यूएस से 18 हजार भारतीयों को बुलाने की तैयारी में भारत सरकार- रिपोर्ट
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यूएस से 18 हजार भारतीयों को बुलाने की तैयारी में भारत सरकार- रिपोर्ट

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में रह रहे 18,000 अवैध प्रवासियों को भारत वापस बुलाएगा। इसे ट्रंप प्रशासन को खुश करने के संदर्भ में देखा जा रहा है।


US Illegal Immigrants Case: 20 जनवरी को शपथ लेने के साथ ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) एक्शन में नजर आए। 78 एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर दस्तखत के साथ ही अपने तेवर भी साफ कर दिये। अवैध अप्रवासियों के बारे में उनकी धारणा बेहद खराब है, वो मानकर चलते हैं इनकी वजह से मेक अमेरिका ग्रेट अगेन (Make America Great Again) को साकार नहीं किया जा सकता। लिहाजा अमेरिका मेक्सिको बार्डर पर कार्रवाई तेज हो गई है। इन सबके ऐसे भारतीय जो अमेरिका में बिना किसी वैध दस्तावेज के जरिए रह रहे हैं उनके संबंध में ब्लूमबर्ग ने रिपोर्ट छापी है।

ब्लूमबर्ग के मुताबिक 18 हजार यूएस अप्रवासियों को भारत वापस बुलाएगा। ब्लूमबर्ग ने बताया कि भारत सरकार अमेरिकी अधिकारियों द्वारा पहचाने गए 18,000 लोगों के निर्वासन की प्रक्रिया शुरू करेगी।ट्रंप को खुश करने के लिए भारत 18,000 अवैध अमेरिकी प्रवासियों को वापस लेगा: रिपोर्ट ब्लूमबर्ग ने कहा कि कई अन्य देशों की तरह, भारत ट्रंप प्रशासन को खुश करने और उसके व्यापारिक खतरों के प्रभाव से बचने के लिए पर्दे के पीछे काम कर रहा है।

इस बात के स्पष्ट संकेत देते हुए कि वह अवैध लोगों के मामले में नए ट्रंप प्रशासन के साथ चलने को तैयार है, भारत संयुक्त राज्य अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे अपने अनुमानित 18,000 नागरिकों को वापस लेने की तैयारी कर रहा है। ब्लूमबर्ग ने बताया कि भारत सरकार अमेरिकी अधिकारियों द्वारा पहचाने गए 18,000 लोगों के निर्वासन की प्रक्रिया का सत्यापन करेगी और उसे शुरू करेगी।

लेकिन समाचार रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों की वास्तविक संख्या (Indian Immigrants) अधिक हो सकती है क्योंकि यह स्पष्ट नहीं है कि उनकी कुल संख्या कितनी है। माना जाता है कि ज्यादातर गुजरात और पंजाब से हैं। ब्लूमबर्ग ने कहा, "कई अन्य देशों की तरह, भारत ट्रंप प्रशासन को खुश करने और उसकी व्यापार धमकियों के खामियाजा से बचने के लिए पर्दे के पीछे काम कर रहा है।

पहली क्वाड बैठक लेकिन हाल के वर्षों में भारतीय अवैध प्रवासियों की हिस्सेदारी बढ़ रही है। ज्यादातर अवैध पारगमन अमेरिका-कनाडा सीमा से होने की सूचना मिली है। किंग्स कॉलेज लंदन में अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के प्रोफेसर हर्ष पंत ने ब्लूमबर्ग को बताया कि अवैध आव्रजन एक ऐसा क्षेत्र है जहां नई दिल्ली ट्रंप प्रशासन को दिखा सकती है कि वह काम कर रहा है। पिछले साल अक्टूबर में अमेरिका से एक विमान 100 से अधिक भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाया था। यह पिछले 12 महीनों में 1100 से अधिक भारतीय नागरिकों को वापस भेजे जाने के अतिरिक्त था।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे कुछ भारतीय खालिस्तान आंदोलन के समर्थक हो सकते हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बार-बार शिकायत की है कि नई दिल्ली के उच्च आयात करों से अमेरिकी व्यवसायों को नुकसान पहुँचता है और उन्होंने भारतीय सामानों पर भी इसी तरह के शुल्क लगाने की कसम खाई है।

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