राहुल गांधी बोले: भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा लोकतंत्र पर हमला
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राहुल गांधी बोले: भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा लोकतंत्र पर हमला

राहुल गांधी ने लोकतंत्र पर हो रहे हमले को भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया। उन्होंने भारत और चीन की व्यवस्थाओं की तुलना करते हुए कहा कि भारत अधिनायकवादी मॉडल को नहीं अपना सकता।


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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कोलंबिया की ईआईए यूनिवर्सिटी (EIA University) में एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि भारत के सामने सबसे बड़ा खतरा लोकतंत्र पर हो रहा हमला है। राहुल ने कहा कि भारत एक विविधताओं से भरा देश है जिसमें अनेक भाषाएं, संस्कृतियां, परंपराएं और धर्म मौजूद हैं और यही इसकी ताकत है। लेकिन मौजूदा समय में इन सभी को बराबर जगह नहीं दी जा रही, जिससे लोकतांत्रिक प्रणाली खतरे में है।

राहुल गांधी ने कहा कि भारत 1.4 अरब लोगों का देश है, जिसमें अपार संभावनाएं हैं। लेकिन भारत और चीन की व्यवस्था एकदम अलग है। चीन केंद्रीकृत है, जबकि भारत विकेन्द्रीकृत है और बहु-भाषाई, बहु-धार्मिक और सांस्कृतिक विविधताओं से भरा हुआ है।

भारत में लोकतंत्र पर हो रहा है हमला

राहुल गांधी ने कहा कि भारत की संरचना में कुछ खामियां हैं, जिन्हें ठीक करने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि भारत में लोकतंत्र पर एक समग्र हमला हो रहा है। भारत को एक ऐसा देश बताया, जहां अलग-अलग विचारों, धर्मों और परंपराओं को संवाद और स्थान की ज़रूरत है और इसके लिए लोकतांत्रिक व्यवस्था सबसे उपयुक्त है।

भारत चीन जैसा अधिनायकवादी देश नहीं बन सकता

राहुल गांधी ने चीन की तुलना में भारत की भिन्नता पर जोर देते हुए कहा कि भारत जैसे देश में अधिनायकवादी (authoritarian) प्रणाली नहीं चल सकती। उन्होंने कहा कि हमारा डिज़ाइन ऐसा नहीं है कि लोगों को दबाया जाए। हमें बहुभाषी, बहु-धार्मिक समाज को पनपने देना होगा।

ऊर्जा संक्रमण की दौड़ में भारत कहां है?

राहुल ने कहा कि इतिहास में जब भी ऊर्जा के स्रोत बदले हैं, तब नई ताकतें उभरकर सामने आई हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि ब्रिटेन तब महाशक्ति बना, जब उसने स्टीम इंजन और कोयले को नियंत्रित किया और अमेरिका तब उभरा, जब उसने पेट्रोल और इंजन का नेतृत्व किया। अब दुनिया बैटरी और इलेक्ट्रिक मोटर की ओर बढ़ रही है और इस ऊर्जा संक्रमण की दौड़ में असल लड़ाई अमेरिका और चीन के बीच है।

भारत इस टकराव के बीच में बैठा है

राहुल गांधी ने कहा कि चीन की दृष्टि भू-आधारित (terrestrial) है, जबकि अमेरिका समुद्र-आधारित (maritime) सोच रखता है। भारत इन दोनों के बीच एक रणनीतिक स्थान पर मौजूद है। भारत चीन का पड़ोसी है और अमेरिका का करीबी साझेदार भी। हम इन दो ताकतों के टकराव के केंद्र में बैठे हैं।

अमेरिका में ट्रंप की राजनीति पर टिप्पणी

राहुल गांधी ने अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की राजनीति पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि ट्रंप के ध्रुवीकरण अभियान का मुख्य निशाना बेरोजगार लोग हैं — खासतौर पर वे, जिन्होंने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में अपनी नौकरियां खोई हैं। भारत में भी इसी समस्या की ओर इशारा करते हुए राहुल ने कहा कि भारत एक सेवा आधारित अर्थव्यवस्था है, जहां मैन्युफैक्चरिंग क्षमता नहीं होने की वजह से रोजगार पैदा नहीं हो पा रहे। चीन ने यह दिखा दिया है कि बिना लोकतंत्र के भी उत्पादन किया जा सकता है, लेकिन हमें एक लोकतांत्रिक मॉडल में उत्पादन प्रणाली विकसित करनी है, जो चीन से प्रतिस्पर्धा कर सके।

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