बांग्लादेश हसीना के खिलाफ इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट में मुकदमा चलाने की कर सकता है मांग: रिपोर्ट
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बांग्लादेश हसीना के खिलाफ इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट में मुकदमा चलाने की कर सकता है मांग: रिपोर्ट

आईसीसी अभियोक्ता ने यूनुस से कहा कि आईसीसी आईसीटी के साथ सहयोग करना चाहेगा, जो बांग्लादेश की वह अदालत है, जो जुलाई में हुए विद्रोह संबंधी अपराधों से संबंधित मामलों को देख रही है.


Former Bangladesh PM Sheikh Hasina: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनकी सरकार के अन्य सदस्यों पर जुलाई में हुए जन-विद्रोह के दौरान मानवता के विरुद्ध किए गए कथित अपराधों को लेकर अंतरराष्ट्रीय क्रिमिनल कोर्ट में मुकदमा चलाया जा सकता है. उनके इन अपराधों में उनके 16 साल के शासन के दौरान कथित रूप से लोगों के जबरन गायब किए गए अपराध भी शामिल हैं. यह बातें बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने कही.

डेली स्टार के अनुसार, यूनुस ने यह बात तब कही, जब आईसीसी के अभियोक्ता करीम ए खान बुधवार (27 नवंबर) को ढाका में उनसे मिलने आए. यूनुस के प्रेस विंग ने कथित तौर पर कहा कि खान ने जवाब में कहा कि आईसीसी अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) के साथ सहयोग करना चाहेगा, जो बांग्लादेश की अदालत है, जो जुलाई के विद्रोह के दौरान किए गए अपराधों से संबंधित मामलों से निपट रही है.

आईसीटी ने पहले ही हसीना और उनकी राजनीतिक पार्टी अवामी लीग के सदस्यों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है. एक अलग प्रेस ब्रीफिंग में ICC के एक वरिष्ठ वकील ने कहा कि अगर बांग्लादेश अनुरोध करता है तो वह ICT की सहायता करने के लिए तैयार है. कथित तौर पर एस्सा मबे फाल ने कहा कि ICC ने हमेशा कहा है कि वह अनुरोध किए जाने पर तकनीकी सहायता, प्रशिक्षण और मार्गदर्शन के मामले में राज्यों की सहायता के लिए उपलब्ध है.

बांग्लादेश का अनिर्णय

यूनुस इस बारे में कई विरोधाभासी बयान दे रहे हैं कि बांग्लादेश हसीना के साथ किस प्रकार व्यवहार करना चाहता है, जिससे इस विषय पर कार्यवाहक सरकार की अनिर्णायकता का पता चलता है. 17 नवंबर को अंतरिम सरकार के 100 दिन पूरे होने पर अपने संबोधन में यूनुस ने कहा था कि वे हसीना के प्रत्यर्पण की मांग करेंगे, जो अगस्त में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन के बाद अपनी सरकार गिरने के बाद भारत भाग गई थीं.

हालांकि, अक्टूबर में उन्होंने ब्रिटेन स्थित फाइनेंशियल टाइम्स अखबार से कहा था कि उनकी सरकार भारत से हसीना के प्रत्यर्पण की तत्काल मांग नहीं करेगी. यूनुस ने दावा किया है कि हसीना सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्रों और श्रमिकों सहित लगभग 1,500 लोग मारे गए जबकि 19,931 घायल हुए थे.

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