
आस्ट्रेलियाई संसद में बुर्का पहनकर विवादित प्रदर्शन, सांसद की तीखी आलोचना
हैंसन ने बुर्का हटाने से इनकार कर दिया और इसके बाद संसद की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। यह दूसरी बार है, जब उन्होंने संसद में मुस्लिम परिधान पहनकर प्रदर्शन किया है।
ऑस्ट्रेलिया की संसद में सोमवार को दक्षिणपंथी राजनीतिज्ञ पौलिन हैंसन ने बुर्का पहनकर प्रवेश किया, जिससे भारी विरोध और आलोचना हुई। अन्य विधायकों ने इसे 'जातिवादी' करार दिया। एंटी-इमिग्रेशन पार्टी वन नेशन की सदस्य हैंसन उस बिल को पेश करना चाह रही थीं, जो ऑस्ट्रेलिया में पूरा चेहरा ढकने वाले कपड़ों पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव करता है। यह वही नीति है, जिसके लिए उन्होंने दशकों से अभियान चलाया है। जब कुछ ही मिनटों बाद अन्य विधायकों ने उन्हें यह बिल पेश करने से रोक दिया तो हैंसन ने काले बुर्के में वापसी की और बैठक में बैठ गईं।
इस प्रदर्शन पर उनके पार्टी के संसद सदस्यों ने भी भारी नाराज़गी जताई। ऑस्ट्रेलियन ग्रीन्स की नेता लारिसा वॉर्टर ने इसे विश्वास रखने वालों को तिरस्कार करार दिया और कहा कि यह बेहद जातिवादी और असुरक्षित है। विदेश मंत्री पेननी वोंग ने इसे "असम्मानजनक" बताते हुए निंदा की। उन्होंने कहा कि हम सभी इस सदन में आने का बड़ा सौभाग्य रखते हैं। हम अपने राज्यों में हर धर्म और पृष्ठभूमि के लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं और हमें इसे शालीनता से करना चाहिए।
हैंसन ने बुर्का हटाने से इनकार कर दिया और इसके बाद संसद की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। यह दूसरी बार है, जब उन्होंने संसद में मुस्लिम परिधान पहनकर प्रदर्शन किया है। साल 2017 में भी उन्होंने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए पूर्ण बुर्का पहनकर संसद में प्रवेश किया था और इसे आतंकवाद से जोड़कर दिखाया था।
हैंसन ने इस्लाम को "एक ऐसी संस्कृति और विचारधारा जो हमारे साथ असंगत है" बताया है। उनकी पार्टी को समर्थन बढ़ा है, जबकि देश की मुख्य कंजरवेटिव विपक्षी पार्टी अंदरूनी विवादों में उलझी हुई है। इस महीने ऑस्ट्रेलियन फाइनेंशियल रिव्यू द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में हैंसन की पार्टी को रिकॉर्ड 18 प्रतिशत समर्थन मिला। इस बीच सितंबर में एक सरकारी प्रतिनिधि ने कहा था कि ऑस्ट्रेलिया ने बढ़ती इस्लामोफोबिया को प्रभावी ढंग से रोकने में नाकामयाबी दिखाई है।

