ट्रंप की धमकी- ईरान ने फिर परमाणु ठिकाने बनाए तो होगा हमला
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ट्रंप की धमकी- 'ईरान ने फिर परमाणु ठिकाने बनाए तो होगा हमला'

Middle East crisis: डोनाल्ड ट्रंप ने साफ किया है कि ईरान दोबारा अपने परमाणु ठिकानों का निर्माण शुरू करता है तो अमेरिका भविष्य में उस पर फिर से हमला कर सकता है.


US-Iran tension: एक बार फिर पश्चिम एशिया की जमीन पर जंग के बादल मंडरा रहे हैं और इस बार चेतावनी सीधे व्हाइट हाउस से आई है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को खुली धमकी दे डाली है. उन्होंने कहा कि अगर तुमने फिर से परमाणु ठिकानों को छेड़ा तो हम दोबारा हमला करेंगे! यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब इजरायल और ईरान के बीच हालिया युद्धविराम लागू हुआ है और पूरी दुनिया सांस रोककर हालात को देख रहा है. लेकिन क्या यह शांति टिक पाएगी या फिर एक और बड़ी मुसीबत दुनिया के सिर पर मंडरा रही है?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ किया है कि ईरान दोबारा अपने परमाणु ठिकानों का निर्माण शुरू करता है तो अमेरिका भविष्य में उस पर फिर से हमला कर सकता है. NATO शिखर सम्मेलन के दौरान जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या अमेरिका दोबारा ईरान पर हमला करेगा, अगर वह परमाणु गतिविधियां फिर से शुरू करता है तो उन्होंने जवाब दिया — “बिलकुल.” NATO सम्मेलन के दौरान अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ और विदेश मंत्री मार्को रुबियो ट्रंप के साथ उपस्थित थे.

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने दावा किया कि अमेरिकी B-2 बमवर्षकों द्वारा शनिवार को किए गए हमले के बाद ईरानी परमाणु ठिकानों का "नक्शे से नामोनिशान मिट चुका है". उन्होंने कहा कि फोर्डो, नतांज और इस्फहान में स्थित तीन प्रमुख परमाणु स्थलों को पूरी तरह तबाह कर दिया गया है. हालांकि, एक शुरुआती अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि इन हमलों से ईरान की परमाणु क्षमता पूरी तरह खत्म नहीं हुई, बल्कि कुछ महीनों के लिए पीछे जरूर धकेल दी गई है. जब ट्रंप से इस खुफिया रिपोर्ट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें असल में कुछ भी नहीं पता.

13 जून को शुरू हुआ था संघर्ष

इस पूरे टकराव की शुरुआत 13 जून को हुई, जब इजरायल ने अचानक हवाई हमला कर ईरान के परमाणु ठिकानों और शीर्ष सैन्य कमांडरों को निशाना बनाया. जवाब में ईरान ने भी इजरायली सैन्य ठिकानों और शहरों पर मिसाइलों की बौछार की. ईरान यह दावा करता रहा है कि वह परमाणु हथियार नहीं बना रहा है.

ट्रंप की मध्यस्थता से सीजफायर

12 दिन चले इस संघर्ष को रोकने के लिए ट्रंप ने मध्यस्थता कर सीजफायर करवाया, जो बुधवार सुबह तक प्रभावी बना हुआ था. हालांकि मंगलवार को ट्रंप ने दोनों देशों खासकर इजरायल को युद्धविराम की शुरुआत में ही उल्लंघन करने पर फटकार लगाई थी. दोनों देशों ने कहा है कि अगर दूसरा पक्ष समझौते का पालन करता है तो वे भी युद्धविराम का सम्मान करेंगे.

अमेरिकी हमलों का बैकग्राउंड

शनिवार को अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर बंकर बस्टर बमों से हमला किया. माना जा रहा है कि ईरान ने इन हमलों से पहले अपने संवर्धित यूरेनियम भंडार को ट्रांसफर कर दिया था. लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप ने इस दावे को खारिज किया है. ईरान ने जवाबी कार्रवाई में कतर स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे पर मिसाइलें दागीं. हालांकि ट्रंप ने बताया कि ईरान ने इस हमले की जानकारी पहले ही अमेरिका को दे दी थी, जिसके कारण कोई जनहानि नहीं हुई.

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