भारत–पाकिस्तान टकराव पर ट्रंप ने फिर किया दावा- संघर्ष में पांच जेट हुए तबाह
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भारत–पाकिस्तान टकराव पर ट्रंप ने फिर किया दावा- संघर्ष में पांच जेट हुए तबाह

Operation Sindoor: ट्रंप का बयान फिर से ऑपरेशन सिंदूर की याद दिलाता है. जो भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद मई में पाकिस्तान पर लॉन्च किया था.


India-Pakistan Confrontation: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में रिपब्लिकन सांसदों के साथ निजी डिनर के दौरान दावा किया कि हालिया भारत–पाक टकराव में पांच जेट हवा में ही गिराए गए. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट नहीं किया कि ये किस देश के विमान थे. ट्रंप ने यह बात सैन्य झड़प का उल्लेख करते हुए कही, जिसमें दोनों परमाणु संपन्न पड़ोसी देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंचा चुका था.

ऑपरेशन सिंदूर

ट्रंप का बयान फिर से ऑपरेशन सिंदूर की याद दिलाता है. जो भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद मई में पाकिस्तान पर लॉन्च किया था. पाकिस्तान का दावा रहा है कि उसने इस ऑपरेशन के दौरान भारतीय जेट को मार गिराया था. जिनमें तीन फ्रांसीसी राफेल विमान भी शामिल बताए गए और भारतीय पायलटों को भी पकड़ लिया गया. लेकिन कोई सबूत नहीं दिया गया.

भारत ने अपना नुकसान सार्वजनिक नहीं किया. हालांकि, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने शंघाई डायलॉग में यह स्वीकार किया कि भारतीय वायुसेना ने कुछ विमानों को खोया, लेकिन उसने पाकिस्तान के 6 विमान मार गिराए वाले दावों को खारिज किया और कहा कि संख्या मायने नहीं रखतीं. उन्होंने कहा कि भारत ने रणनीति बदली, शुरुआती भूलों से सीखा और पाकिस्तान के अंदर 300 किमी तक दूर तक सटीक अटैक किए.

राफेल विमान

भारत ने लगातार कहा है कि कोई राफेल विमान नहीं गिरा, न ही भारतीय पायलट पकड़े गए. Dassault Aviation के सीईओ एरिक ट्रैपीयर ने 15 जून को स्पष्ट कहा कि पाकिस्तान का तीन राफेल गिराने का दावा पूरी तरह गलत है. जब सारे आंकड़े सामने आएंगे तो सच का पता चलेगा.

संघर्ष विराम

ट्रंप ने दावा किया कि 10 मई का संघर्ष विराम अमेरिकी कूटनीति के कारण संभव हुआ था. उन्होंने कहा कि भारत–पाकिस्तान दोनों परमाणु देश थे, जो लड़ाई तेज कर रहे थे. हमने कहा कि ‘तुम लोग व्यापार करना चाहते हो तो हथियार नहीं चलाओ’. भारत ने ट्रंप के इस दावे से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हस्तक्षेप की बात को स्पष्ट रूप से खारिज किया और कहा कि दोनों देशों ने दो-पक्षीय तौर पर समाधान निकाला, न कि किसी तीसरे देश के दबाव में.

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