'यह कोई हैरानी की बात नहीं', भगोड़े जाकिर नाइक की पाकिस्तान यात्रा पर भारत का बयान
विवादित इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक नफरत फैलाने वाले भाषण और आतंकवाद से जुड़े आरोपों के लिए भारत से भगौड़ा घोषित है.
Zakir Naik Pakistan visit: विवादित इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक नफरत फैलाने वाले भाषण और आतंकवाद से जुड़े आरोपों के लिए भारत से भगौड़ा घोषित है. इसी बीच उसने 1 अक्टूबर को पाकिस्तान का दौरा किया, जहां इस्लामाबाद में उसका गर्मजोशी से स्वागत किया गया. ऐसे में भारत सरकार ने शुक्रवार को जाकिर नाइक की पाकिस्तान यात्रा को 'निराशाजनक और निंदनीय' बताया. हालांकि, भारत सरकार ने कहा कि ये देखकर उसको हैरानी नहीं हुई है.
विदेश मंत्री के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमने रिपोर्ट देखी है कि जाकिर नाइक पाकिस्तान में लाया गया है और उसका वहां गर्मजोशी से स्वागत किया गया है. हमारे लिए यह आश्चर्यजनक नहीं है कि एक भारतीय भगोड़े का पाकिस्तान में उच्च स्तरीय स्वागत किया गया है. यह निराशाजनक और निंदनीय है. लेकिन आश्चर्यजनक नहीं है.
साल 2016 से निर्वासन में रह रहे नाइक ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से भी मुलाकात की, जिन्होंने इस्लाम पर उनके भाषणों के लिए उनकी प्रशंसा की. जाकिर नाइक की पाकिस्तान यात्रा सरकार के निमंत्रण पर हुई थी और यह तीन दशकों से अधिक समय में देश में उनकी पहली यात्रा है. इस दौरान वह कराची, इस्लामाबाद और लाहौर सहित प्रमुख शहरों में भाषण देंगे.
मनी लॉन्ड्रिंग और चरमपंथ को बढ़ावा देने के आरोपों के बाद नाइक 2016 में भारत से भाग गया था और तत्कालीन प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद द्वारा उसे मलेशिया में स्थायी निवास प्रदान किया गया था. भारत में उसकी विवादास्पद प्रतिष्ठा और चल रहे कानूनी मुद्दों को देखते हुए पाकिस्तान की उसकी यात्रा ने नए सिरे से ध्यान आकर्षित किया है.
जाकिर नाइक
58 वर्षीय नाइक इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) का संस्थापक है. पेशे से डॉक्टर, वह अंग्रेजी में भड़काऊ भाषण देने के लिए जाना जाता है. जबकि कई अन्य इस्लामी उपदेशक उर्दू या अरबी का उपयोग करते हैं. उसका जन्म 18 अक्टूबर, 1965 को मुंबई में अब्दुल करीम नाइक और रोशन नाइक के घर हुआ था. उसने किशनचंद चेलाराम कॉलेज में पढ़ाई की और फिर टोपीवाला नेशनल मेडिकल कॉलेज से चिकित्सा की पढ़ाई की, जहां से उन्होंने बैचलर ऑफ़ मेडिसिन एंड सर्जरी (एमबीबीएस) की डिग्री हासिल की. मनी लॉन्ड्रिंग और नफरत फैलाने वाले भाषणों के सिलसिले में इसे भारत में प्रतिबंध का सामना करना पड़ रहा है. भारत ने 2016 में IRF पर भी प्रतिबंध लगा दिया था. इस पर आरोप लगाया था कि यह अपने अनुयायियों को दुश्मनी और नफरत को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है. जुलाई 2016 में बांग्लादेशी अधिकारियों ने दावा किया था कि ढाका के एक कैफे पर हमला करने वालों में से एक ज़ाकिर नाइक से प्रेरित था, जिसके बाद वह भारत से भाग गया था. इस घटना में 22 लोग मारे गए थे. एनआईए ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धारा 10 और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किया, जिसे भारतीय न्याय संहिता द्वारा बदल दिया गया है.