बांग्लादेश: शेख हसीना को मौत की सजा, मानवता के खिलाफ अपराध में दोषी करार
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बांग्लादेश: शेख हसीना को मौत की सजा, मानवता के खिलाफ अपराध में दोषी करार

ICT-BD मूल रूप से 1971 के स्वतंत्रता युद्ध के दौरान पाकिस्तानी फौज के सहयोगियों के खिलाफ स्थापित किया गया था।


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बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT-BD) ने सोमवार, 17 नवंबर को अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को मानवता के खिलाफ अपराध में दोषी ठहराया। न्यायाधिकरण ने कहा कि हसीना ने प्रदर्शनों के दौरान भड़काऊ आदेश दिए और आवश्यक रोकथाम या दंडात्मक कदम उठाने में नाकाम रही। इसके अलावा, उनके आदेश से प्रदर्शनकारियों पर ड्रोन, हेलीकॉप्टर और घातक हथियार इस्तेमाल करने का भी आरोप है।

मुकदमे का विवरण

इस मुकदमे में हसीना के साथ उनके दो सहयोगी भी आरोपी हैं:-

⦁ पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमान खान कमाल

⦁ पूर्व पुलिस प्रमुख चौधरी अब्दुल्ला अल मामून

मामून अदालत में पेश किए गए, जबकि हसीना और कमाल को फरार घोषित कर अनुपस्थित में मुकदमा चलाया गया। अभियोजन पक्ष ने हसीना के लिए मृत्युदंड की मांग की है। रिपोर्टों के अनुसार, जुलाई 15 से अगस्त 15, 2024 तक हुए “जुलाई विद्रोह” में लगभग 1,400 लोग मारे गए थे।

मुख्य आरोप

1. मानवता के खिलाफ अपराध: हसीना ने भड़काऊ आदेश देकर और सुरक्षा उपाय न लेकर अपराध में भाग लिया।

2. घातक हथियारों का आदेश: छात्रों पर ड्रोन, हेलीकॉप्टर और हथियारों का इस्तेमाल।

3. विशिष्ट हत्या के आदेश: रंगपुर और ढाका में छात्रों की हत्या।

4. असशस्त्र प्रदर्शनकारियों की गोली मारकर हत्या।

5. भड़काऊ बयान और हिंसा को बढ़ावा देना।

हसीना की प्रतिक्रिया

हसीना ने आरोपों को राजनीतिक रूप से प्रेरित बताते हुए खारिज किया। उन्होंने अपने समर्थकों को ऑडियो संदेश भेजकर कहा कि उनके खिलाफ अंतरिम सरकार द्वारा साजिश की जा रही है। हसीना ने अपने समर्थकों की तारीफ की और कहा कि जनता भ्रष्ट और हिंसक सरकार को न्याय दिलाएगी। उन्होंने न्यायाधिकरण को “कंगारू कोर्ट” करार दिया और कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय निगरानी में भी मुकदमे का सामना करने को तैयार हैं।

सुरक्षा व्यवस्था कड़ी

ढाका में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस ने आगजनी, धमाके या लोगों को नुकसान पहुंचाने वाले अपराधियों के खिलाफ शूट-एट-साइट आदेश जारी किए। राजधानी की सड़कों पर कई जगह वीरान रही और आर्मी, राइफल पुलिस और सीमा गार्ड तैनात किए गए। अपदस्थ अवामी लीग ने फैसले से पहले दो-दिवसीय बंद का ऐलान किया।

ICT-BD मूल रूप से 1971 के स्वतंत्रता युद्ध के दौरान पाकिस्तानी फौज के सहयोगियों के खिलाफ स्थापित किया गया था। बाद में युनूस प्रशासन ने इसे पूर्व सरकार के नेताओं, जिनमें हसीना भी शामिल हैं, के खिलाफ मुकदमे चलाने के लिए संशोधित किया। वर्तमान में अधिकांश वरिष्ठ अवामी लीग नेता या तो जेल में हैं या फरार।

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