बांग्लादेश में तख्ता पलट! प्रधानमंत्री शेख हसीना ने छोड़ा देश पीएम आवास में दाखिल प्रदर्शनकारी
इस बीच, बांग्लादेश में हिंसा जारी है, जिसमें 100 से अधिक लोग मारे गए हैं. बाग्लादेश के आर्मी चीफ सोमवार को देश को संबोधित करने वाले थे, उससे पहले ही प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश छोड़ दिया
Bangladesh unrest: बांग्लादेश में बड़ा राजनितिक उलटफेर हुआ है. लगभग एक महीने से चल रहे हिंसक प्रदर्शन के बीच आज ( 5 अगस्त ) दोपहर बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश छोड़ दिया है. इसके साथ हू उनके इस्तीफे की खबर भी सामने आई है.
WATCH: #Bangladesh Prime Minister #SheikhHasina quits as Prime Minister; leaves country as protesters storm her residence. pic.twitter.com/flY4QLANkN
— The Federal (@TheFederal_News) August 5, 2024
रविवार को शुरू हो गयीं थीं हिंसक झड़प
रविवार सुबह झड़पें तब शुरू हुईं जब सरकार के इस्तीफे की मांग करने के लिए एक असहयोग कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रदर्शनकारियों को अवामी लीग, छात्र लीग और जुबो लीग के कार्यकर्ताओं के समर्थकों के विरोध का सामना करना पड़ा. ढाका ट्रिब्यून अखबार ने बताया कि, "देश के कई हिस्सों में हुई कई घातक झड़पों में कम से कम 18 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए, जिसका मुख्य कारण भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के बैनर तले चल रहा असहयोग आंदोलन था." गृह मंत्रालय ने रविवार शाम 6 बजे से अनिश्चितकालीन देशव्यापी कर्फ्यू लगाने का फैसला किया। इस बीच, प्रधानमंत्री हसीना ने कहा कि विरोध के नाम पर बांग्लादेश में तोड़फोड़ करने वाले छात्र नहीं बल्कि आतंकवादी हैं और उन्होंने लोगों से उन्हें सख्ती से दबाने को कहा. 'छात्र नहीं, बल्कि आतंकवादी' अखबार ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के सूत्रों के हवाले से बताया कि हसीना ने गणभवन में सुरक्षा मामलों की राष्ट्रीय समिति की बैठक बुलाई. उन्होंने कहा कि देश भर में विरोध के नाम पर तोड़फोड़ करने वाले छात्र नहीं बल्कि आतंकवादी हैं। उन्होंने कहा, "मैं देशवासियों से इन आतंकवादियों को सख्ती से कुचलने की अपील करती हूं।"बैठक में सेना, नौसेना, वायु सेना, पुलिस, आरएबी, बीजीबी के प्रमुख और अन्य शीर्ष सुरक्षा अधिकारी शामिल हुए.
शेख हसीना के इस्तीफे की मांग
रविवार को बीडीन्यूज24 न्यूज पोर्टल की रिपोर्ट में ये दावा किया गया था कि, भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के बैनर तले प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री हसीना के इस्तीफे और कोटा सुधार विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा में मारे गए लोगों के लिए न्याय की मांग करते हुए नारे लगाए. असहयोग आंदोलन के पहले दिन राजधानी के साइंस लैब चौराहे पर भी प्रदर्शनकारी एकत्र हुए. उन्होंने सरकार विरोधी नारे लगाए. डेली स्टार अखबार के अनुसार, रविवार को बंगबंधु शेख मुजीब मेडिकल यूनिवर्सिटी (बीएसएमएमयू) में अज्ञात लोगों ने कई वाहनों में आग लगा दी. अखबार के अनुसार, अस्पताल परिसर में लाठी लिए लोगों को निजी कारों, एंबुलेंस, मोटरसाइकिलों और बसों में तोड़फोड़ करते देखा गया, जिससे मरीजों, उनके परिचारकों, डॉक्टरों और कर्मचारियों में डर पैदा हो गया.
बातचीत के लिए आमंत्रण खारिज
प्रदर्शनकारियों ने बढ़ती हिंसा को रोकने के उद्देश्य से हसीना के बातचीत के आमंत्रण को खारिज कर दिया और अपनी मांगों को सरकार के इस्तीफे के लिए एक एकीकृत आह्वान में एकीकृत कर दिया. विरोध समन्वयकों ने स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, निजी विश्वविद्यालयों और मदरसों के छात्रों के साथ-साथ श्रमिकों, पेशेवरों, राजनीतिक कार्यकर्ताओं और अन्य सार्वजनिक सदस्यों से विरोध प्रदर्शन में भाग लेने का आह्वान किया.