बांग्लादेश हिंसा को लेकर शेख हसीना ने तोड़ी चुप्पी, कहा- जांच कर दोषियों को दी जाए सजा
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बांग्लादेश हिंसा को लेकर शेख हसीना ने तोड़ी चुप्पी, कहा- जांच कर दोषियों को दी जाए सजा

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पद से हटने के बाद मंगलवार को अपना पहला बयान जारी किया. अपने बेटे सजीब वाजेद के माध्यम से जारी बयान में हसीना ने 'देशवासियों के लिए' न्याय की मांग की.


Bangladesh Former PM Sheikh Hasina Statement: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पद से हटने के बाद मंगलवार को अपना पहला बयान जारी किया. अपने बेटे सजीब वाजेद के माध्यम से जारी बयान में हसीना ने 'देशवासियों के लिए' न्याय की मांग की. बता दें कि नौकरियों में विवादास्पद कोटा प्रणाली को लेकर अपनी सरकार के खिलाफ व्यापक विरोध के बाद 76 वर्षीय हसीना ने पिछले सप्ताह इस्तीफा दे दिया और भारत आ गई थीं.

देशवासियों को अपने परिवार के बलिदानों की याद दिलाते हुए उन्होंने एक्स पर लिखा कि भाइयों और बहनों 15 अगस्त 1975 को बांग्लादेश के राष्ट्रपति बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. मैं उनके प्रति गहरा सम्मान रखती हूं. उसी समय मेरी मां बेगम फाजिलतुन्नेस, मेरे तीन भाई स्वतंत्रता सेनानी कैप्टन शेख कमाल, स्वतंत्रता सेनानी लेफ्टिनेंट शेख जमाल, कमाल और जमाल की नवविवाहिता दुल्हन सुल्ताना कमाल और रोजी जमाल, मेरा छोटा भाई जो केवल 10 साल का था, की बेरहमी से हत्या कर दी.

उन्होंने आगे लिखा कि स्वतंत्रता सेनानी शेख फजलुल हक मोनी और उनकी गर्भवती पत्नी आरजू मोनी, कृषि मंत्री अब्दुर रब सरनियाबाद, उनके 10 वर्षीय बेटे आरिफ, 13 वर्षीय बेटी बेबी, 4 वर्षीय पोते सुकांत, भाई के बेटे स्वतंत्रता सेनानी पत्रकार शहीद सरनियाबाद, भतीजे रेंटू और कई अन्य लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई. 15 अगस्त को शहीद हुए सभी लोगों की आत्मा को क्षमा करें और शहीदों को मेरी श्रद्धांजलि.

बांग्लादेश में पिछले महीने हुई हिंसा पर उन्होंने कहा कि पिछले जुलाई से लेकर अब तक आंदोलन के नाम पर हुई तोड़फोड़, आगजनी और हिंसा में कई लोगों की जान चली गई है. छात्र, शिक्षक, पुलिसकर्मी, महिला पुलिसकर्मी, पत्रकार, सांस्कृतिक कार्यकर्ता, कामकाजी लोग, अवामी लीग और उससे जुड़े संगठनों के नेता, कार्यकर्ता, राहगीर और विभिन्न संस्थानों के कर्मचारी जो आतंकी हमलों में मारे गए हैं, मैं उनकी आत्मा की शांति के लिए शोक व्यक्त करती हूं और प्रार्थना करती हूं.

उन्होंने कहा कि मेरी संवेदनाएं मेरे जैसे उन लोगों के साथ हैं, जो किसी प्रियजन को खोने के दर्द के साथ जी रहे हैं. मैं मांग करती हूं कि इन हत्याओं और तोड़फोड़ में शामिल लोगों की उचित जांच की जाए और दोषियों की पहचान कर उन्हें सजा दी जाए. हसीना ने कहा कि विकासशील देश का दर्जा पाने वाला बांग्लादेश अब 'धूल भरा' है. उन्होंने कहा कि और जो स्मृति हमारे अस्तित्व का आधार थी, उसे जलाकर राख कर दिया गया है. राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान, जिनके नेतृत्व में हमने एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में आत्म-सम्मान प्राप्त किया, आत्म-पहचान प्राप्त की और एक स्वतंत्र देश प्राप्त किया, उनका घोर अपमान किया गया है. उन्होंने लाखों शहीदों के खून का अपमान किया है. मैं देशवासियों से न्याय चाहती हूं. उन्होंने लोगों से 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस मनाने की अपील की.

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