
24 घंटे के भीतर BLA का दूसरा बड़ा हमला, 12 पाक सैनिकों की मौत
बलूचिस्तान में पाक सेना को 24 घंटे के भीतर दूसरी बार बीएलए के हमलों का सामना करना पड़ा है। इस हमले में 12 पाक सैनिकों के मारे जाने की खबर है।
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाया है। जवाबी कार्रवाई में भारत ने मंगलवार और बुधवार की दरम्यानी रात को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान के अंदर कई ठिकानों पर जबरदस्त एयर स्ट्राइक की। इस सटीक हमले में लगभग 90 आतंकियों के मारे जाने की खबर है। लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के मुरीदके से लेकर बहावलपुर तक के ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया गया।
बलूच विद्रोह से भी पाकिस्तान को करारा झटका
भारत की ओर से की गई कार्रवाई के बीच, पाकिस्तान को अपने ही देश के अंदर बलूचिस्तान में एक और गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ा। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) के विद्रोहियों ने बोलन घाटी के शोरकंड इलाके में पाकिस्तानी सैनिकों से भरे एक वाहन को रिमोट बम से उड़ा दिया। इस शक्तिशाली धमाके में वाहन के परखच्चे उड़ गए और उसमें सवार 12 पाकिस्तानी सैनिक मौके पर ही मारे गए। मरने वालों में स्पेशल ऑपरेशंस कमांडर तारिक इमरान और सूबेदार उमर फारूक भी शामिल थे।
एक और हमला, दो और पाक सैनिक ढेर
इसी दिन BLA ने कच्छ के कुलाग तिगरान इलाके में दोपहर करीब 2:45 बजे एक और हमला किया। इस बार उन्होंने पाकिस्तानी बम निरोधक दस्ते को निशाना बनाकर IED ब्लास्ट किया, जिसमें दो और सैनिकों की जान गई। इस तरह सिर्फ एक दिन में 14 पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मियों की मौत हुई—एक तरफ भारत की एयरस्ट्राइक और दूसरी तरफ बलूच विद्रोहियों का हमला।
बलोच प्रवक्ता का तीखा बयान: "ये सेना नहीं, चीन की सुरक्षा एजेंसी है"
इन हमलों के बाद बलूच लिबरेशन आर्मी के प्रवक्ता जियांद बलोच ने एक बयान जारी कर कहा, “पाकिस्तान की सेना अब सिर्फ चीन की परियोजनाओं की सुरक्षा में लगी है। यह अब सेना नहीं, बल्कि एक कॉरपोरेट सिक्योरिटी ग्रुप बन गई है।” उन्होंने साफ कहा कि BLA की पाकिस्तान सेना के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी।
निष्कर्ष:
जहां एक ओर भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम उठाया है, वहीं पाकिस्तान को अपने ही देश के भीतर असंतोष और विद्रोह का सामना करना पड़ रहा है। इस दोहरे झटके ने पाकिस्तान की सैन्य, राजनीतिक और आतंकी नीति पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं।