हादी की हत्या: बांग्लादेश पुलिस का दावा मुख्य आरोपी भारत पहुंचे
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हादी की हत्या: बांग्लादेश पुलिस का दावा मुख्य आरोपी भारत पहुंचे

बांग्लादेश की स्थानीय पुलिस का दावा है कि ढाका में हादी की हत्या के दो मुख्य आरोपी भारत के मेघालय में शरण लेने पहुंचे। पुलिस दोनों को गिरफ्तार कर बांग्लादेश लाने के प्रयास में है।


Bangladesh's Hadi Assasination: बांग्लादेश के राजनीतिक एक्टिविस्ट और Inqilab Moncho प्लेटफॉर्म के फाउंडर, शरिफ उस्मान हादी की हत्या को दो हफ़्ते से ज्यादा समय हो गया है। धाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (DMP) ने रविवार, 28 दिसंबर को बताया कि इस हत्या के दो मुख्य आरोपी, फैसल करीम मसूद और आलमगीर शेख, भारत के मेघालय में शरण लेने के लिए सीमा पार कर गए हैं।


DMP के अतिरिक्त कमिश्नर एसएन नज़रुल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दोनों आरोपी स्थानीय सहयोगियों की मदद से माइमेनसिंग के हलुआघाट बॉर्डर के रास्ते भारत आए। उनके अनुसार, भारत में उन्हें ‘पुरती’ नामक व्यक्ति ने लिया और बाद में टैक्सी ड्राइवर सामी के जरिए टूरा शहर ले जाया गया।

बांग्लादेश-भारत के पुलिस संपर्क

नज़रुल ने बताया कि अपुष्ट सूत्रों से पता चला है कि भारत में पुरती और सामी को हिरासत में लिया गया है, लेकिन आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई। बांग्लादेशी अधिकारी अपने भारतीय समकक्षों के साथ दोनों औपचारिक और अनौपचारिक चैनलों के जरिए संपर्क में हैं, ताकि आरोपी गिरफ्तार कर बांग्लादेश वापस लाए जा सकें।

हादी पर हमला

31 साल के हादी को 12 दिसंबर को ढाका में उनके ई-रिक्शा के पास दो नकाबपोश हमलावरों ने गोली मारी। सिर में लगी गोली के कारण हादी को गंभीर चोटें आईं और उन्हें इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया, जहां 18 दिसंबर को उनकी मौत हो गई।

हादी भारत के साथ साथ बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी, अवामी लीग, के कट्टर आलोचक थे। उन्होंने जुलाई 2024 की हिंसक सड़क प्रदर्शनों का नेतृत्व किया था, जिसे July Revolution कहा गया और जिसने देश की राजनीति में बड़ा बदलाव लाया।

हत्या के बाद हिंसा

हादी की हत्या के बाद ढाका और अन्य हिस्सों में भारी हिंसा भड़क गई। क्रोधित भीड़ ने प्रमुख अखबारों जैसे The Daily Star और Pratham Alo के दफ्तरों में आग लगाई और तोड़फोड़ की। प्रसिद्ध सांस्कृतिक संगठन Udichi Shilpigoshthi और Chhayanat पर भी हमला हुआ।

हादी का पार्थिव शारीर बांग्लादेश लाए जाने के बाद हजारों लोग उनके जनाजे में शामिल हुए। उसी दिन माइमेनसिंग में एक हिन्दू फैक्ट्री वर्कर, दीपु चंद्र दास, को भी हिंसक रूप से पीट-पीटकर मार दिया गया और आग लगा दी गई। इस घटना ने भारत में भी विरोध प्रदर्शन भड़काए।


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