राहुल गांधी पढ़े-लिखे रणनीतिकार, करोड़ों खर्च कर भी नहीं मिलता है ऐसा नजरिया: सैम पित्रोदा
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राहुल गांधी पढ़े-लिखे रणनीतिकार, करोड़ों खर्च कर भी नहीं मिलता है ऐसा नजरिया: सैम पित्रोदा

अमेरिका में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी 'पप्पू नहीं' हैं.


Congress Leader Sam Pitroda: अमेरिका के टेक्सास में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने सोमवार को कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी "पप्पू नहीं" हैं. बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अक्सर राहुल गांधी को "पप्पू" कहकर उनका मजाक उड़ाती है.

सैम पित्रोदा ने कहा कि राहुल गांधी एक उच्च शिक्षित रणनीतिकार हैं. उनके पास एक ऐसा दृष्टिकोण है, जो भाजपा द्वारा करोड़ों रुपये खर्च करके प्रचारित किए जाने वाले दृष्टिकोण से बिलकुल अलग है. मैं आपको बता दूं कि वह कोई पप्पू नहीं हैं. वह उच्च शिक्षित, पढ़े-लिखे, किसी भी विषय पर गहरी सोच रखने वाले रणनीतिकार हैं और कभी-कभी उन्हें समझना बहुत आसान नहीं होता है.

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने कहा कि राहुल गांधी समावेशिता के हिमायती हैं. पचास के दशक की शुरुआत में स्कूल जाते समय गांधीवादी विचार हमारी शिक्षा का मूल थे. समावेश और विविधता केवल शब्द नहीं थे- यह वह था, जिसके द्वारा हम जीते हैं और जब मैं अपने समाज में परिवर्तन देखना शुरू करता हूं, जो मूल संरचना पर हमला करता है, तो मुझे इसकी चिंता होती है. इसलिए विचार यह है कि हम यह सुनिश्चित करें कि हम जाति, धर्म, भाषा या राज्य के बावजूद अपने लोगों का सम्मान करें. हम सभी के लिए समान अवसर पैदा करते हैं. हम श्रमिकों को सम्मान प्रदान करते हैं और ये वे मुद्दे हैं, जिनकी राहुल गांधी वकालत कर रहे हैं और इससे मुझे बहुत खुशी होती है.

पित्रोदा ने कहा कि राहुल गांधी का एजेंडा विविधता का जश्न मनाना है. उनका एक अलग एजेंडा है, जो उस चीज पर अधिक केंद्रित है, जिसे हम लंबे समय से संबोधित करने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन ठीक से संबोधित नहीं कर पाए हैं और वह है समावेश, विविधता का जश्न.

पित्रोदा ने समझाया कि लोकतंत्र इतना सरल नहीं है और इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता. लोकतंत्र के लिए हमारे जैसे बड़ी संख्या में लोगों के काम की आवश्यकता होती है. हम इसे हल्के में नहीं ले सकते. क्योंकि ऐसे लोग हैं, जो लोकतंत्र को हाईजैक करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. हमने इसे कई देशों में देखा है. स्वतंत्रता के समय, स्वतंत्रता आंदोलन को लेकर बहुत जोश था और गांधी, नेहरू, मौलाना आज़ाद, सरदार पटेल और सुभाष चंद्र बोस जैसे नेता इस बात को लेकर बहुत स्पष्ट थे कि वे किस तरह का राष्ट्र बनाना चाहते हैं. हर कोई समझता था कि स्वतंत्रता का क्या मतलब है और स्वतंत्र भारत क्या अवसर पैदा करेगा. मैं चाहता हूं कि आप इंडियन ओवरसीज कांग्रेस में शामिल हों. हमारी गतिविधियों की गुणवत्ता और हमारे सदस्यों की संख्या में सुधार करें और अधिक विविध लोगों के समूह को शामिल करें. बता दें कि राहुल गांधी वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका के दौरे पर हैं, जहां वे कई संवादों में भाग लेंगे.

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