बांग्लादेश में धार्मिक कट्टरपंथियों की टिप्पणियां 'झूठ का पुलिंदा': ISKCON
राधारमण दास ने कहा कि इस्कॉन सभी समुदायों के बीच शांति, सौहार्द, बंधुत्व और भाईचारे का पक्षधर है और इसके खिलाफ टिप्पणियां बांग्लादेश में अपनी भूमिका निभाने से पीछे नहीं हटेंगी
Atrocities On Hindus In Bangladesh : इस्कॉन (अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ) कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने रविवार को बांग्लादेश के राजनीतिक दलों पर तीखा हमला किया। उन्होंने बांग्लादेश में संगठन को "कट्टरपंथी" करार दिए जाने की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इस्कॉन एक शांति और भाईचारे की वैश्विक धार्मिक संस्था है जो सभी समुदायों के बीच सौहार्द बढ़ाने के लिए काम करती है।
राधारमण दास ने स्पष्ट किया कि इस्कॉन का उद्देश्य केवल शांति, सौहार्द, बंधुत्व और भाईचारे का प्रचार करना है, और यह संस्था दुनिया भर में संकट में फंसे लोगों की मदद करती है। उन्होंने बांग्लादेश में हाल ही में कुछ छात्र नेताओं, बांग्लादेश नेशनल पार्टी (BNP) के नेताओं और धार्मिक कट्टरपंथियों द्वारा किए गए संगठन के खिलाफ अभद्र और गलत टिप्पणियों पर तीखी प्रतिक्रिया दी। दास का कहना था कि इन टिप्पणियों से इस्कॉन की कार्यप्रणाली या संगठन की भूमिका पर कोई असर नहीं पड़ेगा और संस्था वहां अपने उद्देश्यों की पूर्ति करती रहेगी।
विश्वभर में शांति का सन्देश देता है ISKCON
उन्होंने कहा कि इस्कॉन का उद्देश्य किसी भी प्रकार की हिंसा या भेदभाव को बढ़ावा नहीं देना है, बल्कि यह विश्वभर में शांति और धार्मिक सहिष्णुता की स्थापना में योगदान देने के लिए काम कर रहा है। राधारमण दास ने यह भी कहा कि इस्कॉन का धर्म, प्रेम और सेवा के सिद्धांतों पर आधारित है, और वह सभी धर्मों और संस्कृतियों के साथ मिलकर काम करने की कोशिश करता है।
बांग्लादेश में इस्कॉन के खिलाफ उठी आलोचनाओं के बावजूद, राधारमण दास ने आश्वासन दिया कि संगठन अपने मिशन को जारी रखेगा और अपने समाज सेवा कार्यों को बिना किसी रुकावट के आगे बढ़ाएगा।
'झूठ का पुलिंदा'
राधारामण दास ने कहा कि इस्कॉन ने हाल ही में बांग्लादेश में आई बाढ़ के दौरान वहां के लोगों को राहत पहुंचाई थी। इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता दास ने संवाददाताओं से कहा, "इस्कॉन के खिलाफ कुछ बीएनपी नेताओं और कट्टरपंथी तत्वों की टिप्पणियां झूठ का पुलिंदा के अलावा और कुछ नहीं हैं। ये चिंताजनक हैं। हमें उम्मीद है कि सदबुद्धि आएगी और इस्कॉन अतीत की तरह उस देश में मानवता की सेवा करने में सक्षम होगा।" उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों में, विशेषकर हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद, बांग्लादेश में इस्कॉन की संपत्तियों पर बमबारी और आगजनी की घटनाएं हुई हैं।
'उम्मीद है कि शत्रुता समाप्त होगी, चिन्मय रिहा होंगे'
दास ने कहा, "हम इस तरह की शत्रुता का अंत देखने के लिए उत्सुक हैं और आशा करते हैं कि चिन्मय कृष्ण दास को जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा, और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा मोहम्मद यूनुस सरकार द्वारा सुनिश्चित की जाएगी।" बांग्लादेश में कुछ राजनीतिक नेता और इस्लामी संगठन चिन्मय दास की गिरफ्तारी और चटगांव अदालत में हिंदू नेता के समर्थकों और उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे लोगों के बीच झड़प के दौरान एक वकील की मौत के बाद से इस्कॉन पर विभिन्न आरोप लगा रहे हैं।
'सनातनियों' को एकजुट करने का आह्वान
इस बीच, एक हिंदू संगठन ने सिलीगुड़ी में दिन में 'लाख कंठे गीता पाठ' (एक लाख श्रद्धालुओं द्वारा गीता श्लोकों का पाठ) का आयोजन किया, जहां भारत सेवाश्रम संघ के बेलडांगा इकाई के प्रमुख भरत महाराज सहित संतों और भिक्षुओं ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के विरोध में सभी 'सनातनी' हिंदुओं से एकजुट होने का आह्वान किया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने सिलीगुड़ी में धर्मसभा का दौरा किया और अपना समर्थन देने का वादा किया।
(एजेंसियों से प्राप्त इनपुट के साथ)
Next Story