भारत पर आरोप लगाकर उलझे बिलावल भुट्टो, पत्रकार ने किया बेनकाब
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भारत पर आरोप लगाकर उलझे बिलावल भुट्टो, पत्रकार ने किया बेनकाब

संयुक्त राष्ट्र मीडिया में भारत पर मुस्लिम विरोधी होने का आरोप बिलावल भुट्टो ने लगाया था। लेकिन एक पत्रकार ने कर्नल सोफिया कुरैशी का ज़िक्र कर निरुत्तर कर दिया।


ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को कितना नुकसान उठाना पड़ा। इसके बारे में ज्यादा कुछ कहने की जरूरत नहीं है। ये बात अलग है कि पाकिस्तान भी खुशियां मना रहा है। पाकिस्तान के नेता यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि हमने भारत को कैसे सबक सिखाया। उनमें से एक हैं पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के कद्दावर नेता बिलावल भुट्टो जो अपने देश के विदेश मंत्री भी रह चुके हैं। हालांकि संयुक्त राष्ट्र मीडिया के साथ सवाल-जवाब में एक पत्रकार के तीखे सवाल पर चुप्पी साधनी पड़ी। यूं कहें तो निरुत्तर हो गए। थोड़ी देर बाद स्थिर होने पर भारत विरोधी एजेंडा का प्रलाप करने लगे।

भुट्टो ने मीडिया बातचीत के दौरान यह दावा किया कि पहलगाम आतंकी हमले का उपयोग भारत मुस्लिमों को बदनाम करने के लिए "राजनीतिक हथियार" के तौर पर कर रहा है। इस पर अहमद फाथी ने तुरंत हस्तक्षेप करते हुए कहा, सर, मैंने दोनों पक्षों की ब्रीफिंग देखी हैं और मेरी जानकारी के अनुसार भारतीय पक्ष की ओर से कुछ मुस्लिम सैन्य अधिकारी भी मीडिया को संबोधित कर रहे थे। फाथी की बात का संकेत कर्नल सोफिया कुरैशी की ओर, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत का पक्ष मजबूती से रखा था और एक प्रेरणादायक सैन्य अधिकारी के रूप में उभरीं।

भुट्टो इस सवाल पर चुप रह गए और कहा, जहां तक ऑपरेशन की बात है, आप बिल्कुल सही कह रहे हैं। इसके बाद जब फाथी अगला सवाल पूछने जा रहे थे, तब भुट्टो ने बीच में हस्तक्षेप करते हुए एक लंबा राजनीतिक भाषण शुरू कर दिया और भारत पर कई बेबुनियाद और भड़काऊ आरोप लगा दिए। लेकिन तब तक पत्रकार अपना तर्क स्पष्ट रूप से रख चुके थे।

कश्मीर पर पाकिस्तान की कूटनीतिक असफलता भी मानी

प्रेस कॉन्फ्रेंस में भुट्टो ने यह भी स्वीकार किया कि पाकिस्तान की ओर से कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने में कई अड़चनें आई हैं। उन्होंने कहा, संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक मंचों पर हमें जो चुनौतियाँ कश्मीर मुद्दे को लेकर मिल रही हैं, वे अब भी बरकरार हैं। भारत द्वारा वैश्विक स्तर पर प्रभाव बढ़ाने के लिए चलाए गए आउटरीच अभियान की नकल करते हुए पाकिस्तान ने भी कुछ प्रतिनिधिमंडल विदेश भेजे हैं, जिनमें से एक का नेतृत्व स्वयं भुट्टो कर रहे हैं।

भड़काऊ बयान से फिर विवादों में

भुट्टो हाल ही में अपने एक उकसाऊ बयान को लेकर भी चर्चा में रहे। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने के फैसले के जवाब में भुट्टो ने कहा था, सिंधु नदी हमारी है और हमारी ही रहेगी या तो उसमें हमारा पानी बहेगा या उनका खून।” उनके इस गंभीर और अपरिपक्व बयान की आलोचना भारत में ही नहीं बल्कि पाकिस्तान में भी हुई।

AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भुट्टो को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “उन्हें पहले यह सोचना चाहिए कि उनकी मां बेनज़ीर भुट्टो और दादा जुल्फिकार अली भुट्टो की हत्या किसने की। क्या उन्हें यह भी नहीं पता कि आतंकवाद ने उनकी मां की जान ली? जब आपकी मां को गोली मारी गई थी, तब वह आतंकवाद था और जब हमारे लोगों को मारा जाता है, तो वह आतंकवाद नहीं होता?

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