर्म Kpler की रिपोर्ट के अनुसार, रूस से सप्लाई घटने की आशंका के चलते भारत नए विकल्प तलाशने में जुट गया है। तेल मंत्रालय और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां 21 नवंबर से पहले जितना संभव हो सके उतना रूसी तेल स्टॉक करने की रणनीति पर काम कर रही हैं, ताकि बाद में कीमतों के दबाव को कुछ हद तक कम किया जा सके।
पेट्रोल-डीजल पर असर
अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल महंगा हुआ, तो इसका सीधा असर भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर पड़ सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, आयात खर्च बढ़ने से आने वाले महीनों में घरेलू ईंधन दामों में बढ़ोतरी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
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