
जंग की तरफ बढ़ रहे US-चीन? ट्र्ंप के टैरिफ बयान पर छिड़ी जंग!
Trump tariff hike: ट्रंप द्वारा चीनी उत्पादों पर शुल्क 10% से बढ़ाकर 20% किए जाने के बाद चीन ने इस कदम पर कड़ी आपत्ति जताई है.
Donald Trump tariff allegation: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ बढ़ोतरी के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया था. ऐसे में अब चीन ने ट्रंप के आरोपों का तीखा जवाब दिया है. चीनी दूतावास ने कहा कि अगर अमेरिका जंग चाहता है तो वह किसी भी प्रकार के युद्ध के लिए तैयार है. चीन के दूतावास ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि अगर अमेरिका को युद्ध चाहिए— चाहे वह शुल्क युद्ध हो, व्यापार युद्ध हो या कोई और प्रकार का युद्ध हो, हम अंत तक लड़ने के लिए तैयार हैं.
ट्रंप का आरोप
ट्रंप ने अपने संबोधन में कहा कि कई देशों ने दशकों से अमेरिका के खिलाफ शुल्क लगाए हैं. अब हमारी बारी है. यूरोपीय संघ, चीन, ब्राजील, भारत, मेक्सिको और कनाडा जैसे देश हमसे अधिक शुल्क वसूलते हैं. जो हमारे लिए अन्यायपूर्ण है. उदाहरण के तौर पर,भारत हमसे 100% से अधिक शुल्क वसूलता है. जबकि चीन का शुल्क हमारे शुल्क से दोगुना है और दक्षिण कोरिया का शुल्क हमारे शुल्क से चार गुना अधिक है. यह सिस्टम अमेरिका के लिए असमान और अनुचित है और अब अमेरिका को भी इन देशों पर शुल्क लगाने का अधिकार मिलना चाहिए.
अमेरिका की शुल्क वृद्धि
ट्रंप द्वारा चीनी उत्पादों पर शुल्क 10% से बढ़ाकर 20% किए जाने के बाद चीन ने इस कदम पर कड़ी आपत्ति जताई है. चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि अमेरिकी शुल्क वृद्धि विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों का उल्लंघन है और इससे दोनों देशों के आर्थिक रिश्तों पर नकारात्मक असर पड़ेगा.
फेंटानिल संकट पर चीन की प्रतिक्रिया
अमेरिकी राष्ट्रपति ने चीन पर यह आरोप लगाया कि वह फेंटानिल और अन्य शक्तिशाली ओपिओइड्स के अमेरिका में प्रवेश को रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रहा है. इसके जवाब में चीन ने कहा कि फेंटानिल का मुद्दा एक कमजोर बहाना है, जिसे अमेरिका चीन पर दबाव डालने के लिए इस्तेमाल कर रहा है. चीनी विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि अमेरिका खुद फेंटानिल संकट का जिम्मेदार है. हम अमेरिकी लोगों की मदद करने के लिए कदम उठा रहे हैं. लेकिन अमेरिका हमारे प्रयासों को नकारते हुए चीन को दोषी ठहराने की कोशिश कर रहा है. हमसे मदद लेने के बजाय, अमेरिका हमें दंडित कर रहा है. इससे न केवल अमेरिका की समस्या का समाधान होगा, बल्कि यह दोनों देशों के बीच नशीली दवाओं के खिलाफ सहयोग को भी कमजोर करेगा.
चीन का मैसेज
चीन ने स्पष्ट किया कि धमकियों, दबाव और बल प्रयोग से उसकी नीतियों में कोई बदलाव नहीं होगा. अगर अमेरिका फेंटानिल संकट को हल करना चाहता है तो सही तरीका यह होगा कि वह चीन के साथ समानता और सम्मान के साथ बात करे. धमकियां और दबाव का उपयोग करके कोई समाधान नहीं निकलेगा. यह न केवल गलत है, बल्कि चीन के खिलाफ गलत तरीके से कार्रवाई करने जैसा है.