बोलसोनारो हाउस अरेस्ट
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ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति बोलसोनारो हाउस अरेस्ट में, जानें पूरा मामला

ब्राजील सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति जैयर बोलसोनारो को हाउस अरेस्ट किया. उन पर तख्तापलट और चुनावी नतीजे पलटने की साजिश का आरोप है.


ब्राजील की सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बड़ा कदम उठाते हुए देश के पूर्व राष्ट्रपति जैयर बोलसोनारो को हाउस अरेस्ट में भेजने का आदेश दिया. उन पर आरोप है कि उन्होंने 2022 के चुनावों में हार के बाद सत्ता में बने रहने के लिए तख्तापलट की साजिश रची थी.यह मामला पूरे दक्षिण अमेरिका में सुर्खियों में है, खासकर ऐसे समय में जब अमेरिका और ब्राजील के बीच ट्रेड वॉर भी तेज़ हो रहा है.

कोर्ट ने क्यों दिया हाउस अरेस्ट का आदेश?

इस केस की निगरानी कर रहे सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एलेक्ज़ेंडर डी मोरेस ने आदेश में कहा कि 70 वर्षीय बोलसोनारो ने कोर्ट द्वारा पहले से लगाए गए सुरक्षा निर्देशों का उल्लंघन किया. आरोप है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने तीनों सांसद बेटों के अकाउंट्स का इस्तेमाल कर कंटेंट पोस्ट किया, जो नियमों के खिलाफ था.

रविवार को उन्होंने रियो डी जेनेरियो में अपने समर्थकों को संबोधित किया और इसके लिए अपने बेटे व सीनेटर फ्लावियो बोलसोनारो के मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया.

अमेरिका-ब्राजील ट्रेड वॉर में नया मोड़

इस ट्रायल ने और ज्यादा सुर्खियां तब बटोरीं जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्राजील से इंपोर्ट किए जाने वाले सामानों पर 50% टैरिफ लगाने का कारण सीधे तौर पर बोलसोनारो के खिलाफ चल रही न्यायिक प्रक्रिया को बताया. ट्रंप, बोलसोनारो के करीबी माने जाते हैं और उन्होंने इस ट्रायल को "विच हंट" कहा. इस बयान ने ब्राजील की राजनीति में राष्ट्रवादी प्रतिक्रिया को और तेज कर दिया है.

बोलसोनारो पर गंभीर आरोप

ब्राजील के मौजूदा राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा समेत कई बड़े नेता इस मामले पर खुलकर बोल रहे हैं. आरोप है कि बोलसोनारो ने एक आपराधिक संगठन का नेतृत्व किया, जिसने चुनावी नतीजों को पलटने की योजना बनाई थी. इसमें राष्ट्रपति लूला और जस्टिस डी मोरेस की हत्या की साजिश का भी ज़िक्र है.

कहां रहेंगे नजरबंद?

हाउस अरेस्ट आदेश लागू होने के बाद ब्राजील की फेडरल पुलिस ने बोलसोनारो के ब्रासीलिया स्थित घर पर उनका मोबाइल फोन ज़ब्त किया. अब वे ब्रासीलिया में ही नजरबंद रहेंगे और उन्हें यात्रा की अनुमति नहीं होगी. हालांकि उनके पास रियो डी जेनेरियो में भी एक घर है, जहां वे तीन दशक तक सांसद रहे.

इलेक्ट्रॉनिक मॉनिटरिंग से निगरानी

सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही आदेश दिया था कि बोलसोनारो को इलेक्ट्रॉनिक एंकल मॉनिटर पहनना होगा और उनकी गतिविधियों की समय सीमा तय रहेगी. यह मामला अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान का केंद्र बना हुआ है, क्योंकि यह सिर्फ ब्राजील का राजनीतिक संकट नहीं, बल्कि अमेरिका-ब्राजील संबंधों को भी गहराई से प्रभावित कर रहा है.

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