बेल्जियम कोर्ट ने मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण को दी मंजूरी, भारत लाने की तैयारी!
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बेल्जियम कोर्ट ने मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण को दी मंजूरी, भारत लाने की तैयारी!

PNB scam: इस फैसले से यह औपचारिक प्रक्रिया शुरू हो जाएगी कि चोकसी को भारत लाया जाए. हालांकि, चोकसी को यह आदेश चुनौती देने के अभी भी कानूनी विकल्प हैं.


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Mehul Choksi extradition: पिछले लगभग पांच महीने बाद भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी का प्रत्यर्पण (extradition) भारत के लिए मंज़ूर कर लिया गया है. एंटवर्प की एक अदालत ने शुक्रवार को यह आदेश पारित किया, यह नोट करते हुए कि चोकसी की गिरफ्तारी भारतीय अनुरोध पर बेल्जियम अधिकारियों द्वारा वैध रूप से की गई थी. इस फैसले से यह औपचारिक प्रक्रिया शुरू हो जाएगी कि चोकसी को भारत लाया जाए. हालांकि, चोकसी को यह आदेश चुनौती देने के अभी भी कानूनी विकल्प हैं. क्योंकि निचली अदालत का यह निर्णय अंतिम नहीं माना जाता है.

आदेश और भारत की गारंटियां

इस आदेश से एक महीने पहले भारत सरकार ने बेल्जियम को गारंटी दी थी कि अगर चोकसी प्रत्यर्पित हुआ तो उसे मुंबई के आर्थर रोड जेल परिसर में रखा जाएगा. चोकसी को अप्रैल में सीबीआई की प्रत्यर्पण याचिका पर बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया था. उसके बाद बेल्जियम की अपीलीय अदालत ने उसकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया और प्रत्यर्पण सुनवाई की राह साफ की.

भारत सरकार ने 4 सितंबर को बेल्जियम अधिकारियों को एक पत्र भेजा, जिसमें गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव राकेश कुमार पांडेय ने लिखा कि उन्होंने चोकसी के प्रत्यर्पण की मांग की है और एंटवर्प की इिंडिक्टमेंट चैंबर्स में मामला आगे बढ़ चुका है. पत्र में यह भी कहा गया कि अगर चोकसी को दोषी पाया गया तो उसे बैरक संख्या 12, आर्थर रोड जेल की एक ऐसी सेल में रखा जाएगा, जिसमें उसे कम से कम तीन वर्ग मीटर निजी जगह दी जाएगी—फर्नीचर को छोड़कर.

पांडेय ने यह भी आश्वासन दिया कि जेल की सुविधा में स्वच्छ मोटी कपास की चटाई, तकिया, चादर, कंबल उपलब्ध होंगे. मेडिकल कारणों पर धातु या लकड़ी का बिस्तर भी दिया जा सकता है. साथ ही पर्याप्त प्रकाश, वेंटिलेशन और निजी सामान रखने की जगह भी सुनिश्चित की जाएगी.

अपराध की पृष्ठभूमि

मेहुल चोकसी और उनके भतीजे नीरव मोदी पर आरोप है कि उन्होंने पंजाब नेशनल बैंक (PNB) को लगभग ₹13,000 करोड़ का घोटाला किया था. यह घोटाला कथित तौर पर ब्रेडी हाउस शाखा, मुंबई में कुछ बैंक अधिकारियों की सहमति तथा Letter of Undertaking (LOU) के माध्यम से किया गया था. अब चोकसी की प्रत्यर्पण प्रक्रिया पूरी होने के बाद भारत में उसकी सुनवाई संभव होगी और वह इस मामले में दोष सिद्ध होने पर सजा का सामना कर सकता है.

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