मारा गया हमास का मुखिया सिनवार, इजराइल की तरफ से किया गया दावा
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मारा गया हमास का मुखिया सिनवार, इजराइल की तरफ से किया गया दावा

इजराइल डिफेन्स फ़ोर्स की तरफ से कहा गया है कि गाजा में एक हमले में हमास के तीन आतंकी मारे गए हैं, उनमें से एक याह्या सिनवार हो सकता है. अभी उसे लेकर जांच की जा रही है.


Israel Hamas War : इजराइल डिफेन्स फ़ोर्सस (आईडीएफ) की तरफ से बड़ा दावा किया गया है. आईडीएफ का कहना है कि एक ऑपरेशन के दौरान गाजा में तीन आतंकियों को मार गिराया गया है. आईडीएफ का कहना है कि इन तीन में से एक याह्या सिनवार है. फिल्हाल इसकी पुष्टि की जा रही है. याह्या सिनवार इस समय हमास का मुखिया है, अगर इजराइल का दावा सच साबित होता है तो ये हमास के लिए बड़ी क्षति होगी. वहीँ इजराइल के लिए बढ़ी उपलब्धि क्योंकि इजराइल का दावा है कि सिनवार 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल में हुए हमले मास्टरमाइंड में से एक है.


हालाँकि एक और पोस्ट 'X' पर किया गया है, जो मोसाद कमेंटरी नाम के प्रोफाइल से किया गया है, जिसमें दावा किया गया है कि सिनवार मारा गया.

आईडीएफ ने अपने आधिकारिक 'X' हैंडल पर जानकारी साझा करते हुए लिखा कि ''गाजा में आईडीएफ ऑपरेशन के दौरान 3 आतंकवादियों को मार गिराया गया. आईडीएफ और आईएसए इस संभावना की जांच कर रहे हैं कि आतंकवादियों में से एक याह्या सिनवार था. इस समय आतंकवादियों की पहचान की पुष्टि नहीं की जा सकती. जिस इमारत में आतंकवादियों को मारा गया, वहां बंधकों की मौजूदगी के कोई संकेत नहीं मिले. इलाके में काम कर रहे बल आवश्यक सावधानी के साथ काम करना जारी रखे हुए हैं.''

कौन है याह्या सिनवार
ईरान में हमास के राजनितिक कमांडर इस्माइल हानिया की हत्या के बाद हमास ने 7 अगस्त को अपना नया कमांडर चुना, इस नए कमांडर का नाम है याहिया सिनवार, जिसे गाजा का बिन लादेन भी कहा जाता है. सिनवार को 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल में हुए हमले मास्टरमाइंड में से एक माना जाता है. वहीँ हमास के इस एलान के बाद इजराइल की प्रतिक्रिया भी सामने आई है, जिसमें इजराइल की तरफ से कहा गया है कि जल्द ही सिनवार को भी उसके मुकाम तक पहुंचाएंगे.
हमास की तरफ सिनवार की नियुक्ति के समय बयान जारी करते हुए कहा गया कि ''इस्लामिक प्रतिरोध आन्दोलन हमास कमांडर याह्या सिनवार को आन्दोलन के राजनितिक ब्यूरो के प्रमुख के रूप में चुने जाने की घोषणा करता है, जो शहीद कमांडर इस्माइल हानिया की जगह लेंगे. अल्लाह उन पर रहम करें.''

कैसे की गयी सिनवार की नियुक्ति
सिनवार की नियुक्ति हमास की 50 सदस्यीय शूरा परिषद की बैठक में लिए गए संयुक्त फैसले के बाद की गयी. शूरा परिषद की बात करें तो ये हमास की एक सलाहकार शाखा है, जिसके सदस्य चार भागों में बंटे हुए हैं. ये भाग हैं गाजा पट्टी, वेस्ट बैंक, इजराइल की जेलों में रहने वाले फिलिस्तीनी और अन्य देशों में रहने वाले फिलिस्तीनी नागरिक.

याह्या सिनवार को शैतान की संज्ञा दी थी इजराइल ने
इजराइल में 7 अक्टूबर 2023 को हुए हमले के बाद इजराइल की सेना आईडीएफ ने याह्या सिनवार को शैतान की संज्ञा दी थी. इजराइल का दावा है कि सिनवार ही वो शख्स है जिसने 7 अक्टूबर को हुए हमले की साजिश रची थी. इसके बाद जब इजराइल ने पलटवार किया तो सिनवार अपने परिवार के साथ गाजा शहर के निचे बने सुरंगों के जाल में कहीं जा छिपा है. आईडीएफ ने ये भी दावा किया है कि सिनवार अपने परिवार के साथ राफा या खान युनिस के इलाके में सुरंग के नेटवर्क में कहीं छिपा है. इजराइल की तरफ से एक विडियो भी जारी किया गया था, जिसमें सिनवार और उसके परिवार को सुरंग में जाते हुए दिखने का दावा किया गया था. आईडीएफ ने उसके नाम का डेथ वारंट भी जारी किया हुआ है.

इजराइल ने नियुक्ति पर कहा था सिनवार की बस एक जगह 'मौत'
जैसे ही हमास ने सिनवार के नाम की घोषणा की तो आईडीएफ के प्रवक्ता डैनियल हगारी ने सऊदी स्थित अल अरबिया समाचार चैनल से एक साक्षात्कार में कहा, 'याह्या सिनवार के लिए केवल एक ही जगह है और वह मोहम्मद देईफ और 7 अक्टूबर के लिए जिम्मेदार सभी आतंकवादियों के बगल में है.' यानी मौत. ज्ञात रहे कि इजराइल ने पिछले सप्ताह ही हमास के सैन्य प्रमुख मोहम्मद देईफ के मारे जाने की पुष्टि की थी.

याह्या सिनवार जिसे हमास का बिन लादेन भी कहते हैं
सिनवार पर हमास का विशवास जताने के पीछे का एक बड़ा कारण ये भी है सिनवार लम्बे अरसे से इजराइल के खिलाफ जंग लड़ता रहा है. वो 23 साल इजरायल की जेलों में रहा है. इस दौरान उसने अच्छी हिब्रू सीखी. 2011 में वो अपहृत IDF सैनिक गिलाद शालिट के बदले रिहा किए गए 1,027 फ़िलिस्तीनी कैदियों के साथ बाहर आया था. बाद में वो हमास की सैन्य शाखा में वरिष्ठ कमांडर बन गया. हानिया की हत्या की बाद हमास के जीवित बचे नेताओं में वो सबसे अनुभवी और शक्तिशाली है. सिनवार का जन्म दक्षिणी गाजा के खान यूनिस शरणार्थी शिविर में हुआ था. वो 1987 में पहली बार फिलिस्तीनी इंतिफादा की शुरुआत में ही हमास में शामिल हो गया था.


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