एक बार फिर जागा कनाडा का खालिस्तानी प्रेम, निज्जर को संसद में दी श्रद्धांजलि
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एक बार फिर जागा कनाडा का खालिस्तानी प्रेम, निज्जर को संसद में दी श्रद्धांजलि

कनाडा की संसद ने खालिस्तान टाइगर फोर्स के आतंकी हरदीप निज्जर को श्रद्धांजलि देने के लिए एक मिनट का मौन धारण किया. कनाडा की संसद में हुए इस कृत्य ने एक बार फिर से ये स्पष्ट कर दिया है कि कनाडा भारत के खिलाफ साजिश रचने वाले खालिस्तानी आतंकियों और समर्थकों से सहानुभूति रखता है


Canada On Nijjar: कनाडा ने एक बार फिर खालिस्तानी समर्थकों के प्रति अपना प्रेम दिखाया है. कनाडा की संसद ने खालिस्तान टाइगर फोर्स के आतंकी हरदीप निज्जर को श्रद्धांजलि देने के लिए एक मिनट का मौन धारण किया. कनाडा की संसद में हुए इस कृत्य ने एक बार फिर से ये स्पष्ट कर दिया है कि कनाडा भारत के खिलाफ साजिश रचने वाले खालिस्तानी आतंकियों और समर्थकों से न केवल सहानुभूति रखता है बल्कि उनका समर्थन भी करता है.

कनाडा की संसद जिसे हाउस ऑफ़ कॉमन्स भी कहते हैं, में पहले सदन के स्पीकर ग्रेग फर्ग्स ने निज्जर के लिए शोक सन्देश पढ़ा, उसके बाद सदन में मौजूद सभी सांसदों ने 1 मिनट के लिए मौन भी रखा.

बता दें कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाल ही में इटली में आयोजित जी-7 समिट में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात भी की थी. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने जी-7 समिट के अवसर पर ये भी कहा था कि ये भारत की नई सरकार के साथ आर्थिक संबंधों और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करने का मौका है.

ट्रूडो ने पीएम मोदी के लिए ट्वीट भी किया था

ट्रूडो ने ट्वीट में लिखा था कि जी-7 समिट की सबसे अच्छी बात ये है कि यहां बड़े पैमाने में वैश्विक नेताओं के साथ सीधे जुड़ने का अवसर मिलता है. इन राष्ताराध्यक्षों में ऐसे देशों के राष्ट्राध्यक्ष भी शामिल होते हैं, जिनके साथ कुछ मुद्दों पर असहमतियां होती हैं, जिनमें भारत भी एक है. भारत और कनाडा के लोगों के बीच एक संबंध है, जो बहुत महत्वपूर्ण आर्थिक संबंध है.

ट्रूडो ने ये भी कहा था कि भारत और कनाडा के लोगों के बीच काफी गहरे सम्बन्ध हैं.


2023 में हुई थी निज्जर की हत्या

ज्ञात रहे कि 2023 में सर्रे में स्थित एक गुरूद्वारे के बाहर निज्जर की हत्या कर दी गयी थी. जिसके बाद कनाडा के प्रधानमंत्री ने ये कहा था कि निज्जर की हत्या के मामले में भारत के शामिल होने के सबूत मिल रहे हैं, जिसके बाद भारत और कनाडा के बीच राजनयिक तनाव बढ़ गया था. भारत ने भी ट्रूडो और उनकी पार्टी पर खालिस्तानियों को लुभाने के लिए वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया था. उसके बाद से ही भारत और कनाडा के बीच रिश्तों में उतर चड़ाव जारी है.

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