
डोनाल्ड ट्रंप का अब साफ बयान-मैं नहीं, मोदी और मुनीर ने रोका युद्ध
डोनाल्ड ट्रंप ने पहली बार भारत-पाक युद्ध रोकने का श्रेय खुद को नहीं दिया, बल्कि मोदी और पाक सेना प्रमुख को ‘स्मार्ट लीडर’ कहकर धन्यवाद दिया।
कई हफ्तों में पहली बार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम का श्रेय खुद को नहीं दिया। बुधवार 19 जून को व्हाइट हाउस में पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल असीम मुनीर के साथ लंच के बाद ट्रंप ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि दोनों देशों के बहुत चतुर नेताओं ने युद्ध को रोकने का निर्णय खुद लिया, जो संभावित रूप से परमाणु संघर्ष में बदल सकता था।
युद्ध से पीछे हटने का श्रेय मोदी-मुनीर को
ओवल ऑफिस में ट्रंप ने कहा कि मैंने उन्हें (जनरल मुनीर) आमंत्रित इसलिए किया ताकि उन्हें धन्यवाद दे सकूं कि वे युद्ध में नहीं गए। प्रधानमंत्री मोदी भी हाल ही में यहां थे। हम भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ व्यापार समझौते पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वो बहुत खुश हैं कि दो समझदार नेता और उनके सहयोगी भी इस बात पर सहमत हुए कि युद्ध को आगे नहीं बढ़ाना चाहिए। यह एक परमाणु युद्ध बन सकता था।
ईरान पर चर्चा और पाकिस्तान की भूमिका
जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या जनरल मुनीर के साथ ईरान पर चर्चा हुई, तो उन्होंने जवाब दिया कि वो ईरान को बहुत अच्छी तरह जानते हैं। वो इज़राइल के दुश्मन नहीं हैं लेकिन ईरान को बेहतर समझते हैं और वही देख रहे हैं जो हो रहा है।
पीएम मोदी से फोन पर बातचीत
ट्रंप और मोदी की 19 जून को कनाडा के कानानास्किस में आयोजित G7 शिखर सम्मेलन के इतर मुलाकात तय थी। लेकिन ट्रंप जल्दी वाशिंगटन लौट आए। प्रस्थान से पहले मोदी और ट्रंप के बीच 35 मिनट की फोन बातचीत हुई।विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कनाडा से वीडियो संदेश में बताया कि मोदी ने ट्रंप से स्पष्ट कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत-अमेरिका व्यापार या मध्यस्थता का कोई सवाल ही नहीं उठा। उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत कभी किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा और इस पर भारत में सर्वसम्मति है।
पाकिस्तान की पहल, भारत की सख्ती
भारत और पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों के बीच पहले से मौजूद संचार चैनलों के माध्यम से संघर्ष विराम पर समझ बनी, जिसकी पहल इस्लामाबाद ने की थी। मिस्री ने कहा कि मोदी ने साफ कर दिया कि आतंकवाद अब भारत के लिए प्रॉक्सी वॉर नहीं, बल्कि सीधा युद्ध है।
22 अप्रैल को पहलगाम हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ढांचे को खत्म करना था। चार दिन तक चले ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद 10 मई को दोनों देशों में युद्धविराम पर सहमति बनी। भारत के रक्षा सूत्रों के मुताबिक इसमें किसी तीसरे देश की भूमिका नहीं थी।
ट्रंप ने दिन में पहले कहा था उन्होंने युद्ध रोका। उन्हें पाकिस्तान से प्रेम है और मोदी बहुत अच्छे लगते हैं। हम व्यापार समझौते पर काम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जनरल मुनीर पाकिस्तान की ओर से युद्ध रोकने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।दो परमाणु ताकतें आमने-सामने थीं। उन्होंने रोका। लेकिन इसके बारे में शायद ही किसी मीडिया ने कुछ लिखा हो। ट्रंप ने भले इस बार युद्धविराम का श्रेय भारत और पाकिस्तान के नेताओं को दिया हो, लेकिन उन्होंने साथ ही दोहराया कि यह उनकी कूटनीतिक कोशिशों का ही परिणाम था। हालांकि भारत की ओर से स्पष्ट रूप से कहा गया कि ऑपरेशन सिंदूर पूरी तरह से भारत की सैन्य और राजनीतिक रणनीति का हिस्सा था जिसमें किसी तीसरे देश की कोई भूमिका नहीं थी।