ट्रंप का टैरिफ वार चीन पर नजर आ रहा बेअसर, पहली तिमाही में जबरदस्त ग्रोथ
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का मानना है कि चीन के खिलाफ टैरिफ ही उनकी अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर होगा। इन सबके बीच पहली तिमाही में चीन के ग्रोथ पर असर नजर नहीं आ रहा।

ट्रंप का टैरिफ वार चीन पर नजर आ रहा बेअसर, पहली तिमाही में जबरदस्त ग्रोथ

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ के जरिए चीन पर नकेल कसने की कोशिश की है। लेकिन पहली तिमाही में ग्रोथ के मामले में चीन को शानदार बढ़त हासिल हुई है।


अमेरिका द्वारा लगाए गए कड़े टैरिफ अटैक के बीच चीन की अर्थव्यवस्था ने साल 2024 की पहली तिमाही में अनुमान से बेहतर प्रदर्शन किया है। जनवरी से मार्च तिमाही के दौरान चीन की जीडीपी ग्रोथ 5.4% रही है, जबकि विश्लेषकों का अनुमान था कि यह 5.1% तक ही सीमित रहेगी। यह सकारात्मक आंकड़ा ऐसे समय में आया है जब अमेरिका ने चीन पर 145% तक का टैरिफ लगा रखा है। हालांकि यह ध्यान देने योग्य है कि ये टैरिफ अप्रैल से प्रभावी हुए हैं, यानी पहली तिमाही पर इनका असर नहीं पड़ा।

दूसरी तिमाही में असर की आशंका

विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिकी टैरिफ का वास्तविक प्रभाव दूसरी तिमाही (अप्रैल-जून) में नजर आ सकता है। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने 2 अप्रैल से टैरिफ अटैक शुरू किया था, जिसका उद्देश्य चीन पर दबाव बनाना था। इसके जवाब में चीन ने भी अमेरिकी उत्पादों पर 125% तक का टैक्स लगा दिया है।

ट्रंप सरकार ने भारत समेत अन्य देशों के साथ 90 दिनों के लिए टैरिफ लगाने को टाल दिया है, ताकि किसी व्यापारिक समझौते पर सहमति बनाई जा सके। लेकिन चीन को लेकर ट्रंप का रुख अब भी सख्त बना हुआ है। विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि यदि यह ट्रेड वॉर लंबा चलता है तो वैश्विक मंदी की स्थिति भी पैदा हो सकती है।

चीन की रणनीति: घरेलू मांग और निवेश को बढ़ावा

चीन ने इस चुनौतीपूर्ण माहौल में घरेलू मांग को बढ़ावा देने और निवेश के लिए अनुकूल माहौल तैयार करने की रणनीति अपनाई है। नौकरियों को बचाना सरकार की प्राथमिकता बन गया है, खासकर ऐसे समय में जब एक्सपोर्ट इंडस्ट्री पर दबाव बढ़ रहा है। चीनी सरकार और सेंट्रल बैंक महंगाई को नियंत्रित रखने और मांग बनाए रखने के उपायों में जुटे हैं।

चीन की अर्थव्यवस्था पर नजर रखने वाले विशेषज्ञ शु तियानचेन के अनुसार, “हर साल पहली तिमाही में चीन की ग्रोथ अच्छी रहती है, लेकिन उसके बाद थोड़ी कमजोरी आती है। इस बार अमेरिकी टैरिफ अटैक का अतिरिक्त दबाव है। जुलाई में जब दूसरी तिमाही के आंकड़े आएंगे, तब इसका असर साफ नजर आ सकता है।”

भारत, चीन और जापान को एशिया की आर्थिक त्रिमूर्ति माना जाता है। ऐसे में चीन की पहली तिमाही की मजबूती एशियाई अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत है। लेकिन अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर का दीर्घकालिक असर कितना गंभीर होगा, यह आने वाली तिमाहियों में स्पष्ट होगा। फिलहाल, चीन सरकार की रणनीति यही है कि घरेलू स्तर पर खपत और निवेश को बढ़ाकर वैश्विक दबाव का मुकाबला किया जाए।

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