बांग्लादेशी फॉरेन एडवायजर ने भारत के साथ काम करने की जताई इच्छा, कहा-लेकिन हसीना के बयान अनुकूल नहीं
विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करना चाहती है.
Bangladesh Foreign Affairs Advisor: विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने बुधवार को कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करना चाहती है. लेकिन साथ ही आगाह किया कि अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना का भारत की ओर से दिया गया सार्वजनिक बयान बेहतर द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल नहीं है. उनकी यह टिप्पणी भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा द्वारा उनसे शिष्टाचार भेंट करने और बांग्लादेश में हाल के घटनाक्रमों के मद्देनजर द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा के बाद आई है, जहां बड़े पैमाने पर हिंसा हुई है और अल्पसंख्यकों व मंदिरों पर हमले हुए हैं.
हुसैन ने कहा कि बांग्लादेश द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करना चाहता है. उन्होंने अल्पसंख्यकों सहित बांग्लादेश में विभिन्न समुदायों के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को सुनिश्चित करने के लिए अंतरिम सरकार की प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की.
बता दें कि शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद अंतरिम सरकार के गठन के बाद वर्मा की हुसैन से यह पहली मुलाकात थी. नौकरियों में विवादास्पद कोटा प्रणाली को लेकर अपनी सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद हसीना ने 5 अगस्त को इस्तीफा दे दिया और भारत भाग गईं. हालांकि, हुसैन ने कहा कि भारत से दिया गया हसीना का हालिया बयान ढाका-दिल्ली संबंधों को सुधारने के लिए अनुकूल नहीं है. वर्मा से मुलाकात के बाद हुसैन ने कहा कि यह बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का रुख है.
उन्होंने कहा कि भारत से हसीना का बयान ढाका के लिए असहज करने वाला है और हम यह देखना चाहते हैं कि वह भारत में रहते हुए ऐसा नहीं करेंगी. बाद में एक बयान में विदेश मंत्रालय ने कहा कि हुसैन ने भारतीय राजनयिक के साथ अपनी बैठक के दौरान बांग्लादेश में हो रही घटनाओं के बारे में अत्यधिक बढ़ा-चढ़ाकर चलाए जा रहे मीडिया अभियान का भी उल्लेख किया, जो स्पष्ट रूप से कुछ हिंदू मंदिरों और घरों सहित अल्पसंख्यक समुदायों पर हमलों का संदर्भ था.
वर्मा ने हुसैन के साथ बैठक के बाद कहा कि हम बांग्लादेश के साथ अपने संबंधों को आगे बढ़ाने में रुचि रखते हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस को दी गई शुभकामनाओं का उल्लेख किया और दोनों देशों के लोगों की साझा आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए आने वाले दिनों में अंतरिम सरकार के साथ काम करने की भारत की उत्सुक इच्छा व्यक्त की.
वहीं, बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकर उज जमान ने पहले कहा था कि देश भर में तोड़फोड़ के बीच 32 जिलों में अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों पर हमले की 34 घटनाएं सामने आई हैं. इन घटनाओं में पीएमओ, प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास और बंगबंधु स्मारक संग्रहालय सहित कई सरकारी प्रतिष्ठानों पर बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की गई और अपदस्थ अवामी लीग शासन के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हमले किए गए. उत्तरपश्चिमी राजशाही ने कहा कि हम अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे. वहीं, खबरों में कहा गया है कि मदरसा छात्रों सहित हजारों छात्र लूटपाट और बदमाशों के हमलों से हिंदू मंदिरों और घरों की रखवाली कर रहे हैं.
हुसैन ने कहा कि अंतरिम सरकार समावेशी और बहुलवादी लोकतंत्र की स्थापना सुनिश्चित करने तथा स्वतंत्र, निष्पक्ष और भागीदारीपूर्ण चुनाव कराने के लिए माहौल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. वर्मा पिछले गुरुवार को अंतरिम सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे.
हुसैन ने कहा कि सरकार सभी धार्मिक और जातीय समूहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और उनके खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा या धमकी को बर्दाश्त नहीं करेगी. सभी धार्मिक समूह और अन्य राजनीतिक दल भी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं. उनकी यह मुलाकात बांग्लादेश नेशनल हिंदू ग्रैंड अलायंस द्वारा यह कहे जाने के एक दिन बाद हुई है कि हसीना सरकार के पतन के बाद से अल्पसंख्यक समुदाय को 48 जिलों में 278 स्थानों पर हमलों और धमकियों का सामना करना पड़ा है और इसे "हिंदू धर्म पर हमला" बताया है. अपने पद से हटने के बाद अपने पहले सार्वजनिक बयान में हसीना ने मंगलवार को "न्याय" की मांग करते हुए कहा कि हाल ही में हुई "आतंकवादी गतिविधियों", हत्याओं और बर्बरता में शामिल लोगों की जांच की जानी चाहिए, उनकी पहचान की जानी चाहिए और उन्हें दंडित किया जाना चाहिए.
अमेरिका में रहने वाले उनके बेटे साजिब वाजेद जॉय द्वारा अपने एक्स हैंडल पर बंगाली भाषा में पोस्ट किए गए बयान में हसीना ने बांग्लादेशियों से 15 अगस्त को शांतिपूर्वक मनाने का आग्रह किया, जिस दिन देश के संस्थापक और उनके पिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की हत्या कर दी गई थी. भारतीय राजनयिक से मुलाकात के दौरान हुसैन ने उन्हें बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पिछले हफ़्ते बहादुर छात्रों के नेतृत्व में हुए जन-विद्रोह के ज़रिए बांग्लादेश ने दूसरी आज़ादी देखी.
हुसैन ने भारत के साथ प्रमुख मुद्दों को रेखांकित किया जैसे कि "सीमा पर हत्या को रोकना, तीस्ता जल बंटवारे के समझौते को पूरा करना और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करना. उन्होंने भारतीय राजदूत से कहा कि भेदभावपूर्ण सार्वजनिक सेवा भर्ती प्रणाली के खिलाफ निडर छात्र आंदोलन जल्द ही एक नियम-आधारित, न्यायपूर्ण, निष्पक्ष और समावेशी समाज की स्थापना के लिए एक राष्ट्रव्यापी क्रांतिकारी संघर्ष में बदल गया. सलाहकार ने कहा कि इस अंतरिम सरकार के समक्ष सबसे महत्वपूर्ण कार्य समग्र कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को सामान्य बनाना और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना है.
उन्होंने मुख्य सलाहकार को उनकी नई जिम्मेदारी संभालने पर दी गई शुभकामनाओं के लिए भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया. मोदी ने पिछले सप्ताह बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ लेने पर यूनुस को शुभकामनाएं दी थीं और उम्मीद जताई थी कि जल्द ही सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी और उस देश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी. भारतीय राजदूत ने विदेश सलाहकार को उनकी नई जिम्मेदारी के लिए बधाई दी.