
डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा दांव, अमेरिकी शहरों में गार्ड तैनाती पर बवाल
डोनाल्ड ट्रंप ने वॉशिंगटन डीसी में अपराध आपातकाल घोषित कर नेशनल गार्ड तैनात किए। अब शिकागो-बाल्टीमोर जैसे डेमोक्रेट शहरों में भी विस्तार की तैयारी कर रहे हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वॉशिंगटन डीसी में “क्राइम इमरजेंसी” घोषित कर नेशनल गार्ड की तैनाती की है। अब उन्होंने संकेत दिया है कि यह तैनाती शिकागो, बाल्टीमोर और न्यूयॉर्क जैसे अन्य डेमोक्रेट-शासित शहरों में भी बढ़ाई जा सकती है। इस कदम ने राजनीतिक और कानूनी विवाद खड़ा कर दिया है।
नेशनल गार्ड की तैनाती
तैनाती का आदेश: 25 अगस्त को ट्रंप ने रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ को निर्देश दिया कि “नेशनल गार्ड यूनिट्स” को देशभर में पब्लिक ऑर्डर संभालने के लिए तैयार किया जाए।
तैनाती का दायरा: रिपोर्ट्स के मुताबिक, आने वाले हफ्तों में 19 राज्यों में करीब 1,700 गार्ड सैनिक तैनात किए जा सकते हैं।
डीसी में कार्रवाई: अगस्त की शुरुआत में ट्रंप ने राजधानी में करीब 2,000 सैनिक तैनात करने का आदेश दिया। 22 अगस्त को उन्हें हथियार रखने की अनुमति भी दी गई।
नतीजे: अब तक 700 से ज्यादा गिरफ्तारियां हुई हैं, हालांकि प्रशासन ने आरोपों या पहचान की विस्तृत जानकारी नहीं दी।
डेमोक्रेट शहरों को निशाना
ट्रंप लगातार शिकागो और बाल्टीमोर को “आउट ऑफ कंट्रोल” बताते रहे हैं। उन्होंने शिकागो की मेयर को “अक्षम” कहा और न्यूयॉर्क में भी हस्तक्षेप का संकेत दिया। इलिनॉय के गवर्नर जेबी प्रिट्ज़कर ने कहा—“आप न तो यहां स्वागत योग्य हैं और न ही जरूरत।” मैरीलैंड के गवर्नर वेस मूर ने भी ट्रंप के फैसले की कड़ी आलोचना की।
शिकागो पर नजर
रिपोर्ट्स: वॉशिंगटन पोस्ट ने खुलासा किया कि पेंटागन शिकागो में ऑपरेशन की तैयारी कर रहा है।
हकीकत: शिकागो में हिंसक अपराधों में इस साल एक दशक में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज हुई है।
ट्रंप का बयान: फिर भी उन्होंने इसे “किलिंग फील्ड” करार दिया और डेमोक्रेटिक नेतृत्व को असफल बताया।
बढ़ता टकराव: फेडरल बनाम स्टेट
डेमोक्रेट गवर्नरों का आरोप: ट्रंप राजनीतिक अंक जुटाने के लिए फेडरल ताकत का दुरुपयोग कर रहे हैं। गवर्नर प्रिट्ज़कर ने कहा—“यह पब्लिक सेफ्टी का मामला नहीं है, बल्कि राजनीतिक डराने की कोशिश है। व्हाइट हाउस का तर्क यह है कि स्थानीय सरकारें अपराध रोकने में विफल रहीं, इसलिए फेडरल हस्तक्षेप जरूरी है।
कानूनी और संवैधानिक सवाल
संवैधानिक चुनौती: राष्ट्रपति राज्य की सहमति के बिना गार्ड तैनात कर सकते हैं या नहीं यह बड़ा सवाल है। आखिरी बार 1965 में राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन ने गवर्नर की अनुमति के बिना अलबामा में गार्ड भेजा था। विशेषज्ञों के मुताबिक रोज़मर्रा की कानून-व्यवस्था के लिए सेना का इस्तेमाल सैन्य-नागरिक संतुलन को तोड़ सकता है। कैलिफोर्निया ने पहले ही इमिग्रेशन एनफोर्समेंट में गार्ड इस्तेमाल को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाया है।