130 मीटर दूर से साधे निशाने में ट्रंप तो बच गए, सीक्रेट सर्विस को नहीं लगी भनक ?
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130 मीटर दूर से साधे निशाने में ट्रंप तो बच गए, सीक्रेट सर्विस को नहीं लगी भनक ?

ये बात तो सच है सीक्रेट सर्विस के स्नाइपर डोनाल्ड ट्रंप के हमलावर को मार गिराने में कामयाब हुए. लेकिन सवाल भी है कि वो इस खतरे को क्यों नहीं भांप सके.


Donald Trump News: पेंसिलवेनिया में डोनाल्ड ट्रंप चुनावी रैली में मेक अमेरिका ग्रेट अगेन का राग अलाप रहे थे. पोडियम पर उनके साथ और नीचे मतदाता ध्यान से उनकी बात सुन रहे थे. एकाएक गोलियों की आवाज गूंजती है. किसी को कुछ समझ में नहीं आता. ट्रंप एकाएक नीचे झुकते हैं और उसके बाद उनके ठीक बगल में बैठे लोग भी वैसा ही करते हैं.इतने में सीक्रेट सर्विस के एजेंट पोडियम पर पहुंच कर ट्रंप को कवर देते हैं. कुछ देर बाज ट्रंप सामने आते हैं और उनके चेहरे पर खून दिखाई देता है. उनका कहना है कि गोली उनकी दाईं कान को चीरते निकली थी.फायरिंग की वारदात में एक शख्स की मौत होने के साथ ही हमलावर भी मारा जा चुका है. अब आपके मन में भी सवाल उठ रहा होगा कि सीक्रेट सर्विस एजेंट्स के रहते हुए इतनी बड़ी वारदात को कैसे अंजाम दिया गया.

हमले में एआर-15 हथियार का इस्तेमाल

इस मामले में अब तक जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक हमलावर पेंसिलवेनिया के बेथेल पार्क का रहने वाला है। उसकी उम्र 20 वर्ष, नाम मैथ्यू क्रूक्स है. उसने जिस हथियार का इस्तेमाल किया था उसका नाम एआर 15 है. उसने 130 मीटर की दूरी से ट्रंप को निशाना बनाया था. ट्रंप जहां से भाषण(बटलर फार्म शो ग्राउंड) दे रहे थे वहां से हमलावर एक मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी की छत पर था. खुली जगह की वजह से हमलावर को निशाना साधने में दिक्कत नहीं हुई, वो साफ साफ अपने टारगेट को देख सकता था. यहां बता दें कि हमलावर को सीक्रेट्स एजेंट्स ने तुरंत मार गिराया. दरअसल जहां से ट्रंप भाषण दे रहे थे उसके ठीक पीछे एक गोदाम की छत पर सीक्रेट सर्विस के स्नाइपर भी तैनात थे. उन्होंने करीब 200 मीटर से हमलावर को मार गिराया. लेकिन सवाल है कि इस घटना के पहले सीक्रेट सर्विस से जुड़े लोग खतरे को क्यों नहीं भांप सके.

सुरक्षा में बड़ी चूक

ब्लैक हाल कहते हैं कि वो खुद स्नाइपर एंप्लाइमेंट ऑफिसर रहे हैं. तस्वीरों के जरिए उन्होंने कहा कि इसमे सुरक्षा चूक की बड़ी लापरवाही है.वो कम से कम 100 से अधिक खतरनाक मिशन का हिस्सा रह चुके हैं. सिर्फ 120 से 130 मीटर की दूरी से हमलावर निशाना साध देता है. आप इसे आसान टारगेट कह सकते हैं. ट्रंप पर हमले के बाद सुरक्षा के बड़े जानकार भी हैरत में हैं, सीक्रेट सर्विस के एजेंट्स के बारे में कहा जाता है कि वो चूक की गुंजाइश नहीं छोड़ते. आपने इस केस में भी देखा होगा कि हमलावर ने 130 मीटर दूर से जैसे ही निशाना साधा ठीक उसी समय सीक्रेट सर्विस के काउंटर स्नाइपर्स ने हमलावर को मार गिराया था. लेकिन यह सब कार्रवाई तब हुई जब हमलावर ट्रंप पर निशाना साध चुका था. वो तो ट्रंप ही भाग्यशाली निकले अगर हमलावर सिर्फ दो सेंटीमीटर अंदर की तरफ निशाना साधने में कामयाब हुआ होता तो ट्रंप शायद नहीं बचते.
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