निज्जर हत्या: आरोपों पर भारत ने ट्रूडो को लगायी फटकार, मांगे सबूत
भारत ने निज्जर की हत्या के बारे में ट्रूडो के 'निराधार' दावों की निंदा की है और कनाडा से सबूत पेश करने तथा जांच एजेंसियों का राजनीतिकरण बंद करने का आग्रह किया है क्योंकि संबंध और तनावपूर्ण हो रहे हैं।
Nijjar Killing Canada : खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भारत सरकार ने कनाडा को घेरते हुए कहा है कि जब तक कनाडा की जाँच एजेंसियों के खिलाफ कोई ठोस सबूत न हो तब तक वे भारत पर किसी प्रकार का आरोप न लगाएं. और अगर सबूत हैं तो फिर सामने रखे जाएँ.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने कनाडा को स्पष्ट रूप से बता दिया है कि प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, खालिस्तान टाइगर फोर्स के आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के संबंध में सबूत पेश किए बिना नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ निराधार आरोप नहीं लगा सकते.
भारत ने ये कहा है कनाडा को
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत ने कनाडा को यह भी बताया है कि जांच एजेंसियों को राजनीतिक निर्देश देना गैरकानूनी है. यह संदेश शनिवार को तीसरे देश में हुई बैठक में वरिष्ठ कनाडाई सुरक्षा अधिकारियों और राजनयिकों को दिया गया.
यह ट्रूडो के आरोपों और रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) की जांच के बीच विसंगतियों के बीच हुआ है, जो निज्जर की हत्या के संबंध में अभी भी चल रही है. कनाडाई नागरिकता प्राप्त हरदीप सिंह निज्जर की 18 जून 2023 को ब्रिटिश कोलंबिया में एक गुरुद्वारा की पार्किंग में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
ट्रूडो ने मोदी पर निशाना साधा
भारतीय और कनाडाई अधिकारियों के बीच यह बातचीत 11 अक्टूबर को आसियान शिखर सम्मेलन में ट्रूडो और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई मुलाकात के बाद हुई, जहां ट्रूडो ने कथित तौर पर मोदी को चर्चा में शामिल करने का प्रयास किया था. रिपोर्टों के अनुसार, मोदी ने ट्रूडो को यह कहते हुए नकार दिया कि यह इस तरह की बातचीत के लिए उचित समय या स्थान नहीं था.
दोनों नेताओं के बीच कोई औपचारिक बातचीत या हाथ मिलाना भी नहीं हुआ, बाद में भारत ने एक बयान जारी कर स्पष्ट किया कि कोई ठोस आदान-प्रदान नहीं हुआ.
राजनीती को ध्यान में रखते हुए ऐसा कर रहे हैं ट्रूडो
ट्रूडो की हरकतें कनाडा की चुनावी प्रक्रियाओं में विदेशी हस्तक्षेप की सार्वजनिक जांच के समक्ष उनकी आगामी गवाही से जुड़ी हुई प्रतीत होती हैं, जो 16 अक्टूबर को निर्धारित है. कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली पहले ही गवाही दे चुकी हैं, जिसमें उन्होंने मोदी सरकार को जवाबदेह ठहराने के इरादे व्यक्त किए हैं. सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री डोमिनिक लेब्लांक भी 15 अक्टूबर को गवाही देने वाले हैं. जबकि ट्रूडो ने 18 सितंबर, 2023 को संसद में निज्जर की हत्या में भारत को शामिल करने का आरोप लगाया, उनकी सरकार ने अभी तक ठोस सबूत नहीं दिए हैं.
4 सिख युवक गिरफ्तार
आरसीएमपी ने अपनी जांच जारी रखी है, लेकिन उसने चार सिख युवकों को गिरफ्तार किया है, इस गिरफ़्तारी से ऐसा प्रतीत होता है कि ये वारदात किसी रंजिश या गुटबाजी के चलते की गयी हो, या गैंगवार भी हो सकती है तथा इसमें भारत की संलिप्तता से कोई सीधा संबंध नहीं है.
अल्पमत की सरकार चला रहे ट्रूडो खालिस्तानी समर्थन के लिए कर रहे हैं ऐसा
वरिष्ठ भारतीय अधिकारियों ने दोहराया है कि भारत के पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है और उन्होंने कनाडा से भारत को बदनाम करने के अपने कारण को स्पष्ट करने को कहा है. उन्होंने जोर देकर कहा है कि द्विपक्षीय संबंधों में सुधार इस बात पर निर्भर करता है कि कनाडा अपनी धरती पर भारत विरोधी खालिस्तानी गतिविधियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करे.
विश्लेषकों का मानना है कि ट्रूडो की हरकतें राजनीति से प्रेरित हैं, जो उनकी अल्पमत सरकार की खालिस्तानी समर्थक गुटों के समर्थन पर निर्भरता से प्रभावित हैं. 2025 की शुरुआत में उनकी सरकार को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए वे भारत को फंसाने के प्रयासों को तेज करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं.
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