Jagmeet Singh Khalistani Leader Justine Trudeau
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कनाडा चुनाव में खालिस्तान समर्थक जगमीत सिंह की हार हुई है।

खालिस्तानी नेता जगमीत सिंह की कनाडा चुनाव में हार, भारत के खिलाफ उगलता था जहर

कनाडा चुनाव में लिबरल पार्टी के मार्क कार्नी की जीत करीब करीब पक्की हो चुकी है। इन सबके बीच भारत विरोधी और खालिस्तानी समर्थक जगमीत सिंह चुनाव हार गया है।


Jagmeet Singh Khalistani Leader News: कनाडा में खालिस्तानी विचारधारा का खुलकर समर्थन करने वाले एनडीपी नेता जगमीत सिंह को आम चुनाव में बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। लंबे समय तक खुद को ‘किंगमेकर’ समझने वाले जगमीत न केवल अपनी संसदीय सीट गंवा बैठे, बल्कि उनकी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) भी गंभीर राजनीतिक संकट में आ गई है।

न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी पर संकट

राष्ट्रीय दल का दर्जा बनाए रखने के लिए किसी भी पार्टी को कम से कम 12 सीटों की आवश्यकता होती है, लेकिन एनडीपी इस लक्ष्य को हासिल करने में असफल रही। जगमीत सिंह ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए सोमवार को सांसद पद से इस्तीफा भी दे दिया। उनका यह राजनीतिक पतन खालिस्तान समर्थक एजेंडे के लिए भी बड़ा झटका माना जा रहा है।

तीसरे स्थान पर रहे जगमीत

ब्रिटिश कोलंबिया की बर्नेबी सेंट्रल सीट से चुनाव लड़े जगमीत सिंह को केवल 27.3% वोट मिले। इस सीट पर लिबरल पार्टी के उम्मीदवार वेड चांग ने उन्हें हराया, जिन्हें 40% से अधिक वोट हासिल हुए। हैरानी की बात यह रही कि जगमीत सिंह अपने ही क्षेत्र में तीसरे स्थान पर खिसक गए। परिणाम आने के तुरंत बाद उन्होंने कहा,“निसंदेह, इस हार से मैं निराश हूं। हम और ज्यादा सीटें जीत सकते थे। लेकिन मैं अपने आंदोलन से निराश नहीं हूं। मुझे विश्वास है कि भविष्य में हमारी पार्टी अच्छा प्रदर्शन करेगी।”

पूर्व पीएम ट्रूडो की पार्टी भी हारी, कार्नी को मिला बहुमत

इस चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी को भी करारी शिकस्त मिली है। वहीं मार्क कार्नी के नेतृत्व में लिबरल्स ने बहुमत हासिल कर सरकार बनाने की स्थिति में पहुंच गए हैं।कैनेडियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (CBC) के अनुसार, शुरुआती रुझानों ने ही साफ कर दिया था कि कार्नी की लिबरल पार्टी सत्ता में लौटेगी।

ट्रंप के बयानों ने चुनावी हवा बदली

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, चुनाव पूर्व तक लिबरल पार्टी की स्थिति कमजोर लग रही थी, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा बार-बार कनाडा को अमेरिका का '51वां राज्य' कहने और जस्टिन ट्रूडो को 'गवर्नर' कहे जाने से जनभावनाएं उभर आईं।कनाडाई नागरिकों ने इसे राष्ट्रीय सम्मान का मुद्दा मानते हुए ट्रूडो को नकार दिया और मार्क कार्नी को नए नेता के रूप में स्वीकार किया।

इस चुनाव में कनाडा की सियासी तस्वीर पूरी तरह बदल गई है। खालिस्तानी एजेंडे को बड़ा धक्का, जगमीत सिंह की करारी हार, और ट्रूडो युग का समापन हो चुका है। अब सबकी निगाहें मार्क कार्नी की अगुवाई में बनने वाली नई सरकार पर हैं।

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